Authors
Abstract
Keywords
مقدمه
ناحیة مورد نظر در بخش میانی کمربند ماگمایی ارومیه دختر، شمال شهر اصفهان و جنوب و جنوب غرب شهرستان نطنز و بین طولهای جغرافیایی "30 '47 ˚51 و "05 '56 ˚51 شرقی و عرضهای جغرافیایی "30 '32 ˚33 و "12 ´26 ˚33 شمالی است. مهمترین پژوهش انجام شده در این ناحیه، تحقیق در قالب رسالة دکتری توسط Pourhoseini (1981) است که ضمن انجام 22 آنالیز XRF از چهارگوش مورد مطالعه به بررسی ژئوشیمی واحدهای سنگی منطقه بر اساس دادههای عناصر اصلی و تعدادی از عناصر فرعی Rb، Zr، Y، Sr و Nb پرداخته است. Pourhoseini (1981) با استفاده از دادههای مذکور پیشنهاد میکند که ماگمای سازندة این مجموعه از ذوب پوسته و یا گوشتة اقیانوسی حاصل شده و به هیچ وجه حاصل یک رژیم زمین ساخت کافتی نیست و نشاندهندة ادامة فرورانش پوستة اقیانوسی به زیر ورقة ایران مرکزی در پالئوژن است. همچنین دادههای ایزوتوپی Rb/Sr ارائه شده در این رساله سن5 ± 24 سال را برای مجموعة نفوذی مورد نظر در نظر میگیرد. یکی از ابهاماتی که در رابطه با واحدهای سنگی نفوذی نطنز وجود دارد، عدم هماهنگی کامل در دادههای ژئوشیمیایی و نیز سن نفوذ فازهای مافیک با دیگر فازهای نفوذی این مجموعه است که توسط Pourhoseini (1981) نیز اشاره شده است، اما با این وجود مدلی که برای ژنز این مجموعة نفوذی در رساله فوق در نظر گرفته شده است، مدل ساده AFC برای کل مجموعة نفوذی نطنز است.
در پژوهش حاضر سعی شده است ضمن بهرهگیری از آنالیزهای XRF ارائه شده در رسالة Pourhoseini (1981)، تعدادی دیگر آنالیز XRF و نیز آنالیز ICP-Ms (و استفاده از عناصر نادر خاکی) برای بررسی ویژگیهای ژئوشیمیایی واحدهای نفوذی این منطقه، مقایسة آنها با یکدیگر و ارائه یک مدل پتروژنتیکی همخوان با کلیة دادههای حاصل از آنالیز، فراهم شود.
زمینشناسی منطقه
مجموعة نفوذی نطنز به سن الیگو- میوسن و در مجاورت گسل نطنز (بخشی از گسل قم زفره) رخنمون دارند. این مجموعه با طیف ترکیبی از گابرو تا گرانیت در سنگهای آتشفشانی و آذرآواری چین خوردة ائوسن نفوذ کرده و هالة دگرگونی مجاورتی درحد رخساره آلبیت – اپیدوت هورنفلس و در شدیدترین موارد از نوع هورنبلند هورنفلس را در آنها به وجود آورده است (Pourhoseini, 1981). ترکیب سنگهای آتشفشانی ناحیة مورد نظر عمدتاً آندزیت، تراکیآندزیت، آندزیبازالت و توفهای اسیدی هستند. قدیمیترین رخنمونهای سنگی در منطقة مورد مطالعه، عمدتاً در بخشهای شمال و شمال غربچهارگوش مورد مطالعه هستند (شکل 1) و معادل سازند شمشک در نظر گرفته میشوند. واحدهای دیوریتی، گرانودیوریتی و کوارتزمونزونیتی سهم عمدهای را در مجموعة نفوذی نطنز به خود اختصاص دادهاند.
در این مجموعة نفوذی گابروها قدیمیترین واحد بودهاند، زیرا توسط دیوریت، گرانیت و رگههای آپلیتی قطع شدهاند و نتایج سن سنجی Rb/Sr که در رساله Pourhoseini (1981) ارائه شده نیز مؤید این مطلب است. بر اساس گزارش Pourhoseini (1981) و نیز مطالعات پتروگرافی انجام شده توسط هنرمند (1385) شش نوع سنگ آذرین درونی، شامل گابرو، دیوریت، کوارتزدیوریت، کوارتزمونزونیت، گرانودیوریت و مونزوگرانیت در این منطقه رخنمون دارند.
روش انجام پژوهش
پس از مطالعه دقیق پتروگرافی نمونهها 15 نمونه برای اندازه گیری عناصر اصلی و کمیاب (Ni، Cr، Pb، Th، Sr، Ba،Rb، Y، Zr، Nb و Ce) به دانشگاه Naruto در کشور ژاپن ارسال شد. در آنجا باستفاده از روش فلورسانس اشعة X، توسط دستگاه XRF-WD مدل Rigaku RIX 2000 نمونههای مذکور تجزیه شدند.
همچنین تعداد 6 نمونه (نماینده هر گروه سنگی در منطقه) برای تعیین عناصر کمیاب و نادر خاکی (بهطور کلی 38 عنصر) به شرکت Chemex ALS درکشور کانادا ارسال شد و مورد تجزیه قرار گرفت.
نتایج آنالیز شیمیایی در جدولهای شمارة 1 و 2 ارائه شده است. آخرین تحقیقی که در رابطه با ژئوشیمی سنگهای منطقه انجام شده مربوط به رسالة Pourhoseini (1981) است که در آن شیمی سنگ کل (شامل 22 آنالیز عناصر اصلی و تعدادی عناصر فرعی به روش XRF) ارائه شده است. در تحقیق مذکور ارتباط واحدهای مختلف منطقه با فرآیند سادة AFC بیان شده است.
همچنین، از نتایج 22 عدد آنالیز سنگ کل (شامل عناصر اصلی و عناصر Rb، Zr، Y، Sr و Nb) در رسالة Pourhoseini (1981) نیز استفاده شد.
شکل 1- نقشه زمینشناسی منطقه برگرفته از نقشههای 100000/1 نطنز و طرق (سازمان زمینشناسی و اکتشافات معدنی کشور) واحدهای غیر نفوذی منطقه به ترتیب سن عبارتند از: J-S شیل و ماسه سنگ سازند شمشک، E1 آندزیت پورفیری، E4 توف اسیدی، E6 تراکیآندزیت، E7 آندزی بازالت، E1-5 آندزیت و آندزیبازالت، E2-5 توف ریوداسیتی، E3-5 پیروکلاستیک آندزیتی، OM1 کنگلومرا و برش آندزیتی، Qt نهشتههای کواترنر.
