Document Type : Original Article
Authors
Abstract
Keywords
مقدمه
در شرق و شمالشرق سنندج در محور قروه ـ بیجارـ تکاب یک سری آتشفشانی در امتداد شمالغرب ـ جنوبشرق با ترکیب بازالتی به سن کواترنری قرار گرفته (شکل 1)که بهصورت مراکز آتشفشانی چون آتشفشانهای قرهطوره، ندری، طهمورث، قزلچهکند، مهدیخان و ایلانلو برونزد دارند (معینوزیری و سبحانی،1364). مراکز آتشفشانی مذکور بین استانهای آذربایجان غربی و کردستان واقع شده و در تقسیمبندی زونهای ساختاری ایران در زون سنندج ـ سیرجان و با فاصله یک صد کیلومتری از تراست اصلی زاگرس قرار گرفتهاند (معینوزیری، 1377). آتشفشانهای قزلچهکند، مهدیخان و ایلانلو در ورقۀ 100000/1 قروه و طهمورث در ورقۀ 100000/1 بیجار و قرهطوره در ورقه 100000/1 تکاب رخنمون دارند. سنگهای آتشفشانی کواترنری نشانگر آخرین تکاپوهای ماگمایی ایران است که شکلگیری آتشفشانهای عظیم چون دماوند، سهند، سبلان، بزمان، تفتان حاصل آن است (آقانباتی، 1383). همچنین جدا از مناطق آتشفشانی کواترنری البرز- آذربایجان و کردستان، در خاور ایران (در جنوب طبس، بیرجند، فردوس، نهبندان و ...) نیز در گسترههای وسیعی بازالتهای کواترنری برونزد دارند (وثوقیعابدینی، 1376). تاکنون درباره خصوصیات گوشته ﻣﻨﺸﺄ این ماگماها تحقیق جامعی نشده است. در این تحقیق سعی شده با توجه به شواهد ژئوشیمیایی و ایزوتوپی درباره خصوصیات ناحیة ﻣﻨﺸﺄ گوشتهای این بازالتها اظهار نظر شود.
شکل 1- موقعیت آتشفشانهای بازیک کواترنری محوره قروه تکاب (معینوزیری (1377)، با تغییر)
زمینشناسی منطقه
همه آتشفشانهای منطقه دارای مخروط کمارتفاع از جنس اسکوری بوده که گدازهها بهعلت روانروی زیاد توانستهاند کیلومترها بر روی دشتها جریان یابند (معین وزیری، 1377). در آتشفشان قزلچهکند گدازهها بر روی رسوبات تخریبی ـ شیمیایی کواترنری ریخته شدهاند. از نکات درخور توجه، وجود بمبهای دوکی بازالتی با قطر بیش از 2 متر بوده که در هستۀ آنها انکلاوهای گنایسی به رنگ سفید مشاهده میشوند. در آتشفشان مهدیخان روانههای بازالتی نیز بر روی رسوبات تخریبی ـ شیمیایی کواترنری ریخته شده، دارای فرسایش پوست پیازی نیز هستند. در این منطقه تفراهای ریزشی با لایهبندی منظم بهصورت لایهبندی ریز دانه در پایین و درشت دانه در بالا دیده شده که حاوی بمبهای آتشفشانی بزرگ هستند. در قرهطوره حدود 50 متر گدازۀ بازالتی تیره بهصورت دگرشیب بر روی کنگلومرای پلیوسن قرار گرفتهاند. آتشفشان طهمورث حالت استراتوولکان داشته، از مواد آذر آواری، مخروط اسکوری و گدازه تشکیل شده است که بر روی مارنهای پلیوسن و آبرفتهای جوان رخنمون دارند. آتشفشان ایلانلو واقع در شمالشرق ورقۀ 100000/1 قروه، دارای ساخت منشوری بوده، پهنههای بازالتی با ضخامت حدود 50 متر را بهوجود آورده است. این گدازهها نیز بر روی تراورتنهای پلیوکواترنری ریخته شدهاند.
روش انجام پژوهش
پس از انجام مطالعات صحرایی از آتشفشانهای یاد شده، 60 نمونه برداشت و از آنها مقطع نازک تهیه شده و سپس با میکروسکوپ پلاریزان کانیشناسی و سنگشناسی آنها بررسی شد. بهمنظور مطالعات ژئوشیمیایی 17 نمونه از نظر عناصر اصلی و فرعی به روش XRF تجزیه شدند (جدول 1). عناصر REE در 5 نمونه به روش ICP-MS در آزمایشگاه OGS اونتاریو کانادا تجزیه عنصری شد (جدول 2). نسبتهای ایزوتوپی Nd و Sr پنج نمونه از بازالتهای منطقه در آزمایشگاه ایزوتوپی دانشگاه کارلتون اوتاوا در کانادا محاسبه شدند (جدول 3). نتایج حاصل با استفاده از نرمافزار IGpet 2007 ارزیابی و پردازش شدهاند.
