Document Type : Original Article
Authors
Department of Petrology, School of Geosciences, Shahrood University of Technology, Shahrood, Iran
Abstract
Keywords
ویژگیهای خاستگاه و جایگاه زمینساختی ماگماتیسم بازیک در سازند قرمز زیرین، شمال گرمسار (سمنان، ایران مرکزی)
حبیباله قاسمی *، رضا سریزن و عزیزاله طاهری
گروه پترولوژی و زمینشناسی اقتصادی، دانشکده علوم زمین، دانشگاه صنعتی شاهرود، شاهرود، ایران
چکیده
در شمال و شمالباختری گرمسار در استان سمنان، در سازند قرمز زیرین، رخنمونهایی از سنگهای آذرین بازیک به سن الیگوسن میانی-پسین بهصورت دایک، سیل و استوکهای بسیار کوچک دیده میشوند. این سنگها دارای ترکیب بازیک و سرشت قلیایی هستند. بافتهای گوناگون پورفیری، گلومروپورفیری، افیتی، سابافیتی، اینترگرانولار و گرانولار در بخشهای مختلف این تودهها دیده میشوند. پلاژیوکلاز و کلینوپیروکسن از کانیهای اصلی، الیوین، کانیهای کدر (مگنتیت، تیتانومگنتیت)، آپاتیت و فلوگوپیت از کانیهای فرعی و کلریت، پرهنیت، اپیدوت، سرپانتین، سریسیت و کلسیت، از کانیهای ثانویه این سنگها هستند. نمودارهای بهنجار شده این سنگها به ترکیب گوشته اولیه و کندریت، از عناصر خاکی نادر سبک (LREE) غنیشدگی شدید و از عناصر خاکی نادر سنگین (HREE) تهیشدگی نسبی نشان میدهند. افزون بر این، الگوی موازی نمونهها در این نمودارها، نشاندهنده خاستگاه یکسان این سنگها و نقش جدایش بلورین در پیدایش آنهاست. در نمودارهای شناسایی پهنه زمینساختی، این سنگها در قلمرو پهنههای کششی پشتکمان جای میگیرند. بررسیهای زمینشیمیایی نشان میدهند که ماگمای سازنده این سنگها از ذوببخشی 11 تا 16 درصدیِ یک خاستگاه گوشتهای غنیشده و گارنتلرزولیتی تعدیلشده، در ژرفای 90 تا 100 کیلومتری پدید آمده است. در زمان الیگوسن-میوسن، این ماگما از راه گسلها و شکستگیهای ژرف، به درون پهنه کششی پشتکمانی آغازین که پیامد فرورانش صفحه عربی به زیر صفحه ایرانمرکزی بوده، وارد شده است.
واژههای کلیدی: ماگماتیسم، الیگوسن، سازند قرمز زیرین، گرمسار، ایران مرکزی
مقدمه
پهنه فروافتاده ایران مرکزی از پهنههای ساختاری اصلی و بزرگی است که به شکل سهگوش در مرکز ایران جای دارد و از بزرگترین و پیچیدهترین پهنههای زمینشناسی ایران، در میان سه پهنه زمینساختیِ البرز در شمال، لوت در خاور و زاگرس در جنوب و جنوبباختری بهشمار میرود (Aghanabati, 2004). به باور Kasmin و Tikhonova (2008)، از کرتاسه تا پالئوژن و در پی عملکرد پهنههای کششی پشتکمانی، این پهنه دچار فروافتادگی شده است. از آنجاییکه پهنههای ساختاری دچار تبخیر دریایی، حرکتهای خشکیزایی گسترده و یا دچار فروافتادگیهای وابسته به کافت حاشیه قارهای میشوند؛ ازاینرو، جایگاه زمینساختی گستره تبخیری شمال و باختر گرمسار را میتوان یک فروزمین در حاشیه شمالی پهنه پشتکمانی ایران مرکزی دانست (Ghasemi and Barahmand, 2013).
بسیاری از پژوهشگران، مانند Berberian (1983)، Jackson و همکاران (1990)، Shahriyari و همکاران (1999)، Asadian و همکاران (2007)، Reuter و همکاران (2007)، Verdel (2009)، Bin و Meiyin (2010)، Barahmand (2010)، Ghasemi و همکاران (2011) و Ghasemi و Barahmand (2013)، جایگاه این بلوک را یک پهنه کششی پشتکمانی نابالغ و وابسته به پهنه پشتکمان ماگمایی ارومیه-دختر در زمان الیگوسن-میوسن دانستهاند.