جدول 1- نتایج تجزیه شیمیایی سنگهای نفوذی نطنز باستفاده از روش XRF
Sample No. |
HN 71 |
HN 68 |
HN 55 |
HN 48 |
HN 415 |
HN 419 |
HN 407 |
HN 402 |
HN 39 |
HN 37 |
HN 301 |
HN 29 |
HN 24 |
HN 120 |
HN 100 |
SiO2 |
64.54 |
74.87 |
75.57 |
69.72 |
77.36 |
69.96 |
44.23 |
56.83 |
72.57 |
53.91 |
65.47 |
72.45 |
70.72 |
54.24 |
70.12 |
TiO2 |
0.87 |
0.21 |
0.14 |
0.37 |
0.06 |
0.37 |
1.41 |
0.81 |
0.15 |
0.91 |
1.03 |
0.29 |
0.33 |
0.68 |
0.31 |
Al2O3 |
14.92 |
13.52 |
13.28 |
14.82 |
12.27 |
14.85 |
17.62 |
17.16 |
15.69 |
20.37 |
14.54 |
14.26 |
14.77 |
18.36 |
15.25 |
Fe2O3 |
6.40 |
1.52 |
1.53 |
3.63 |
0.86 |
3.44 |
15.19 |
8.73 |
0.79 |
3.06 |
5.93 |
2.54 |
3.06 |
8.22 |
3.65 |
MnO |
0.11 |
0.03 |
0.04 |
0.07 |
0.02 |
0.07 |
0.18 |
0.14 |
0.03 |
0.11 |
0.06 |
0.06 |
0.07 |
0.14 |
0.06 |
MgO |
2.02 |
0.37 |
0.32 |
1.12 |
0.06 |
1.07 |
6.57 |
4.13 |
0.51 |
5.27 |
1.65 |
0.76 |
0.95 |
5.02 |
0.84 |
CaO |
4.69 |
1.37 |
1.62 |
3.59 |
0.75 |
3.16 |
12.78 |
8.02 |
4.67 |
11.91 |
4.10 |
2.52 |
3.06 |
9.21 |
3.41 |
Na2O |
3.61 |
3.77 |
3.73 |
3.93 |
2.42 |
3.82 |
1.78 |
3.21 |
4.75 |
3.99 |
3.71 |
3.81 |
3.94 |
3.15 |
4.55 |
K2O |
2.68 |
4.31 |
3.77 |
2.68 |
6.21 |
3.20 |
0.2 |
0.84 |
0.78 |
0.25 |
3.23 |
3.27 |
3.04 |
0.88 |
1.71 |
P2O5 |
0.18 |
0.06 |
0.02 |
0.07 |
0.01 |
0.07 |
0.03 |
0.12 |
0.05 |
0.23 |
0.29 |
0.05 |
0.06 |
0.09 |
0.09 |
Total |
100.02 |
100.03 |
100.02 |
100.00 |
100.03 |
100.01 |
99.99 |
99.99 |
99.99 |
100.01 |
100.01 |
100.01 |
100.00 |
99.99 |
99.99 |
Ba |
434.4 |
496.14 |
408.78 |
399.01 |
152.51 |
657.11 |
62.61 |
235.12 |
281.13 |
95.41 |
660.12 |
533.12 |
398.51 |
159.46 |
408.80 |
Rb |
94.38 |
100.59 |
120.23 |
88.31 |
224.72 |
94.51 |
3.62 |
17.24 |
4.24 |
3.41 |
64.31 |
109.62 |
100.22 |
13.92 |
63.01 |
Sr |
203.21 |
103.78 |
111.21 |
235.42 |
41.02 |
193.52 |
402.1 |
272.12 |
465.79 |
471.21 |
241.21 |
169.72 |
191.53 |
467.20 |
250.20 |
Y |
27.62 |
22.31 |
19.21 |
19.51 |
2.39 |
17.49 |
12.70 |
24.31 |
16.77 |
14.21 |
44.12 |
19.83 |
20.11 |
12.31 |
19.81 |
Zr |
250.84 |
117.37 |
80.40 |
121.21 |
67.48 |
152.23 |
20.11 |
113.14 |
91.76 |
30.01 |
310.01 |
93.13 |
114.13 |
52.32 |
121.22 |
Nb |
8.81 |
13.71 |
4.97 |
4.55 |
1.59 |
6.19 |
0.81 |
3.60 |
3.04 |
1.71 |
16.61 |
6.35 |
5.14 |
2.33 |
4.65 |
Th |
12.97 |
29.84 |
24.62 |
12.84 |
41.12 |
17.25 |
0.38 |
6.06 |
10.87 |
1.43 |
14.45 |
18.13 |
18.43 |
1.41 |
7.21 |
Pb |
11.52 |
10.67 |
8.33 |
7.03 |
13.91 |
9.01 |
1.71 |
7.01 |
4.21 |
7.12 |
6.32 |
7.72 |
7.79 |
11.24 |
5.91 |
Ce |
43.47 |
34.79 |
29.74 |
29.89 |
20.68 |
45.73 |
7.60 |
21.13 |
18.22 |
16.89 |
74.31 |
31.32 |
34.58 |
13.61 |
18.3 |
جدول 2- نتایج تجزیه شیمیایی سنگهای نفوذی نطنز با استفاده از روش ICP-MS
Sample No. |
HN 37 |
HN 419 |
HN 407 |
HN 402 |
HN 301 |
HN 120 |
Ag |
< 1 |
< 1 |
< 1 |
< 1 |
< 1 |
< 1 |
Ba |
95.40 |
657.01 |
62.58 |
235.01 |
660.12 |
159.51 |
Ce |
16.89 |
45.71 |
7.56 |
21.03 |
74.32 |
13.62 |
Co |
9.78 |
6.71 |
39.62 |
25.49 |
11.00 |
24.12 |
Cr |
50.01 |
10.02 |
60.01 |
40.1 |
20.03 |
50.23 |
Cs |
0.25 |
2.64 |
0.28 |
0.66 |
0.67 |
0.73 |
Cu |
7.03 |
11.03 |
44.22 |
46.05 |
34.01 |
61.10 |
Dy |
2.69 |
2.71 |
2.43 |
4.17 |
7.86 |
2.11 |
Er |
1.52 |
1.89 |
1.52 |
2.71 |
4.89 |
1.39 |
Eu |
1.02 |
0.77 |
0.80 |
0.92 |
1.52 |
0.82 |
Ga |
17.03 |
15.23 |
19.00 |
17.12 |
16.82 |
17.52 |
Gd |
2.50 |
2.99 |
2.01 |
3.80 |
7.92 |
1.98 |
Hf |
0.93 |
4.72 |
0.801 |
3.62 |
9.30 |
1.53 |
Ho |
0.51 |
0.62 |
0.48 |
0.85 |
1.68 |
0.46 |
La |
8.03 |
25.63 |
3.70 |
9.68 |
35.82 |
6.42 |
Lu |
0.24 |
0.34 |
0.19 |
0.39 |
0.68 |
0.20 |
Mo |
< 2 |
7.01 |
< 2 |
< 2 |
< 2 |
< 2 |
Nb |
1.71 |
6.21 |
0.82 |
3.62 |
16.63 |
2.3 |
Nd |
9.68 |
16.79 |
5.63 |
12.63 |
36.58 |
7.71 |
Ni |
37.02 |
15.20 |
50.01 |
41.02 |
40.03 |
54.3 |
Pb |
7.03 |
9.21 |
< 5 |
7.03 |
6.32 |
11.23 |
Pr |
2.15 |
4.82 |
1.05 |
2.86 |
9.11 |
1.77 |
Rb |
3.41 |
94.51 |
3.58 |
17.04 |
64.32 |
13.90 |
Sm |
2.36 |
3.31 |
1.88 |
3.56 |
8.12 |
1.97 |
Sn |
1.00 |
1.03 |
1.01 |
1.0 |
2.03 |
1.01 |
Sr |
471.1 |
193.5 |
402.3 |
272.14 |
24.11 |
467.3 |
Ta |
0.11 |
0.51 |
0.13 |
0.32 |
1.23 |
0.11 |
Tb |
0.45 |
0.46 |
0.41 |
0.71 |
1.38 |
0.34 |
Th |
1.43 |
17.25 |
0.38 |
6.06 |
14.45 |
1.41 |
Tl |
< 0.5 |
< 0.5 |
< 0.5 |
< 0.5 |
< 0.5 |
< 0.5 |
Tm |
0.20 |
0.31 |
0.22 |
0.41 |
0.73 |
0.20 |
U |
0.64 |
4.41 |
0.13 |
1.47 |
3.45 |
0.39 |
V |
164.04 |
54.20 |
523.02 |
205.2 |
110.2 |
184.21 |
W |
3.02 |
82.03 |
4.21 |
3.20 |
3.03 |
2.00 |
Y |
14.21 |
17.504 |
12.74 |
24.30 |
44.02 |
12.34 |
Yb |
1.31 |
2.12 |
1.17 |
2.61 |
4.78 |
1.33 |
Zn |
63.21 |
39.1 |
103.2 |
81.21 |
35.03 |
82.03 |
Zr |
30.2 |
152.03 |
20.03 |
113.01 |
310.2 |
52.04 |
پتروگرافی
واحد گابرو در شمال ناحیة مورد مطالعه (شکل 1) برونزد دارد. این سنگها تماماً بلورین و از نوع دانه متوسط تا درشت بوده، رنگ سنگ خاکستری تیره تا سیاه است و کانیهای پیروکسن و پلاژیوکلاز در نمونة دستی این سنگها مشاهده میشود. بافت اصلی این سنگها گرانولار بوده، بافتهای افیتییک و پوییکلیتیک (شکلهای 2- A و 2- B) نیز در اکثر نمونهها دیده میشود. بهطور کلی، کانیهای اصلی موجود در گابروها شامل پلاژیوکلاز، پیروکسن و به مقدار کمتری آمفیبول است.در برخی از بلورهای پلاژیوکلاز حالت منطقهبندی دیده میشود. پدیدة سوسوریتی شدن نیز بر روی بعضی از بلورهای پلاژیوکلاز دیده میشود. پیروکسنها عمدتاً از نوع کلینوپیروکسن هستند و معمولاً بهصورت نیمه شکلدار تا شکلدار دیده میشوند. در برخی موارد بلورهای درشت کلینوپیروکسن، پلاژیوکلاز و نیز الیوین را احاطه نموده، بافت پوئیکلیتیک نشان میدهند. از دیگر بافتهای مشاهده شده در مقاطع نازک گابروها، میتوان به بافتهای سیمپلکتیت و بافت شلیرن (همرشدی ارتو پیروکسن و کلینوپیروکسن) اشاره نمود. بافتهای سیمپلکتیت بهعلت سرد شدن آرام مذاب گابرویی بهصورت یک حاشیة واکنشی در اطراف الیوین ایجاد شدهاند و محصولات واکنشی عمدتاً پیروکسن و اسپینل هستند که همرشدی سیمپلکتیتی داشته و بهصورت رگهها و مناطق متحدالمرکزی در اطراف الیوین رشد کردهاند (Shelley, 19930 (شکل 2- C).