جدول 1- نتایج تجزیه شیمیایی XRF عناصر اصلی (بر حسب wt%) و جزیی (بر حسب ppm) بازالتهای کواترنری قروه ـ تکاب
Tahmores |
Mehdikhan |
Ilanloo |
Ghareh Tooreh |
Ghezelchekand |
Region Name |
||||||||||||
T5 |
T4 |
T3 |
T1 |
M6 |
M4 |
IL6 |
IL1 |
GT5 |
GT3 |
GT2 |
GT1 |
GH5 |
GH14 |
GH12 |
GH11 |
GH10 |
Sample No. |
52.51 |
51.25 |
52.57 |
53.02 |
50.96 |
49.08 |
51.52 |
49.84 |
52.71 |
52.98 |
53.21 |
53.97 |
53.84 |
53.90 |
52.87 |
50.04 |
53.50 |
SiO2 |
15.20 |
15.04 |
14.36 |
14.17 |
14.11 |
13.13 |
11.94 |
13.07 |
13.38 |
13.82 |
13.62 |
13.15 |
11.45 |
12.81 |
14.13 |
13.54 |
13.39 |
Al2O3 |
8.16 |
8.69 |
9.06 |
8.64 |
9.12 |
9.08 |
8.80 |
8.26 |
8.60 |
8.58 |
8.63 |
8.23 |
7.36 |
7.47 |
6.99 |
7.46 |
6.63 |
Fe2O3 |
8.64 |
9.03 |
8.01 |
8.62 |
9.01 |
11.03 |
10.03 |
10.01 |
7.11 |
7.33 |
7.49 |
7.03 |
9.96 |
8.23 |
9.06 |
10.30 |
8.87 |
CaO |
4.55 |
4.08 |
3.06 |
3.63 |
5.38 |
4.10 |
4.31 |
3.72 |
3.12 |
3.12 |
3.32 |
2.67 |
4.67 |
4.59 |
5.44 |
5.32 |
5.08 |
Na2O |
3.79 |
4.12 |
6.47 |
4.18 |
5.25 |
5.36 |
7.38 |
6.15 |
7.15 |
6.54 |
6.44 |
6.29 |
4.83 |
5.35 |
4.34 |
5.28 |
4.24 |
MgO |
1.93 |
2.57 |
1.39 |
2.68 |
2.41 |
2.16 |
2.79 |
3.49 |
3.20 |
3.23 |
3.20 |
3.49 |
2.91 |
2.54 |
3.41 |
3.21 |
3.36 |
K2O |
1.637 |
1.714 |
1.110 |
1.634 |
1.786 |
1.710 |
1.607 |
1.572 |
1.497 |
1.502 |
1.500 |
1.456 |
1.520 |
1.390 |
1.446 |
1.413 |
1.391 |
TiO2 |
0.117 |
0.128 |
0.135 |
0.123 |
0.123 |
0.126 |
0.121 |
0.114 |
0.130 |
0.130 |
0.129 |
0.125 |
0.103 |
0.109 |
0.098 |
0.104 |
0.092 |
MnO |
0.805 |
0.776 |
0.330 |
0.755 |
1.127 |
0.903 |
0.941 |
1.086 |
0.791 |
0.838 |
0.809 |
0.808 |
1.451 |
0.885 |
1.359 |
1.178 |
1.348 |
P2O5 |
2.09 |
2.17 |
3.00 |
2.06 |
0.28 |
3.00 |
0.18 |
2.25 |
1.67 |
1.59 |
1.17 |
2.38 |
0.44 |
0.33 |
0.60 |
1.74 |
0.60 |
L.O.I |
99.44 |
99.56 |
99.49 |
99.24 |
99.56 |
99.67 |
99.61 |
99.56 |
99.35 |
98.82 |
99.5 |
99.5 |
98.53 |
97.6 |
99.74 |
99.58 |
98.52 |
Total |
540 |
549 |
9 |
813 |
612 |
570 |
574 |
588 |
55 |
79 |
109 |
108 |
630 |
402 |
568 |
528 |
570 |
CI |
15 |
18 |
14 |
10 |
12 |
14 |
675 |
805 |
20 |
12 |
16 |
14 |
1844 |
63 |
1751 |
1493 |
1820 |
S |
873 |
900 |
364 |
970 |
801 |
751 |
1125 |
1169 |
647 |
107 |
622 |
732 |
1324 |
1014 |
1422 |
1164 |
1288 |
Ba |
230 |
226 |
122 |
158 |
321 |
176 |
344 |
247 |
122 |
165 |
139 |
146 |
314 |
175 |
221 |
349 |
304 |
Ce |
15 |
14 |
18 |
15 |
13 |
14 |
15 |
16 |
21 |
19 |
14 |
15 |
20 |
18 |
13 |
16 |
15 |
Ga |
20 |
25 |
16 |
23 |
26 |
28 |
29 |
27 |
25 |
14 |
15 |
20 |
21 |
24 |
25 |
16 |
24 |
Hf |
21 |
21 |
24 |
22 |
24 |
26 |
31 |
27 |
24 |
21 |
27 |
27 |
16 |
26 |
12 |
18 |
21 |
Co |
108 |
94 |
188 |
105 |
179 |
152 |
271 |
224 |
246 |
251 |
259 |
228 |
109 |
215 |
94 |
95 |
106 |
Cr |
70 |
60 |
54 |
49 |
55 |
58 |
100 |
98 |
57 |
76 |
45 |
50 |
80 |
63 |
81 |
77 |
82 |
Cu |
30 |
34 |
11 |
29 |
33 |
32 |
27 |
23 |
24 |
22 |
26 |
24 |