پلاژیوکلازهای با درصد بالای آنورتیت (بر اساس نتایج حاصل از آنالیز میکروپروب هنرمند، 1385 و Pourhoseini، 1981)، کلینوپیروکسنهای با درصد بالای ولاستونیت (هنرمند 1385) و هورنبلند ماگمایی (اولیه) نشان دهندة آبدار بودن ماگمای مادر هستند (Gaetani et al., 1993). این ﻣﺴﺄﻟﻪ در مورد کلینوپیروکسنهای بدون پیژونیت (هنرمند 1388) نیز صادق است (Cawthorn, 1994). مطالعات پتروگرافی نشان میدهند که پلاژیوکلاز، فاز لیکوییدوس در سنگهای با کمترین میزان تفریق در منطقه است. بهعبارت دیگر، پلاژیوکلاز جزو اولین فازهای متبلور شده در این سنگهاست.
کانیهای اصلی موجود در دیوریتها، شامل پلاژیوکلاز (با ترکیب متوسط آندزین)، کلینوپیروکسن، آمفیبول و بیوتیت هستند. بافت این سنگها گرانولار است. بافتهای فرعی دیده شده در این سنگها همانند گابروها هستند.پلاژیوکلازها معمولاً به سریسیت و کائولینیت تجزیه شدهاند.
همچنین رگچههایی از کلسیت و اپیدوت، در برخی موارد پلاژیوکلازها را قطع کردهاند. ادخالهایی از آپاتیت، زیرکن و هورنبلند سبز نیز در این کانیها دیده میشود. آمفیبول عمدهترین کانی مافیک در دیوریت مورد مطالعه بوده، به دو شکل اولیه (هورنبلند سبز) و ثانویه (اکتینولیت حاصل از تجزیة پیروکسنها) دیده میشود. هورنبلند سبز معمولاً بهصورت بلورهای شکلدار تا نیمه شکلدار دیده میشود. در موارد کمی، این بلورها از لحاظ ترکیبی منطقهبندی نشان میدهند.این کانی بلورهای بیشکل تا نیمه شکلداری را ایجاد کرده، در برخی از مقاطع تجمعاتی را با یکدیگر و یا با سایر کانیهای مافیک ایجاد میکنند.پیروکسنها در برخی موارد بر اثر واکنش با ماگما از حاشیه به آمفیبول تبدیل شدهاند (بافت کرونا، شکل 2- D).
در شکل 2- E تصویری از یک پلاژیوکلاز در یک مقطع کوارتزدیوریتی مشاهده میشود که به نظر میرسد این بلور در طی دو مرحله، رشد کرده است. همانطور که ملاحظه میشود، کانیهای بسیار کوچکی بهصورت یک هاله در داخل این بلور وجود دارند، چنانچه این کانیها گارنت باشند (بهدلیل ریز بلور بودن نمیتوان با اطمینان در مورد نوع این کانیها صحبت کرد)، احتمالاً واکنشی در ماگما رخ داده است (مثلاً هضم سنگهای رسی) و باعث تشکیل این بلورهای ریز شده است و سپس در مرحلة بعدی مجدداً پلاژیوکلاز در اطراف آنها تشکیل شده است.
بیوتیتهای ثانویه عمدتاً بهصورت بیشکل و تیغهها و ورقههای پراکنده دیده میشوند. بافت گرانوفیری (شکل 2- F) که حاصل همرشدی کوارتز و آلکالی فلدسپار بوده، بیشتر به تودههای نفوذی نیمه عمیق مربوط است، نیز در برخی از نمونههای کوارتزمونزونیتی دیده میشود. هورنبلند سبز به فراوانی در گرانودیوریتها دیده میشود. همچنین کومولاهای (لختههای) مافیک که حاوی مقادیر زیادی هورنبلند، بیوتیت و کانی کدر هستند نیز در بعضی از مقاطع میکروسکوپی قابل مشاهده است (شکل 2- G).
Wall و همکاران 1987 شواهدی ارائه کردهاند که نشان میدهد لختههای مافیک در تودههای گرانیتوییدی نشان دهندة تجمع مواد ماگمایی زود متبلور شده هستند. لختههای مافیک مذکور در برخی از نمونههای گرانودیوریتی و کوارتزمونزونیتی دیده میشود. حضور بلورهای ریز در مرکز و حاشیة برخی از پلاژیوکلازها، که احتمالاً از جنس دیگر بلورهای سنگ هستند، میتواند نشانهای از کاهش فشار بخار آب در طی صعود ماگما باشد (Shelley, 1993).
شکل 2- A) بافت افیتیک و B) بافت پوییکلیتیک در دو نمونه از گابروهای ناحیه (XPL)، C) بافت سیمپلکتیت در دیوریتهای اوره (XPL)، D) بافت کرونا و نیز ادخال پلاژیوکلاز در پیروکسن در دیوریت اوره (XPL)، E) پلاژیوکلاز با رشد دو مرحلهای (XPL)، F) بافت گرانوفیر (همرشدی بین کوارتز و آلکالیفلدسپار) در کوارتز مونزونیت (PPL)، G) تجمع کانیهای مافیک در کوارتز مونزونیت (XPL)، H) اسفنهای ثانویه حاصل از دگرسانی بیوتیت که در امتداد رخهای بیوتیت تشکیل شدهاند (PPL).
همچنین وجود زنولیتهایی از سنگهای آتشفشانی اطراف در داخل این مجموعه تأثیر فرآیند آغشتگی سنگهای دیواره را در کنار دیگر فرآیندها، نشان میدهد. کانیهای فرعی مشاهده شده در مقاطع مربوط به گرانودیوریتهای منطقه شامل زیرکن، کانیهای کدر، اسفن و روتیل هستند. حضور اسفن به همراه مگنتیت، کوارتز، آمفیبول شاهدی بر بالا بودن فوگاسیتة اکسیژن است (Wones, 1989). فوگاسیتة بالای اکسیژن ماگمای والد سنگهای نفوذی را میتوان از حضور مگنیتیتهای اولیه نیمه شکلدار در کنار بیوتیتها نیز استنباط نمود (Sack et al., 1980). بیوتیت کانی فرومنیزین غالب در گرانیتهای منطقه است. اسفن به هر دو صورت اولیه و ثانویه در این سنگها حضور دارد. اسفنهای ثانویه (شکل 2- H) حاصل دگرسانی بیوتیت یا ایلمنیت هستند (بر اساس مطالعات پتروگرافی مقاطع نازک - صیقلی برخی از کانیهای کدر از نوع ایلمنیت هستند؛ هر چند فراوانی آنها نسبت به مگنتیت کمتر است). این اسفنها معمولاً در بین درز و شکافها و رخهای بیوتیتها و بعضاً در اطراف ایلمنیتها بهصورت leucoxene دیده میشوند و حاصل واکنش TiO2 آزاد شده با CaO حاصل از تخریب پلاژیوکلازها و نیز SiO2 موجود در محیط هستند.
بخش دیگری از SiO2 ممکن است از تخریب پلاژیوکلازها حاصل شود. اسفنهای ثانویه معمولاً بیشکل و ریز دانه بوده و با کانیهای کدر همراه هستند. حال آنکه بلورهای اسفن اولیه نسبت به نوع ثانویه درشتتر بوده، شکل کاملتری دارند.کانیهای کدر (غالباً مگنتیت) از دیگر کانیهای فرعی موجود در این سنگها هستند. همچنین در برخی موارد دگرسانی کانیهای فرومنیزین به هماتیت و نیز پدیدة مارتیتی شدن (تبدیل مگنتیت به هماتیت)، دیده میشود.
ژئوشیمی
ردهبندی سنگهای منطقه
در اینجا از روش ردهبندی شیمیایی Le Bas و همکاران (1985) (شکل 3- A) برای طبقهبندی سنگهای منطقه استفاده شده است، که بر اساس آن مجموعة نفوذی مورد نظر از نظر سنگشناسی شامل گابرو، دیوریت، کوارتزدیوریت، کوارتزمونزونیت، گرانودیوریت و گرانیت هستند. همچنین، مطابق با ردهبندی Maniar و Picooli (1989) (شکل 3- B) نمونههای گرانیتویید منطقه عمدتاً در محدودة متاآلومینوس قرار میگیرند.
برروی دیاگرامهای تفکیک آلکالن از سابآلکالن و AFM از Irvine و Baragar (1971) (شکلهای 3- C و 3- D)،نیز همة نمونهها به استثنای سه نمونه، در محدودة سابآلکالن (در نمودار 3- C) و کالکآلکالن (در نمودار 3- D) قرار میگیرند (در نزدیک مرز کالکآلکالن و تولئیتی) که این موضوع به مقدار بالای Fe2O3 در این سه نمونه مربوط است.
همچنین در نمودار پیشنهادی Rickwood (1989) نیز که بر اساس مقدار SiO2 در مقابل K2O سنگ است (شکل 4)، نمونههای منطقة مورد مطالعه عمدتاً در بخش سری کالکآلکالن با مقدار متوسط پتاسیم و نمونههای بازیک در محدودة کم پتاسیم قرار میگیرند. درنمودارهای تغییرات اکسید عناصر اصلی در مقابل SiO2 (شکل 4) به استثنای Na2O و K2O همة اکسیدهای عناصر اصلی، از سنگهای بازیک به سمت سنگهای اسیدی روند نزولی نشان میدهند.
برای مثال، در نمودار Al2O3 – SiO2، با افزایش SiO2 مقدار Al2O3 کاهش مییابد، که میتواند از کاهش درصد پلاژیوکلاز در سنگهای اسیدی و گرایش به سمت تشکیل فلدسپارهای سدیک و پتاسیک ناشی باشد. مقدار بالای پلاژیوکلاز در گابروها نشان میدهد که تفریق فازهای مافیک در فشار نسبتاً بالا انجام شده (جاییکه تبلور پلاژیوکلاز انجام نمیشود، Yoder و Tilley، 1962). بهعبارت دیگر در این فشارهای نسبتاً بالا در نتیجه تبلور فازهای مافیک مقدار Al2O3 در مایع همزیست زیاد میشود و در فشار پایینتر پلاژیوکلازها در دمای لیکوییدوس از مذاب مافیک متبلور میشوند (Gust and Perfit, 1987). این موضوع با مقدار MgO، Ni و Cr موجود در گابروها که نشان میدهد ماگمای مادر آنها قبل از جایگزینی اندکی فرآیند تفریق متحمل شده، سازگار است (Gertisser and Keller, 2000).
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شکل 3- نمودار ردهبندی شیمیایی سنگهای منطقه (نمودار TAS، Cox و همکاران، 1979). A) نمودار تعیین شاخص اشباع از آلومین ارائه شده توسط Maniar و Picooli (1989)، B) نمودار مجموع آلکالی در برابر سیلیس برای تفکیک سریهای سابآلکالن از آلکالن از Irvine و Baragar (1971)، C) نمودار AFM به منظور تفکیک سریهای کالکآلکالن از تولئیتی از Irvine و Baragar (1971)، D) همراه با نمادهای استفاده شده در کلیة نمودارها است (شایان ذکر است که در نمودارها علایم نیمهپر مربوط به آنالیزهای Pourhoseini (1981).
Na2O بهطور پیوسته تا رسیدن ترکیب سنگ به حدواسط، افزایش نشان میدهد (که میتواند حاکی از تفریق فازهای آمفیبول و پلاژیوکلاز کلسیک باشد) و سپس (در SiO2 حدود %70) کاهش مختصری به سمت گرانیتهای با اندکی خاصیت آلکالی، نشان میدهد که احتمالاً مربوط به شروع تفریق فلدسپارهای Naدار (شکل 4) است.
شکل 4- نمودارهای Harker (1909). اکسید عناصر اصلی در مقابل SiO2، بههمراه نمودار K2O در مقابل SiO2 (از Rickwood، 1989). نمادها مانند شکل 3 هستند.
در رابطه با مقدار CaO در مقابل SiO2 روند نزولی از نمونههای دیوریتی به سمت سنگهای قطب اسیدی (گرانیتها) دیده میشود. این امر احتمالاً ناشی از وفور پلاژیوکلاز، پیروکسن و آمفیبول کلسیک در ترمهای کمتر تفریق یافتة منطقه است.
همچنین گرایش ترکیب پلاژیوکلازها به سمت ترکیبات دارای آنورتیت کمتر و آلبیت بیشتر نیز باعث ایجاد چنین روندی در نمودار CaO – SiO2 میشود. روند نزولی گفته شده از ویژگیهای گرانیتهای نوع I عنوان شده است (Czamanske et al., 1981; Chappell and White, 1992). بهطور کلی روندهای مشاهده شده در نمودارهای اکسید عناصر اصلی در مقابل SiO2 نشان میدهد که کانیهای پلاژیوکلاز، هورنبلند و مگنتیت، نقش اصلی را در طول تبلور سنگهای گرانیتوییدی ایفا کردهاند.
در نمودار SiO2 – Rb (شکل 5)، مقادیر Rb در نمونههای مختلف در مقابل افزایش SiO2 روند صعودی نشان میدهد و در گرانیتها به بالاترین مقدار خود میرسد. از آنجاییکه شعاع یونی این عنصر (A˚ 47/1) بسیار نزدیک به شعاع یونی K (A˚ 33/1) است، بنابراین، میتواند جانشین پتاسیم شود (Taylor , 1965). روند مشاهده شده در این نمودار شبیه روند افزایش K در نمودار SiO2-K2O است. بنابراین، افزایش Rb با افزایش کانیهای حاوی پتاسیم مانند بیوتیت و ارتوز در ترمهای اسیدی، سازگار است.