35 |
26 |
32 |
29 |
29 |
Nb |
118 |
113 |
129 |
122 |
168 |
137 |
253 |
253 |
152 |
157 |
164 |
153 |
169 |
161 |
137 |
145 |
137 |
Ni |
15 |
8 |
12 |
17 |
9 |
7 |
18 |
18 |
20 |
15 |
7 |
7 |
18 |
22 |
23 |
24 |
18 |
Pb |
26 |
41 |
25 |
37 |
41 |
37 |
38 |
40 |
90 |
107 |
65 |
135 |
43 |
44 |
51 |
47 |
48 |
Rb |
1316 |
1245 |
562 |
1329 |
1273 |
1171 |
1911 |
1849 |
446 |
467 |
429 |
542 |
1740 |
1071 |
1649 |
1590 |
1655 |
Sr |
144 |
145 |
126 |
147 |
155 |
144 |
151 |
143 |
147 |
150 |
156 |
145 |
125 |
136 |
107 |
108 |
110 |
V |
15 |
15 |
12 |
15 |
15 |
15 |
15 |
15 |
20 |
21 |
17 |
22 |
16 |
14 |
16 |
15 |
16 |
Y |
223 |
211 |
117 |
212 |
211 |
190 |
240 |
232 |
230 |
234 |
235 |
233 |
282 |
192 |
265 |
258 |
274 |
Zr |
81 |
77 |
73 |
83 |
91 |
108 |
92 |
85 |
75 |
75 |
69 |
68 |
100 |
85 |
82 |
89 |
84 |
Zn |
1 |
1 |
1 |
1 |
1 |
1 |
1 |
1 |
7 |
14 |
7 |
6 |
1 |
1 |
1 |
1 |
1 |
U |
3 |
3 |
7 |
11 |
7 |
7 |
4 |
4 |
30 |
25 |
27 |
26 |
14 |
6 |
16 |
14 |
14 |
Th |
جدول 2- نتایج تجزیه شیمیایی ICP-MS (بر حسب ppm) برای عناصر جزیی و REE موجود در 5 نمونه از سنگهای منطقه
T4 |
M6 |
IL1 |
GT1 |
GH14 |
Sample No. |
92.55 |
100 |
100 |
46.41 |
39.41 |
La |
20.524 |
23.195 |
25 |
15.022 |
12.531 |
Pr |
76.54 |
83.53 |
100 |
65.01 |
59.75 |
Nb |
12.05 |
12.59 |
15.62 |
12.86 |
3.54 |
Sm |
3.212 |
3.237 |
3.921 |
2.66 |
1.207 |
Eu |
8.275 |
8.384 |
9.018 |
8.159 |
4.476 |
Gd |
1.062 |
1.011 |
1.02 |
1.026 |
0.773 |
Tb |
5.631 |
5.27 |
5.07 |
5.508 |
5.156 |
Dy |
0.974 |
0.891 |
0.817 |
0.993 |
1.094 |
Ho |
2.466 |
2.192 |
1.970 |
2.624 |
3.34 |
Er |
0.313 |
0.272 |
0.249 |
0.343 |
0.475 |
Tm |
1.94 |
1.73 |
1.56 |
2.22 |
3.19 |
Yb |
0.264 |
0.229 |
0.203 |
0.311 |
0.484 |
Lu |
2.43 |
2.46 |
1.99 |
1.78 |
1.65 |
Ta |
2.54 |
2.53 |
2.69 |
5.82 |
2.56 |
Be |
0.119 |
0.124 |
0.127 |
0.129 |
0.11 |
Cd |
0.13 |
0.14 |
0.12 |
0.32 |
0.21 |
Sb |
19.91 |
17 |
18.03 |
24.71 |
16.9 |
Sc |
2.02 |
2.04 |
1.84 |
5.93 |
1.72 |
Sn |
جدول 3- نتایج تجزیه ایزوتوپی بازالتهای کواترنری محور قروه ـ تکاب
Tahmores |
Mehdikhan |
Ghareh Tooreh |
Ilanloo |
Ghezelchekand |
Region Name |
T.4 |
M.6 |
GT.1 |
IL.1 |
GH.14 |
Sample No. |
0.512660 |
0.512662 |
0.512641 |
0.512665 |
0.512346 |
143Nd/144Nd |
0.1181 |
0.1143 |
0.1074 |
0.1001 |
0.1546 |
147Sm/144Nd |
0.44 |
0.47 |
0.07 |
0.54 |
-5.70 |
Eps Nd (CHUR)T |
724 |
693 |
678 |
602 |
1967 |
Tdm (0.214,0.513115) |
0.70475 |
0.70466 |
0.70487 |
0.70509 |
0.70836 |
87Sr/86Sr |
پتروگرافی
در آتشفشان قزلچهکند ترکیب عمدۀ سنگها الیوین بازالت و بازالت بوده، بافت آنها پورفیریک با خمیرۀ میکرولیتی و میکرولیتی شیشهای است. با اندازهگیریهای انجام شده برروی فنوکریستهای الیوین با میزفدوروف، زاویه 2Vg در این بلورها °90 بوده در نتیجه نوع آنها کریزولیت است. کلینوپیروکسنها نیز هم بهصورت فنوکریست و هم میکروفنوکریست دیده میشوند. زاویه 2Vg در آنها °76 و زاویه بین ng و محور بلورشناسی C در آنها °45 بوده، در نتیجه نوع آنها اوژیت است.