از طرف دیگر Icenhower و London (1996) معتقدند که ضریب توزیع LILE قویاً بهوسیلة ترکیب سیلیکاتهای اصلی، بهویژه فلدسپارها و میکاها کنترل میشوند. غنیشدگی Rb و Cs همراه با تفریق نشان میدهد که ضریب توزیع این عناصر، با وجود تبلور میکاها، کمتر از یک بوده است (Forster et al., 1999). Sr نیز با افزایش مقدار SiO2، بهطورکلی، روندی نزولی (شکل 5) از دیوریت به سمت گرانیت نشان میدهد (گابروها بیشترین مقدار Sr را در منطقه نشان میدهند، اما روند چندان یکسانی با دیگر سنگهای منطقه نشان نمیدهند). البته، روند نزولی نمودار در کوارتزمونزونیتها و بهویژه در گرانودیوریتها و گرانیتها مشخصتر است. در این صورت روند نزولی Sr را که مشابه روند نزولی Ca است، میتوان در ارتباط با فراوانی پلاژیوکلازهای با درصد آنورتیت بالا و نیز کانیهای فرومنیزین کلسیک دانست، که احتمالاً حاکی از تفکیک بلوری این گروه از کانیهاست.
بیشترین مقدار Sr در گابروها حضور دارد که مربوط به فراوانی زیاد پلاژیوکلازهای کلسیک در این سنگهاست. فراوانی عناصر کمیاب سازگار مانند Cr، Ni، V (شکل 5) در گابرو بسیار پایین است که میتواند نشان دهندة خروج مقداری الیوین و کلینوپیروکسن از ماگمای اولیه و تشکیل سنگهای الترابازیک در بخشهای تحتانی پوسته، قبل از تشکیل گابروی منطقه است. در ضمن، عناصر مذکور به همراه Co (عناصر تحولی)، رابطة منفی با SiO2 دارند که نشان میدهد آنها بهصورت عناصر سازگار عمل کردهاند.
کاهش V با افزایش SiO2 شاهد خوبی برای تفریق اکسیدهای Fe – Ti است. در نمودار SiO2 – Zr (شکل 5) مقدار Zr متناسب با افزایش SiO2 روند صعودی نشان میدهد، که این روند صعودی تا SiO2=65% ادامه مییابد، به یک مقدار ماکزیمم میرسد و سپس به سمت سنگهای اسیدی روند نزولی نشان میدهد.
شکل 5 – نمودارهای عناصر کمیاب در مقابل SiO2. نمادها مانند شکل 3 هستند.
بر اساس طبقهبندی Chappell و همکاران (1998) گرانیتوییدهای منطقه از نوع دما بالا هستند. در گرانیتهای I-type نوع دما بالا (High temperature I-type granite) ، در ماگمای اولیه بهدلیل درجه حرارت بالا و حلالیت بالای Zr، زیرکن بهصورت محلول در ماگما حضور دارد. بنابراین، ماگما از Zr اشباع نیست.
در این حالت همزمان با آغاز تفریق ماگما و جدایش بلورهای کومولایی، مقدار Zr در مذاب (و نیز در سنگهای حاصل از آن) افزایش مییابد تا زمانیکه مذاب از زیرکن اشباع شود و تفریق آن از مذاب آغاز شود. همزمان با تفریق بلورهای زیرکن مقدار Zr در مذاب کاهش مییابد. ولی گرانیتهای نوع I دمای پایین (Low temperature I-type granite)، ابتدا از Zr اشباع هستند. بنابراین، همزمان با شروع تفریق ماگمایی، جدایش بلورهای زیرکن از مذاب آغاز میشود و مقدار Zr در برابر افزایش SiO2 روند نزولی ثابتی را طی میکند (Chappell et al., 1989).
در بررسی نمودارهایی که مربوط به عناصر Ba و Y در گرانیتهای نوع I دمای پایین و دمای بالا هستند نیز نتایج مشابهی بهدست میآید که در نمودارهای شکل 5 برای مجموعة نطنز نیز قابل مشاهده است. البته، کاهش ناگهانی Ba در مونزوگرانیتها میتواند ناشی از تفریق بیوتیت در مراحل پایانی فرآیندهای ماگمایی نیز باشد.
پراکندگی کمی که درتغییرات Rb، Zr و Ba در برابر SiO2 دیده میشود احتمالاً ناشی از آلودگی ماگما از طریق هضم سنگ دیواره است. افزایش Th که متناسب با افزایش SiO2 است (شکل 5) میتواند به عنوان یکی از وجوه تشابه گرانیتویید مورد مطالعه با گرانیتهای تیپ I باشد، زیرا به عقیدة Chappell و White(1992) در گرانیتهای تیپ I، مقدار Th با افزایش SiO2 زیاد میشود، در حالیکه در گرانیت نوع S تغییرات مهمی بین آنها دیده نمیشود. تغییرات وانادیم نیز تا حدودی شبیه تغییرات TiO2 و تا حدی Fe2O3 (شکل 5) است. این عنصر در سنگهای کمتر تفریق یافتة منطقه، حداکثر و در سنگهای اسیدی منطقه حداقل مقدار خود را دارد. به نظر میرسد که این تغییرات از فراوانی مودال کانی مگنتیت در سنگهای منطقه تأثیر پذیرفته، چرا که V میتواند به جای Fe3+ در شبکة مگنتیت وارد شود.
Nb نیز مانند عناصر Zr و Y ناسازگار بوده، مقدار آن با افزایش درجة تفریق بلوری افزایش مییابد. Pearce و Gale (1977) عنوان کردند که همة سنگهای آذرین که در بالای زون فرورانش هستند دارای Nb کمتر از 15 ppm هستند. در کلیة نمونههای تجزیه شده مقدار Nb (جدول 2) کمتر از این مقدار است (بجز نمونة HN301که در آن ppm 6/16 Nb= است). این موضوع نشان میدهد که ماگمای مادر این کمپلکس، از گوشتهای بهوجود آمده که بواسطة دهیدراسیون پوستة فرورونده (در یک محیط فرورانش)، تحت تأثیر فرآیند متاسوماتیسم قرار گرفته است.
ارتباط مستقیمی که بین مقادیر REE و اکسیدهای Na2O و K2O وجود دارد (نشان داده نشده است) مؤید تفریق فلدسپار است (Solov'ev, 1998). در رابطه با مقدار تنگستن در سنگ، کانیهایی که میتوانند حاوی W باشند، شامل فلدسپارها، کانیهای فرعی و به مقدار کمترکانیهای مافیک هستند.
در پایان تفریق کانیهای مافیک مانند بیوتیت منیزیومدار و کانیهای فرعی تأخیری که برای تمرکز W مناسب هستند، باعث تمرکز آن در مذاب گرانیتی میشوند (Solov'ev,1998).مقادیر مربوط به عناصر Cu و Zn نیز در سنگهای بازیک منطقه بیشتر است (شکل 6).
شکل 6- نمودارهای تغییرات عناصر Zn و Cu در مقابل SiO2، نمادها مانند شکل 3 هستند.
بحث
عناصر ناسازگار رفتار ژئوشیمیایی متفاوتی در برابر فرایندهای ثانویه نشان میدهند. بنابراین، ترسیم رفتار عناصر ناسازگار متحرک در مقابل عناصر ناسازگار غیر متحرک میتواند نشان دهندة این باشد که آیا مقدار عناصر در طی فرایندهای ثانویه تغییر کرده است یا خیر؟ (Schiano et al., 1993). همانطور که در شکل 7 دیده میشود مقادیر این عناصر ارتباط مثبت خوبی با هم نشان میدهند. این روندها مشخصة فرآیندهای ماگمایی (از قبیل درجات متغیر ذوب بخشی و یا تفریق بلوری) هستند و به نظر نمیآید که از دگرسانی سنگها نتیجه شده باشند. بنابراین تغییرات ژئوشیمیایی که در این سنگها دیده میشود، عمدتاً به فرآیندهای پتروژنتیکی مربوط است. راه دیگری که میتوان بهوسیلة دگرسانی توده را در مراحل آخر ماگمایی مشخص کرد، محاسبة نسبت Y/Ho در سنگ است؛ به این صورت که طبق نظر Bau (1996) چنانچه این نسبت بین 34-24 باشد، معادل با مقدار معمول در ماگماست و دگرسانی مراحل آخر ماگمایی در آن توده به میزان کمی در تغییر مقدار عناصر مؤثر بوده است. این نسبت در مجموعة نفوذی نطنز بین 59/28- 19/26 قرار میگیرد (Forster et al., 1999). همانطور که در نمودار Rb/Sr در مقابل Na2O+K2O (Vernikovskaya, 2002) ملاحظه میشود، نسبت Rb/Sr در گرانیتها با افزایش آلکالینیته زیادتر میشود (شکل 8). در شکل 8 و در نمودار Zr/Sm در مقابل Hf/Sm رابطة خطی دیده میشود. احتمالاً این ارتباط خطی و جهت آن که به سمت محدودة کربناتیت است، نشاندهندة این است که تغییرات فراوانی نسبتهای حاوی Zr، Hf و Sm در منبع گوشتهای، عمدتاً ناشی از کربناتها هستند و میتواند نشانة متاسوماتیزم بهوسیلة سیالات غنی از کربنات به میزان متغیر باشد (Dupuy et al., 1992).
شکل 7- تغییرات عناصر ناسازگار متحرک در مقابل عناصر ناسازگار غیر متحرک، نمادها مانند شکل 3 هستند.
شکل 8- نمودار تغییرات Rb/Sr در مقابل Na2O+K2O، نمودار تغییرات V در مقابل Cr و روند تفریق کانیهای مختلف، نمودار تغییرات Zr/Sm در مقابل Hf/Sm (Dupuy et al., 1992)، و نمودار تغییرات Sr در برابر P. نمادها مانند شکل 3 هستند.
در حقیقت کربنات حاصل از متاسوماتیزم به مذابهای سیلیسی حاصل از متاسوماتیزم در منبع گوشتهای، اضافه و باعث بالا بردن عناصر ناسازگار آنها در منبع گوشتهای شده است. بهعلت اینکه در نمودار عنکبوتی Nb نسبت به Ta تهیشدگی نشان میدهد، بنابراین، سیالات کربناتی مذکور باید از رسوبات کربناته برروی پوستة اقیانوسی فرورونده حاصل شده باشند (Hoernle et al., 2002)؛ حال آنکه اگر سیالات کربناته از آستنوسفر مشتق شده بودند، Nb نسبت به Ta غنیشدگی نشان میداد (Rudnick et al., 1993) .
همچنین مقدار عنصر Yb (جدول 2) در نمونههای گابروی منطقه کمتر از 4 (بهطور متوسط 24/1) است، پس میتوان گفت که این گابروها از ماگمای اولیه متبلور نشدهاند، بلکه قبل از بهوجود آمدن این گابروها، ماگمای مادر فرآیندهای تفریق بلوری الیوین و اسپینل و کلینوپیروکسن را در طول تحولات ماگما (و در طی صعود آن به سمت پوستة بالایی) پشت سر گذاشته است. همچنین این موضوع میتواند به افزایش مقادیر عناصر ناسازگار نسبت به ماگمای اولیه کمک کند. نسبت Nb/Th در کلیة سنگهای منطقه 04/0 تا 11/2 است که با توجه به مقدارگفته شده توسط Whalen و همکاران (2006) (Nb/Th < 3) بهعنوان مشخصة سنگهای کالکآلکالن در قوس، و نیز غنیشدگی Th نسبت به Nb میتواند تأییدی بر محیط قوس آتشفشانی برای مجموعة نفوذی مورد نظر باشد (Whalen et al., 2006; Whalen et al., 1997; Swinden et al., 1997). همچنین نسبت Nb/U در نمونههای گابرو و دیوریت منطقه به ترتیب (15/6- 66/2) و نسبت Ce/Pb نیز در این نمونهها به ترتیب (47/4- 41/2) است که بهطور واضح پایینتر از بازالتهای پشتة میان اقیانوسی و یا بازالتهای جزایر اقیانوسی است (به ترتیب 47 و 27 از Hofman و همکاران، 1986). این موضوع میتواند مؤید حضور مواد پوستهای در ناحیة منبع باشد (Yang et al., 2005). نسبتهای مورد نظر در گابروها به مراتب کمتر از دیوریتهای منطقه است زیرا ماگمای مولد تودة گابرویی در هنگام بالا آمدن و در کنار فرآیند تفریق بلوری، تنها متحمل آلودگی با پوسته شده است، در حالیکه ماگمای دیوریتی حاصل اختلاط مذاب مافیک مشتق شده از گوشته با مذاب فلسیک حاصل از ذوب بخشی پوستة تحتانی است و در نتیجه حضور بیشتر مواد پوستهای در دیوریتها امری بدیهی است. تهیشدگی از HFSE نسبت به LILE و LREE معمولاً بهعنوان نشانهای از ماگماهای مشتق شده از پوستة قدیمی و یا ماگماهای مربوط به قوس آتشفشانی است (Pearce et al., 1984).
در نمودار شکل 8 تغییرات V در مقابل Cr و نیز روند تفریق کانیهای مختلف نشان داده شده است. در این نمودار دو نوع ماگمای اولیه در نظر گرفته شده است. نمونههای منطقه با در نظر گرفتن یک ماگمای اولیه با ترکیب آندزیت، روند تفریق غالب هورنبلند را نشان میدهند (Yang et al., 2005). رابطة مثبت بین Sr و P (شکل8) نشاندهندة دخالت آپاتیت در میزان REE و مقدار Sr سنگ است (Popov et al., 2001). اثر تفریق را در کمپلکسهای مختلف میتوان توسط نمودارهای log CeN در مقابل SmN log و نیز log EuN در مقابل log SmN (شکل9) مشاهده کرد (Kovalenko, et al., 1983). روندهای این نمودارها مؤید فرآیند تفریق در کمپلکس مورد نظر است.
شکل 9- نمودارهای لگاریتمی CeN – SmN و EuN - SmN (Kovalenko, et al., 1983). نمادها مانند شکل 3 هستند.
در نمودارهای عنکبوتی شکل 10 عنصر Ba نیز در سنگهای منطقه بیهنجاری مثبت (در صورت نرمالیزاسیون نسبت به کندریت) نشان میدهد. بیهنجاری منفی P به سمت ترمهای اسیدی و حد واسط کاهش پیدا میکند که با افزایش مقدار آپاتیت در این سنگها، بهویژه در کوارتزمونزونیتها سازگار است. همچنین غنیشدگی از K و Ba و نیز LREE، اندکی غنیشدگی در منبع را نشان میدهند (Solov'ev,1998). Zr در گابروها و دیوریتها نسبت به عناصر مجاور خود بیهنجاری منفی و در کوارتزمونزونیتها و کوارتزدیوریتها بیهنجاری مثبت و در گرانیتها و گرانودیوریتها نیز اندکی بیهنجاری مثبت نشان میدهد که با حضور بیشتر زیرکن در سنگهای حد واسط و اسیدی سازگار است. در رابطه با Sr نیز تهیشدگی این عنصر در ترمهای تفریق یافتهتر مربوط به تفریق پلاژیوکلاز است. در رابطه با عنصر Eu نیز، تبلور آمفیبول، بیوتیت و کانیهای فرعی اندکی از بیهنجاری منفی Eu کم میکند. در اینجا مقادیر مربوط به Eu/Eu* نیز تأییدی بر این مطلب است. مقادیر مذکور از 80/0 در گرانیتها تا 3/1 در دیوریتها تغییر میکند.
شکل 10- نمودارهای فراوانی عناصر ناسازگار در سنگهای مجموعة نفوذی نطنز نسبت به ترکیب کندریت. A) Thompson (1982)، B) عناصر نادرخاکی نسبت به کندریت (Nakamura, 1974). نمادها مانند شکل 3 هستند.
در الگوهای عناصر نادر خاکی که نسبت به کندریت نرمالایز شدهاند، عناصر نادر سبک غنیشدگی را نسبت به عناصر نادر سنگین نشان میدهند که این غنیشدگی در همة سنگهای منطقه از بازیک تا اسیدی دیده میشود. سنگهای کمتر تفریق یافته در منطقه نسبت کمتری از عناصر LILE (مانند K، Rb، Ba و Th) نسبت به گرانیتهای منطقه نشان میدهند. غنیشدگی جزئی از HREE در سنگهای بازیک منطقه مربوط به حضور کلینوپیروکسن در این سنگهاست، زیرا این عناصر مشارکت بیشتری در ساختمان کلینوپیروکسن دارند. تفریق آمفیبول به میزان کم میتواند توجیه کنندة تهیشدگی اندک در MREE نسبت به HREE در سنگهای تفریق یافته باشد (Gertisser and Keller, 2000).