همانطور که در بررسیهای صحرایی این آتشفشان بیان شد، در این منطقه انکلاوهای گنایسی به رنگ سفید که توسط قشری از بازالت سیاه پوشیده شده، مشاهده شد. در بررسی پتروگرافی وجود زینوکریستهای کوارتز با حاشیه واکنشی (شکل 2) و تجمعات سوزنی کلینوپیروکسن (شکل 3) و فنوکریستهای بیوتیتی (شکل 4) در سنگ الیوینبازالتهای قزلچهکند، بیانگر حالت عدم تعادل است که احتمالاً بر اثر هضم سنگهای گنایسی پوسته قارهای با ماگمای بازیک حاصل شده است. به عقیدۀ Watson (1982) هنگام آغشتگی بازالت با پوستۀ قارهای، حتی اگر بقیه عناصر بدون تغییر باقی بمانند، مقدار درخور توجهی پتاسیم به درون ماگمای بازالتی راه مییابد. طبق نظر Johnston و Wyllie (1988) هنگامی که پتاسیم به درون ماگمای مذاب بازیک وارد شود، بیوتیت متبلور میشود. به عقیدۀ McBirney و همکاران (1987) اگر مواد خارجی راه یافته به درون ماگما به قدری ذوب شوند که آثار قابل مشاهدۀ مشارکت آنها (مثلاً وجود زینوکریستها با حاشیه واکنشی) از بین برود، تغییرات ترکیبی قابل ملاحظهای شیمیایی بهوجود خواهد آمد. Doe و همکاران (1969) فراوانی زینوکریستها و زینولیتها را بهعنوان معیاری برای ارزیابی آلودگی پوستهای بازالتها در نظر میگیرند. این پژوهشگران با استفاده از مفاهیم بازالت اولیه و بازالت آلوده شده زینولیت دار، به این نتیجه رسیدند که ﺗﺄثیرات شیمیایی آلودگی بازالتها توسط زینولیتها بهجز پتاسیم، بسیار ناچیز است.
(a) |
(b) |
شکل 2- زینوکریست کوارتز در بازالت قزلچه کند: a) در نور X.P.L.، b) در نور P.P.L.
شکل 3- تجمعات سوزنی کلینوپیروکسن در الیوین بازالت قزلچه کند (X.P.L.)
|
شکل 4- فنوکریست بیوتیت در الیوین بازالت قزلچه کند. a) در نور X.P.L.، b) در نور .P.P.L.
بهنظر میرسد بلورهای بیوتیت طی فرآیند متاسوماتیکی ماگمای بازالتی با قطعات گنایسی تشکیل شدهاند. به عقیدۀ معین وزیری و سبحانی (1367) انکلاوهای گنایسی موجود در این بازالتها متخلخل بوده که این موضوع بهعلت ذوببخشی جزیی گنایس و آزادشدن مواد فرار از کانیهای آبدار و پنوماتوژن حاصل شده است. به این ترتیب، بهنظر میرسد محیط از حیث وجود H2O و K2O (بر اثر هضم گنایس) برای تشکیل بیوتیت آماده شده است. یکی دیگر از ویژگیهای بازالتهای قزلچهکند، وجود زینولیتهای پیروکسنیتی بهصورت بافت تجمعی (کومولا) است که ماگما از گوشته با خود بالا آورده است. در بازالتهای قزلچه کند، فنوکریستهای پلاژیوکلاز نیز مشاهده میشود که حداکثر زاویه خاموش ماکل آلبیت در آنها °35 بوده در نتیجه نوع آنها لابرا دوریت است.
درآتشفشان مهدیخان، سنگها از نوع الیوین بازالت و دارای الیوین از نوع کریزولیت و کلینوپیروکسن از نوع اوژیت بهصورت فنوکریست هستند. خمیره آنها نیز از میکرولیتهای پلاژیوکلاز و پیروکسن تشکیل شده است.
در آتشفشان ایلانلو، فقط بلور الیوین بهصورت فنوکریست مشاهده میشود. وجود فنوکریست الیوین در این سنگها و نبود فنوکریستهای پلاژیوکلاز و پیروکسن، از تفریق جزیی ماگما و نزدیک بودن ماگما به ترکیب اولیه حکایت میکند. در ایلانلو نیز انکلاوهای کلینوپیروکسنیتی با بافت گرانولار مشاهده میشود.
در آتشفشان قرهطوره ترکیب سنگها نیز الیوین بازالت بوده که حاوی فنوکریستهای الیوین از نوع کریزولیت بازاویه°92= Vg2 و پیروکسن از نوع اوژیت با زاویه °56=Vg2 و زاویه بین ng با محورC حدود °45 هستند.
ژئوشیمی
در جدولهای 1 و 2 نتایج حاصل از آنالیز شیمیایی به روش XRF و ICP و در جدول 3 نتایج محاسبات ایزوتوپی نشان داده شده است. بر اساس محاسبه نورم CIPW سنگهای منطقه، بههمراه الیوین، مقدار نفلین نورماتیو محاسبه شده تقریباً حدود 3% هستند، در نتیجه، این سنگها بر اساس تقسیمبندیYoder و Tilley (1962) جزء آلکالی الیوین بازالتها محسوب میشوند. مقدار Mg# در این بازالتها بین 50 تا 62 متغیر بوده که مقادیر بالاتر از 60 در بازالتهای ایلانلو و قرهطوره دیده میشوند. درشکل 5 در نمودار Nb/Y در برابر Zr/P205*104 از Floyd و Winchester (1975) نمونهها در محدودۀ سری ماگمایی آلکالن قرار گرفتهاند. در شکل 6 در نمودار Ti در برابر V از Shervais (1982) تمامی نمونهها در محدوده آلکالی بازالت واقع شدهاند. در نمودار لگاریتمی Y در برابر Rb از Keskin و همکاران (1998) ترکیب فازهای حاصل از تبلور ماگما در شرایط آبدار و بدون آب نشان داده شده است (شکل 7).