همچنین فراوانی آمفیبول در سنگهای حدواسط، منجر به محو شدن بیهنجاری منفی Eu و ظهور بیهنجاری مثبت Eu در این سنگها شده است، زیرا آمفیبول بر خلاف پلاژیوکلاز بیهنجاری مثبت در Eu ایجاد میکند (Henderson, 1984). این مطلب میتواند توجیه کنندة ناچیز بودن بیهنجاری منفی Eu (به ویژه در سنگهای حدواسط منطقه که غنی از آمفیبول هستند) باشد. در مقابل فراوانی پلاژیوکلاز میتواند باعث ظهور بیهنجاری مثبت Eu در سنگها شود (مانند نمونههای گابرو، دیوریت و کوارتزدیوریت منطقه). بهطور کلی، نمونههای گرانودیوریت، کوارتز مونزونیت و گرانیت بیهنجاری منفی از Eu نشان میدهند که این بیهنجاری کوچک منفی Eu با افزایش تفریق در ماگما افزایش مییابد.
همانطور که در شکل 10 نیز مشاهده میشود، گرانیتها و کوارتزمونزونیتها که مربوط به مراحل پایانی تفریق هستند، در مقایسه با بقیه واحدها بیهنجاری منفی از Eu نشان میدهند. عنصر Nd در گابروها و دیوریتها کمی بیهنجاری مثبت نشان میدهد که میتواند با حضور کلینوپیروکسن و تا حدودی الیوین در این سنگها توجیه شود. مقدار نسبتاً زیاد عناصر نادر خاکی (حدود 10 تا 40 برابر کندریت) را میتوان نشانهای از نقش فرآیند تفریق و یا درجات مختلفی از ذوب بخشی دانست. پایین بودن مقدار Al2O3 (< 15%) در گرانیتوییدهای منطقه، مقدار پایین Sr، فقدان بیهنجاری مهمی از Eu، غنیشدگی نسبتاً کم از LREE و الگوهای عناصر نادر تخت، نشان دهندة تشکیل آنها در فشار کمتر از 5 کیلوبار است، که در این صورت میتوان حضور پلاژیوکلاز و نبود گارنت بهعنوان باقیماندة ذوب در ﻣﻨﺸﺄ آنها را در نظر گرفت (Rapp et al., 1991; Beard and Lofgren, 1989; Springer and Seck, 1997).
به عبارت دیگر، مذابها در خارج از محدودة پایداری گارنت تولید شدهاند و ذوب بخشی در شرایط پایداری اسپینل بوده است. سنگهای غنی از پتاسیم، از عناصر ناسازگار (مانند U، Th و Rb) نیز غنی شدهاند که نشاندهندة مشارکت سنگهای پوستهای در ماگمای سازندة این سنگهاست.
در حقیقت، غنیشدگی از Rb، K و Th و نیز تهیشدگی از P، Ti و Sr از خصوصیات ماگماهای پوستهای است (Chappell and White, 1992; Harris et al., 1986) و میتواند نشاندهندة آغشتگی با پوستة بالایی در طی تحولات ماگمایی باشد. توجیه دیگری که برای غنیشدگی و تهیشدگی عناصر مذکور میتوان ارائه کرد، به سیالات و مذابهای حاصل از رسوبات پوستة فرورونده مربوط است. فراوانی عناصرHFSE و HREE در مذابهای مشتق شده از گوشته تحت فرورانش عمدتاً بهواسطة ترکیب آن گوشته در قبل از فرورانش کنترل میشود، در حالیکه مقادیر عناصر LREE، Th و Ba میتوانند توسط مذابهای سیلیکاته حاصل از رسوبات روی لیتوسفر اقیانوسی فرورونده منتقل شوند (Tiepolo et al., 2002).
از آنجاییکه نسبتهای عناصر HFSE مانند Zr/Hf و Nb/Ta شبیه MORB است، پس گوشتة زیر منطقه (در قبل از فرورانش) خصوصیاتی شبیه MORB داشته است (Tiepolo et al., 2002).عناصر LREE و LILE درکوارتزمونزونیتها و گرانودیوریتها از نظر مقدار، حد متوسط بین گابروها و گرانیتها را نشان نمیدهند. این مطلب، گویای این است که این سنگها بهواسطة فرآیند اختلاط بین گابرو و گرانیت ایجاد نشدهاند (Xisheng, 1999). از طرف دیگر، همانطور که در نمودار شکل 4 (K2O در مقابل SiO2) دیده میشود، گابروهای منطقه مقادیر پتاسیم بسیار پایینی دارند. بدیهی است که گابروهایی با این مقدار پتاسیم نمیتوانند از طریق فرآیند تفریق، مولد ماگمای گرانیتی با درصد پتاسیم بالا باشند. همچنین از نظر روابط حجمی با توجه به حجم کمتر گابروها، نمیتوان تفریق ماگمای گابرویی را عامل ایجاد تودة گرانیتی دانست. بر اساس شواهد موجود به نظر میرسد که فرآیند ساده AFC که توسط Pourhoseini (1981) پیشنهاد شده است، نمیتواند عامل اصلی ایجاد تنوع سنگی مشاهده شده در این کمپلکس باشد.
شواهدی وجود دارد که نشان میدهد تفریق بلوری از ماگمای دیوریتی تا ماگمای مونزوگرانیتی نقش اصلی را در تحولات منطقه داشته است. این شواهد عبارتند از: (1) ارتباط نزدیک مکانی و زمانی تودههای مذکور؛ (2) غالب بودن سنگهای دیوریتی نسبت به مونزوگرانیت و گرانودیوریت؛ (3) نفوذ تودههای مافیکتر (دیوریتی و مونزودیوریتی) که با ترکیبات تفریق یافتهتر دنبال شده؛ (4) افزایش عناصر آلکالی، LILE و HFSE و نیز کاهش TiO2، FeOtotalو CaO و دیگر عناصر فرومنیزین در ترمهای تفریق یافتهتر؛ (5) تغییرات عناصر ناسازگار که دارای روند خطی بوده و به سمت سنگهای تفریقیافته بیشتر میشوند؛ (6) افزایش عمومی در میزان REE ترمهای تفریق یافتهتر؛ (7) مشاهده تغییرات سیستماتیک در کانیشناسی مودال در سنگهای منطقه (هنرمند، 1385) (برای مثال خروج ارتوپیروکسن و کلینوپیروکسن و تبلور آمفیبول، بیوتیت و آپاتیت در مراحل بعدی) و نیز تغییرات منظم در شیمی کانیها همراه با افزایش SiO2 (Gertisser and Keller, 2000). همة موارد مذکور نشان میدهند که تحولات دیوریت منطقه به سمت مونزوگرانیت عمدتاً در طی تفریق بلورین پلاژیوکلاز + کلینوپیروکسن ± ارتوپیروکسن ± مگنتیت ± آمفیبول ± آپاتیت (از دیوریت تا گرانودیوریت) ± بیوتیت ± آلکالی فلدسپار (از گرانودیوریت تا مونزوگرانیت) بوده است.
فراوانی سنگهای بازیک تا حدواسط در این مجموعه، احتمال وجود یک منبع گوشتهای را هم برای گابروها و هم برای گرانیتوییدها بیشتر میکند. الگوی REE در کلیة سنگهای مجموعة گرانیتویید منطقه مشابه است، به استثنای Eu که با افزایش سیلیس سنگ بیهنجاری منفی مهمتری نشان میدهد. این موضوع میتواند درجة بالایی از تفریق را نشان دهد (Grigoriev and Pshenichny, 1998).
الگوی عناصر نادر خاکی گرانیتوییدها در مقایسه با گابروها، غنیشدگی بیشتری از LREE را نسبت به HREE نشان میدهد (شکل 10). تغییر الگوی عناصر نادر خاکی از دیوریت به گرانودیوریت، میتواند نشاندهندة تفریق کانیهای مافیک باشد، زیرا ضریب جدایش این عناصر در کانیهای مافیک پایین است. کاهش بیشتر Sr (در SiO2=63%) و REE (بهویژه Eu) مربوط به تفریق پلاژیوکلاز همراه با کانیهای مافیک است.
غنیشدگی از عناصر کمیاب ناسازگار در سنگهای منطقه را، میتوان بهواسطة غنیشدگی در منبع گوشتهای، درجة کم ذوببخشی، تفریق بلوری و یا آلودگی پوستهای توجیه کرد (Alici et al., 1998). Thompson و همکاران (1983) و Fitton و همکاران (1991) بیان کردهاند که غنیشدگی از LILE و تهیشدگی از Nb و Ti در بخش گوشتهای لیتوسفر، به واسطة سیالاتی که از مراحل اولیة فرورانش جدا شدهاند، بهوجود میآید.
در حقیقت، باقی ماندن Ti و Nb در کانیهای باقیمانده (مانند روتیل، تیتانومگنتیت، اسفن و ایلمنیت) در طول ذوب بخشی بر روی بخش بالایی قطعة فرورونده، میتواند باعث کمبود این عناصر در مذابهای آبدار شود (Saunders et al., 1980; Ringwood, 1990) و خروج عناصر LILE توسط مذابها از قطعة فرورونده موجب شکلگیری بخش متاسوماتیزه گوة گوشتهای بالای خود میشود (Alici et al., 1998). از طرف دیگر، بر اساس نظر Rudnick و Gao (2003) تهیشدگی از Nb و Ti همراه با غنیشدگی از عناصر نادر خاکی سبک ویژگی بارز پوستة قارهای است، چرا که بخش اعظمی از پوسته در جایگاههای برخوردی تشکیل شده است (Patchett, 1992; Plank and Langmuir, 1998; Barth et al., 2000; Patchett and Chase, 2002). بنابراین، تهیشدگی از Nb و Ti میتواند نشانهای از آلودگی پوستهای و یا ذوب مجدد آن، نیز باشد (Swain et al., 2008). ارائة نظر قطعی در این خصوص منوط به در اختیار داشتن دادههای ایزوتوپی Nd است.
در شکل 11 موقعیت نمونههای مجموعة گرانیتوییدی نطنز بر روی نمودارهای Pearce و همکاران (1984) و Harrisو همکاران (1986) نمایش داده شده است. همانطور که در این نمودارها ملاحظه میشود، نمونهها عمدتاً در محدودة مربوط به قوسهای آتشفشانی و نیز محدودة پس از برخورد قرار میگیرند. همچنین، بر اساس ردهبندی Barbarin (1999) و Frost (2001) مجموعة گرانیتویید نطنز به ترتیب در ردههای ACG و کالکآلکالن متاآلومینوس منیزیم قرار میگیرد. بر اساس نظر Castillo و همکاران (2007) گدازههای مربوط به مناطق فرورانش با نسبت بالایی از LILE/HFSE و LREE/HFSE و نیز بیهنجاری منفی در Nb، Ta، Hf و گاهی بیهنجاری منفی در Ti و Zr مشخص میشوند. شیب منفی نمودارها و آنومالیهای گفته شده، همگی با یک محیط تکتونیکی قوس هماهنگی دارند (برای مثال: Tatsumi و Eggin، 1995). در سنگهای مافیک منطقه LILE، Th و U نسبت به LREE و HFSE غنیشدگی نشان میدهند. همچنین، در این نمودارها بخش عناصر نادر خاکی سبک اندکی کاهش نشان میدهد (شیب به سمت پایین) و بخش عناصر نادر خاکی سنگین تقریباً صاف است که این نیز از ویژگیهای مناطق فرورانش است (Gertisser and Keller, 2000). غنیشدگی نسبی در LILE و LREE نتیجة متاسوماتیسم گوشته بر اساس سیالات آزاد شده از قطعة فرورونده است زیرا این عناصر حلالیت بیشتری نسبت به HFSE دارند (Castillo et al., 2007). با توجه به شواهدی، همچون (1) مرز ناگهانی توده با سنگهای دیواره؛ (2) فراوانی زینولیتهای سنگ دیواره در حاشیة تودة نفوذی، و (3) هالة دگرگونی مجاورتی همراه با اپیدوتیزاسیون در کنتاکت توده با سنگهای اطراف، میتوان نتیجه گرفت که فرآیند stopping و جایگزینی دیاپیری در استقرار مجموعة نفوذی نطنز مؤثر بودهاند (Arslana and Aslan, 2006).
شکل 11- موقعیت نمونههای گرانیتویید کمپلکس نطنز در نمودارهای: A) Harris و همکاران (1986)، B) Pearce و همکاران (1984). نمادها مانند شکل 3 هستند.
نتیجهگیری
مطالعات صحرایی، پتروگرافی و ژئوشیمیایی نشان میدهند که مجموعة نفوذی نطنز دارای تنوع سنگشناسی از بازیک تا فلسیک بوده، بخش اعظم آن ترکیب حد واسط دارد. به این ترتیب، در منطقة مورد مطالعه با توجه به مطالعات کانیشناسی، سنگشناسی، ژئوشیمیایی و ویژگیهای زمینشناسی، چنین به نظر میرسد که احتمالاً ذوب آبزدایی قطعة فرورونده موجب تولید سیالاتی میشود که این سیالات با تأثیر برروی گوة گوشتهای بالایی که به احتمال زیاد از جنس اسپینل لرزولیت است (گوشتة گارنت لرزولیتی با خصوصیات عناصر کمیاب سازگار نیست)، باعث تولید مذابهای مافیک میشوند. مذابهای مافیک ایجاد شده به داخل پوسته نفوذ کرده، در طی صعود خود اندکی آلودگی پوستهای را متحمل میشوند (نتایج آنالیز نسبتهای اولیه Sr مربوط به Pourhoseini (1981) نیز موضوع آلودگی پوستهای را تأیید میکند) و نهایتاً بهشکل تودة گابرویی جایگزین میشوند.
بخشی از مذاب مافیک مذکور که در زیر پوستة تحتانی تشکیل اتاق ماگمایی را میدهد (پس از گذشتن مدت زمان لازم و رسیدن دمای سنگها به سولیدوس) موجب ذوببخشی پوسته شده، مذاب فلسیک تولید شده با مذاب مافیک مشتق شده از گوشته اختلاط مییابند. ماگمای دیوریتی تولید شده در طی این فرآیند، به سمت پوستة بالایی صعود میکند و سرانجام در فشار حدود 2 کیلوبار (بر اساس محاسبات فشارسنجی با استفاده از ترکیب شیمیایی کانیها، هنرمند، 1385)، بهواسطة فرآیند تفریق بلوری از دیوریت تا مونزوگرانیت، به ایجاد مجموعة گرانیتوییدی مذکور منجر میشود. مدل احتمالی ارائه شده با تشکیل مجموعة مورد نظر در یک محیط قوس آتشفشانی هماهنگی دارد (تشکیل این کمپلکس در یک محیط قوس آتشفشانی با نتایج حاصل از مطالعات Pourhoseini (1981) نیز سازگار است). اما چنانچه سن برخورد صفحة عربستان با ایران را کرتاسه در نظر بگیریم (برای مثال: Berberian و King، 1981 و Alavi، 1994)، در اینصورت باز هم با مدل ارائه شده منافاتی ندارد. در حقیقت، مذابهای مافیک حاصل از گوشتهای که برای مدت طولانی تحتتأثیر فرورانش بودهاند، طبیعی است که خصوصیات مربوط به مناطق فرورانشی را نشان میدهند.
سپاسگزاری
از پرفسور Murataبه خاطر در اختیار قرار دادن امکانات آزمایشگاه XRF در دانشگاه ناروتو در کشور ژاپن، سپاسگزاریم.