شکل 5- موقعیت بازالتهای کواترنری قروه ـ تکاب در نمودار Nb/Y در برابر (Zr/P205*104)، از Floyd و Winchester (1975)
شکل 6- موقعیت بازالتهای کواترنری قروه ـ تکاب در نمودار Ti در برابر V، از Shervais (1982)
ایتریوم (Y) یک عنصر ناسازگار با کانیهای بدون آب بوده، طی تبلور این کانیها بهصورت ناسازگار عمل میکند و مقدار آن به تدریج با تبلور این کانیها زیاد میشود. اما طی تبلور کانیهای آبدار، این عنصر رفتار سازگار نشان داده، با تبلور کانیهای آبدار مقدار آن در مذاب کم میشود (Pearce et al., 1990). همانطور که ملاحظه میشود، شیب خط دادههای بازالتهای منطقه مثبت بوده، این موضوع نشان میدهد که ماگمای اولیه تحت ﺗﺄثیر تفریق بخشی بدون آب قرار گرفته است. روند مثبت دادهها از بردارهای 1 و 2 پیروی میکند که با مجموعۀ کانیهای الیوین، کلینوپیروکسن و پلاژیوکلاز منطبق است. وقوع پدیدۀ تفریق بلورین بهخوبی در نمودار Cr در برابر MgO مشخص است (شکل 8). با افزایش روند تفریق؛ یعنی کاهش MgO مقدار Cr نیز در سنگهای منطقه کم شده است.
شکل 7- موقعیت بازالتهای کواترنری قروه ـ تکاب در نمودار لگاریتمی Y در برابر Rb از Keskin و همکاران (1998).
از الگوی عناصر کمیاب میتوان بهعنوان شاخص آلودگی ماگماها با مواد پوستۀ قارهای استفاده نمود (شکل 9). آنومالیهای منفی Ti، Zr، P و Nb و آنومالی مثبت Pb و غنیشدگی از عناصر LIL مثل Rb، Ba و K و همچنین Th از شاخصههای آلودگیهای پوستهای بازالتهای جوان منطقه هستند (Wilson, 1989; Hofmann, 1997; Ilnicki, 2010). زینوکریستهای کوارتز با حاشیه واکنشی و انکلاوهای گنایسی در الیوینبازالتهای این منطقه، پدیدۀ آلایش پوستهای را اثبات مینماید. در نمودار Nb*2-Zr/4-Y از Meschede (1986) نمونههای منطقه در محدودۀ آلکالیبازالتهای داخل صفحه قرار گرفتهاند (شکل 10). در نمودار لگاریتمی Ti/Y در برابر Nb/Y (Pearce, 1982) همه نمونهها در محدودۀ بازالتهای درون صفحه و بیشتر در قسمت آلکالن جای گرفتهاند (شکل 11). آلودگی پوستهای این بازالتها موجب روند خطی مایل از سمت آلکالن به سری انتقالی (transitional) در نمونهها شده، زیرا با آلایش پوستهای مقدار Ti و Nb افت نموده، در حالیکه به عقیدۀ Wilson (1989)، Y نسبت به آلایش پوستهای حساس نبوده و این موضوع سبب کاهش Ti/Y و Nb/Y در نمونههای آلایش یافتهتر (مثل الیوین بازالتهای قزلچهکند) شده است. جایگاه نمونهها در این نمودار در موقعیت درون صفحهای، بازتابی از یک ﻣﻨﺸﺄ گوشتهای غنیشده نسبت به ﻣﻨﺸﺄ MORB و بازالتهای قوسهای آتشفشانی است .(Rollinson, 1993) از طرفی، نسبت K2O/Na2O در بازالتهای جوان قروه – تکاب حدود 75/0، و در ماگماهای مرتبط با مناطق کوهزایی دارای نسبت 5/1 K2O/Na2O> و بازالتهای مرتبط با مناطق غیرکوهزایی دارای نسبت 1K2O/Na2O< هستند (Wilson and Downes, 2006). بنابراین، ماگمای بازالتهای جوان منطقه (با نسبت 1K2O/Na2O<) حتما با ماگماتیسم داخل صفحهای و مناطق غیرکوهزایی مرتبط هستند.
شکل 8- موقعیت بازالتهای کواترنری قروه ـ تکاب در نمودار Cr در برابر MgO
شکل 9- الگوی میانگین عناصر کمیاب ناسازگار بازالتهای کواترنری قروه ـ تکاب بههنجار شده با گوشته اولیه
شکل 10- موقعیت بازالتهای کواترنری قروه ـ تکاب در نمودار Nb*2-Zr/4-Y از Meschede (1986)
شکل 11- موقعیت بازالتهای کواترنری قروه ـ تکاب در نمودار لگاریتمی Ti/Y در برابر Nb/Y از Pearce (1982)
خصوصیات ناحیه ﻣﻨﺸﺄ
برای ژنز آلکالی الیوین بازالتهای قارهای، ترکیب گوشته از بیشترین اهمیت برخوردار است. در این میان ژرفای ساخته شدن مذاب در گوشته آستنوسفری (پلوم) و یا گوشته لیتوسفری در ساخته شدن مذاب نقش اساسی دارد (Jung, 2003). از طرفی، درجۀ ذوببخشی نیز ﺗﺄثیر شگرفی بر روی ترکیب اولین مذاب دارد؛ به گونهای که هر چه مقدار آن کوچکتر باشد، ترکیب ماگما بیشتر آلکالن میشود (Jung, 2003). عامل ﺗﺄثیرگذار مهم در تعیین درجۀ ذوببخشی، فشار است، به نحوی که با افزایش فشار، درجۀ ذوببخشی کم میشود (Sun and Hanson, 1975; Frey et al., 1978). بنابراین، در بدو امر باید دو عامل مهم و ﺗﺄثیرگذاری که ترکیب ماگماها را کنترل میکنند؛ یعنی ترکیب گوشته و درجۀ ذوببخشی آن، از حیث عناصر اصلی، فرعی، REE و ایزوتوپی بررسی و تفسیر شوند.
به عقیدۀ Weaver (1991) میتوان از نسبتهای عناصر ناسازگار در سیستمهای بازالتی برای تشخیص منابع پوستهای و گوشتهای استفاده نمود.
شکل 12- موقعیت بازالتهای کواترنری قروه ـ تکاب در نمودار Y/Nb در برابر Zr/Nb (Wilson, 1989).
در نمودار Y/Nb در برابر Zr/Nb که برای بررسی ﺗﺄثیر پلومهای OIB بر ژئوشیمی مورب ترسیم شده (شکل 12)، بازالتهای جوان محور قروه ـ تکاب در محدودۀ نزدیک به یک منبع غنیشدۀ تیپ OIB که مشخصۀ منبع OIB آلکالی بازالتهای تریستن داکونها (Tristan da Cunha) و ترکیب غنیشدۀ مشخصۀ ماگمای ریفت کنیاست، قرار گرفتهاند (Wilson,1989). این موضوع، دخالت یک منبع غنی شده نوع OIB را در پتروژنز بازالتهای منطقه نشان میدهد. همچنین، در دیاگرام مثلثی Y/Nb، Zr/Nb و Zr/Y ازFodor و Vetter (1984) نمونهها آشکارا در محدودۀ گوشته غنیشده (P) واقع شدهاند (شکل 13).
در نمودار همبستگی ایزوتوپی 87Sr/86Sr در برابر 143Nd/144Nd (شکل 14) چهار نمونه در محدودۀ گوشته OIB و در مجاورت منبع کل زمین قرار گرفتهاند و یک نمونه از بازالتهای قزلچهکند هم که دچار آلودگی شدید پوستهای شده، از روند پوستۀ قارهای فوقانی پیروی نمیکند. این موضوع مشابه خصوصیات ایزوتوپی مناطق ریفتی درون قارهای است (Wilson, 1989).
شکل 13- موقعیت بازالتهای کواترنری قروه ـ تکاب دیاگرام مثلثی Y/Nb، Zr/Nb و Zr/Y. محدوده N، گوشته تهیشده و محدوده P، گوشته غنیشده است (Fodor and Vetter, 1984).
شکل 14- موقعیت بازالتهای کواترنری قروه ـ تکاب در نمودار همبستگی ایزوتوپی 87Sr/86Sr در برابر 143Nd/144Nd
شکل 15- الگوی میانگین عناصر REE بازالتهای کواترنری قروه – تکاب با مقادیر میانگین عناصر REE بازالتهای OIB .(Sun and McDonough, 1989)
در شکل 15 الگوی میانگین عناصر REE بازالتهای جوان قروه – تکاب با مقادیر میانگین عناصر REE بازالتهای OIB از Sun و McDonough (1989) نشان داده شده است. نسبت (La/Yb)N بهطور میانگین 24 بوده که الگوی غنی شده از عناصر LREE را نشان میدهند. روند الگوی عناصر REE از Sm تا Yb دقیقاً مشابه روند بازالتهای OIB است. نسبت (La/Yb)N بهوسیلۀ سه عامل ﺗﺄثیر میپذیرد:
اول: بهوسیلة فازهای موجود در ناحیه ﻣﻨﺸﺄ.
دوم: بهوسیلۀ درجه ذوببخشی مواد گوشتهای، به گونهای که غنیشدگی مذاب از LREEنسبت به HREE بهوسیلۀ درجۀ ذوببخشی کم منبع گوشتهای قویاً تعیین میشود (Jung, 2003).
سوم: آلایش پوستهای، چرا که عناصر LREE در بخش بالایی پوستۀ قارهای غنیشدگی نشان میدهند (Verma, 2009). به عقیدۀ Thompson (1991) افزایش نسبت LREE/ HREE معمولاً بهوسیلۀ فرآیند هضم و تفریق (AFC) و درگیری با مواد پوستة قارهای غنیشده از LREE توضیح داده میشوند. به عقیدۀ Taylor و McLennan (1985) عمدتاً پوستۀ قارهای با غنیشدگی در عناصر LREE و الگوی HREE تقریباَ صاف، آنومالی مثبت Pb و منفی Nb-Ta مشخص میشود. این موضوع در بازالتهای جوان منطقه نیز به وضوح مشاهده میشود. نسبت La/Sm یک معیار حساس به آلودگی پوستهای است (Lightfoot and Keays, 2005). این نسبت در بازالتهای جوان قروه ـ تکاب 7/6 در OIB حدود 7/3 در E-MORB حدود 4/2 و در N-MORB حدود 96/0 و در پوسته فوقانی حدود 6/6 و در پوسته تحتانی 8/2 است.
بنابراین، این موضوع یعنی آلودگی پوستهای و همچنین، احتمالاً درجه کم ذوببخشی باعث غنیشدگی از عناصر LREE در بازالتهای منطقه شده است. لذا با توجه به موارد فوق نسبت (La/Yb)N نمیتواند نشانهای از ناحیه ﻣﻨﺸﺄ باشد؛ چرا که بر اثر آلودگی پوسته مقدار La افزایش مجازی یافته است.
اما درجۀ تفریق و غنیشدگی عناصر نادر سنگین بهصورت نسبت (Dy/Yb)N بیان میشود. غنیشدگی در MREE برای مثال Dy در برابر HREE؛ یعنی Yb، فقط زمانی که گارنت به عنوان فاز باقیمانده در ناحیه ﻣﻨﺸﺄ باشد، اتفاق میافتد؛ چرا که Yb نسبت به Dy بهصورت ترجیحی پذیرفته می شود (Peters et al., 2008). تفریق بالای عناصر نادر خاکی سنگین با نسبت6/1(Dy/Yb)N> نشانة حضور گارنت در ناحیه ﻣﻨﺸﺄ است (Haase et al., 2004).
اما نسبت (Dy/Yb)N در بازالتهای منطقه کمتر از 5/1 بوده، این موضوع نشان میدهد که گارنت نقش مهمی در ناحیه ﻣﻨﺸﺄ ندارد (Lucassen et al., 2008). به عقیدۀ Furman (2007) نسبت (Tb/Yb)N در ریفت شرق آفریقا بین 2/2 تا 8/2 بوده که مذابهای منشأ گرفته از یک منبع گارنتلرزولیتی نمیتواند مقادیر فوق را تولید کند، در حالیکه در جنوب ریفت کنیا نسبت (Tb/Yb)N بین 7/2 تا 6/5 بوده که نشان از یک ﻣﻨﺸﺄ گوشتهای غنیشده با رخسارۀ گارنت دارد (Spath et al., 2001).
در بازالتهای جوان منطقه قروه ـ تکاب نسبت (Tb/Yb)N در حدود میانگین 2 بوده، این موضوع حضور گارنت در ناحیه ﻣﻨﺸﺄ را منتفی میکند. همچنین، غلظتهای 10 برابر کندریتی REEهای سنگین که در بازالتهای منطقه مشاهده میشود، نشانه نبود حضور گارنت در ناحیه ﻣﻨﺸﺄ است (Wilson, 1989).
در شکل 16 تغییرات درصد مولی کاتیونی Mg در برابر تغییرات درصد مولی کاتیونی Fe کل از Furman (1995) نشان داده شده است. مربع آبی توخالی ترکیب مذابهای آزمایشگاهی بهدست آورده شده از یک گوشته تهیشده و دایرههای قرمز توخالی ترکیب مذابهای یک متشکله گوشتهای زایا و غنیشده ما بین فشارهای 10 تا 30 کیلوباری را نشان میدهد (Hirose and Kushiro, 1993).
شکل 16- موقعیت آلکالی الیوین بازالتهای قروه ـ تکاب در نمودار تغییرات درصد مولی کاتیونی Mg در برابر تغییرات درصد مولی کاتیونی Fe کل (Furman, 1995). مربع آبی توخالی ترکیب یک گوشته تهیشده و دایرههای قرمز توخالی ترکیب یک متشکله گوشتهای زایا و غنیشده ما بین فشارهای 10 تا 30 کیلوباری (Hirose and Kushiro, 1993).
از آنجاییکه بخش عمدة فازهای کنترلکننده Fe و Mg بهوسیلة الیوین و کلینوپیروکسن کنترل میشود، لذا با توجه به ترکیب کانیشناسی سنگهای منطقه، میتوان از مطالعه پترولوژی تجربی فوق در مورد سنگهای منطقه نیز استفاده نمود (Jung, 2003). در این نمودار از نمونه هایی استفاده شده، که دارای عدد منیزیم 60 به بالا بوده، ترکیب آنها به ماگماهای اولیه نزدیکتر است. همانطور که ملاحظه میشود، نمونهها روند گوشتة زایا و غنیشده را نشان میدهند و تماماً در محدوده فشارهای 10 تا 15 کیلوباری قرار گرفتهاند.
از آنجا که منطقة تغییر و تحول بین دو کانی گارنت و اسپینل بین فشارهای 20 تا 25 کیلوباری بوده که مطابق یک عمق تقریبی 60 تا 75 کیلومتری است (Jung, 2003)، لذا محدوده فشار 10 تا 15 کیلوباری مطابق دیاگرام Takahashi و Kushiro (1983) در محدودة رخسارة اسپینل واقع میشود. بنابراین، گوشته ناحیه ﻣﻨﺸﺄ بازالتهای قروه ـ تکاب گوشته غنیشده با رخسارة اسپینل بوده که در محدودة فشارهای 10 تا 15 کیلوباری و اعماق کمتر از 60 کیلومتری منشأ گرفته است.
این موضوع با توجه به ترکیب سنگهای منطقه بهخوبی با مطالعات تجربی نیز هماهنگ است، چرا که طبق مطالعات Jaques و Green (1980) میتوان از ذوب یک پریدوتیت اسپینلدار تحت فشار 15 کیلوبار و نرخ ذوببخشی کمتر از 15% یک آلکالی الیوین بازالت بهدست آورد.
بحث و نتیجهگیری
سنگهای آتشفشانی بازیک کواترنری منطقه قروه ـ تکاب عموماً دارای ترکیب الیوین بازالت بوده، جزو سری آلکالن محسوب میشوند. این سنگها در محاسبة نورم حاوی الیوین و نفلین و در نتیجه دارای ترکیب آلکالی الیوین بازالت هستند. شواهد ژئوشیمیایی چون آنومالیهای مثبت K ,Pb و غنیشدگی از عناصر LIL و LREE و تهیشدگی از P، Zr، Nb و Ti و وجود انکلاوهای گنایسی و نسبتهای بالای 87Sr/86Sr در بعضی از این بازالتها که به 7083/0 نیز میرسد، بیانگر این موضوع است که سنگهای منطقه به درجات مختلفی با سنگهای پوستة قارهای آلوده شدهاند. در دیاگرامهای تشخیص جایگاههای تکتونیکی، این بازالتها در موقعیت بازالتهای آلکالن داخل صفحه قرار گرفتهاند. مطالعه بر روی نسبتهای ایزوتوپی Sr و Nd و همچنین، نسبتهای عناصر کمیاب ناسازگار از آن حکایت دارد که این بازالتها از گوشتۀ غنی شدهای مشابه بازالتهای جزایر اقیانوسی (OIB-like) ﻣﻨﺸﺄ گرفتهاند. مطالعه بر روی روند الگوی عناصر REE و نسبتهای عناصر MREE/HREE و همچنین، محاسبۀ درصد مولی کاتیونی Fe و Mg و مقایسه آنها با دادههای تجربی حکایت از آن دارد که این بازالتها از گوشتۀ غنیشدهای بین فشارهای 10 تا 15 کیلوباری و اعماق کمتر از 60 کیلومتری از ذوببخشی کمتر از 15% یک منبع اسپینل لرزولیتی منشأ گرفتهاند. با توجه به محلی بودن فورانها، توپوگرافی پست و حجم کم محصولات فورانی و وفور شکستگیها و گسلهای امتداد لغز به نظر میرسد ماگماتیسم منطقه پیامد یک ریفتینگ محلی و بازشدگی در امتداد گسلهها عمیق منطقه بوده که به صعود گوشته غنی شده به سطح منجر شده است. این مدل ریفتینگ تا حدودی قابل مقایسه با ریفتهایی با ولکانیسم کم (LVRS) هستند (Barberi et al., 1982). به عقیدۀ Fitton (2007) بازالتهای آلکالن و انتقالی داخل صفحات قارهای در ترکیب مشابه بازالتهای OIB بوده، اما ﻣﻨﺸﺄ آنها نسبت به OIBهای واقعی مبهم است. پارامتر ∆Nb توسط Fitton و همکاران (1997) بهمنظور تمییز منابع پلوم از غیر پلوم با فرمول ∆Nb=[1.74+log(Nb/Y)-1.92log(Zr/Y)] مطرح شد. مقادیر ∆Nb>0 بیانگر ﻣﻨﺸﺄ پلوم و ∆Nb<0 بیانگر منبع غیر پلوم است. پوسته قارهای، بازالتهای در ارتباط با فرورانش و بازالتهای مورب نوع N دارای مقادیر ∆Nb منفی هستند. مقادیر محاسبه شده ∆Nb در بازالتهای جوان قروه- تکاب مقادیر ∆Nb منفی را نشان میدهد، در حالیکه ولکانیسمهای داخل صفحات قارهای دارای ﻣﻨﺸﺄ شبیه OIB (OIB-like) و دارای ∆Nb>0 هستند (Fitton, 2007)، اما از طرفی، در برخی بازالتهای مناطق ریفتی درون قارهای چون ایالت باسین اند رنج (Basin and Range) و غرب آمریکا مقادیر ∆Nb<0 است.
به عقیدۀ Kempton و همکاران (1991) و همچنین Fitton و همکاران (1991) علت این موضوع احتمالاً ﻣﻨﺸﺄگیری ماگماها از یک منبع گوشتهای لیتوسفری زیر قارهای (نه آستنوسفر) غنیشده بهوسیلۀ سیالات آزاد شده از یک ورقه فرورانده شده است. نسبت 30 La/Ta> و 5/1 La/Nb> در بازالتهای جوان منطقه نیز از شواهد ﻣﻨﺸﺄگیری ماگماها از گوشته لیتوسفری زیر قارهای (Sub-continental) است (Fitton et al., 1988).
شواهد ژئوشیمیایی و ایزوتوپی به ما نشان میدهد که بازالتهای منطقه از یک منبع شبه - OIB زیر قارهای (Sub-Continental OIB-like) با رخساره اسپینل منشأ گرفتهاند، اما مکانیسمی که سبب تولید بازالتهای شبه OIB قارهای از چنین منابعی میشود، تا به امروز حل نشده باقی مانده است (Fitton, 2007).