در شمالیترین بخشهای پهنه ایران مرکزی، و در شمال و شمالباختری گرمسار (استان سمنان)، تودههای آذرین درونی فراوان، پراکنده و بسیار کوچکی از گابرو، بهصورت دایک، سیل و استوکهای بسیار کوچک دیده میشوند که بخش بالایی سازند قرمز زیرین (واحد Olmg)، را قطع کردهاند (شکل 1). Ghasemi و Barahmand (2013) در یک بررسی کوتاه و برای اطمینان از وابستگی این تودهها با گدازههای بازالتی الیگوسن-میوسن منطقه کلاتهسادات در باختر سبزوار (Ghasemi et al., 2011)، این تودهها را در مقیاس بسیار کوچک بررسی کردهاند. در این بررسی چند نکته مهم روشن شد:
(1) بر خلاف گزارشهای پیشین، سنگهای آذرین منطقه گرمسار بازالت زیردریایی نبوده، بلکه تودههای نفوذی نیمهدرونی گابرویی هستند؛
(2) این تودهها از گسترش زیادی برخوردار هستند و بهطور پراکنده در بسیاری از سنگهای الیگوسن-میوسن ایران مرکزی، از آذربایجان در باختر تا خراسان جنوبی در خاور، به هر دو شکل توده آذرین درونی و بیرونی دیده میشوند؛
(3) این تودهها دارای سرشت قلیایی و ویژگیهای زمینشیمیایی مشترک پهنههای کششی پشتکمانی و کمانهای آتشفشانی حاشیه قاره هستند.
ازاینرو، تصمیم گرفته شد که این تودهها دقیقتر و در مقیاسی گستردهتر، بررسی شوند. در این مقاله، یافتههای بهدست آمده از این بررسی و بررسیهای پیشین، با دیدگاهی جامعتر و در چهارچوب زمینساخت ورقهای ایران آورده شده است.
روش انجام پژوهش
در راستای انجام این پژوهش، با دقت به بررسی صحرایی گستره بزرگی از رخنمونهای سازند قرمز زیرین، از شمال گرمسار تا خاور ایوانکی، پرداخته شد. از سنگهای آذرین این مناطق، بیش از 100 نمونه دستی برداشت و از همه آنها مقطع نازک و از 4 نمونه نیز مقطع صیقلی تهیه شد و نمونهها با دقت سنگنگاری شدند. 11 نمونه با کمترین دگرسانی، برگزیده شد و به روشهای ICP-AES و ICP-MS در آزمایشگاه Lab West استرالیا تجزیه شیمیایی شدند. دادههای تجزیه شیمیایی این نمونهها در جدول 1 آورده شدهاند.
جدول 1- دادههای خام تجزیه شیمیایی عناصر اصلی، کمیاب و خاکی نادر در نمونههای گابرویی شمال گرمسار (ایران مرکزی). مقدار نسبت FeO/Fe2O3 بهروش Middlemost (1989) بهدست آمده است (دادهها از Sarizan (2014)).
Sample No. |
RS1 |
RS 2 |
RS 3 |
RS 4 |
RS 5 |
RS 6 |
RS 7 |
RS 8 |
RS 9 |
RS 10 |
RS 11 |
SiO2 |
45.72 |
45.37 |
45.62 |
45.58 |
45.91 |
47.05 |
45.71 |
43.02 |
50.86 |
49.30 |
47.34 |
TiO2 |
0.88 |
0.85 |
0.86 |
0.91 |
1.15 |
1.12 |
0.86 |
1.11 |
0.77 |
0.86 |
1.82 |
Al2O3 |
16.93 |
16.79 |
17.18 |
16.95 |
15.23 |
19.23 |
16.83 |
18.05 |
19.89 |
19.73 |
16.28 |
FeO |
8.20 |
7.59 |
7.83 |
8.17 |
8.78 |
6.74 |
7.74 |
7.64 |
5.37 |
5.15 |
9.02 |
Fe2O3 |
2.74 |
2.46 |
2.68 |
2.75 |
2.94 |
2.22 |
2.56 |
2.52 |
1.76 |
1.68 |
2.98 |
MnO |
0.11 |
0.11 |
0.12 |
0.17 |
0.22 |
0.09 |
0.18 |
0.21 |
0.10 |
0.11 |
0.19 |
MgO |
8.73 |
8.25 |
8.18 |
7.51 |
8.79 |
6.34 |
8.74 |
8.50 |
4.52 |
6.04 |
6.14 |
CaO |
8.98 |
11.02 |
10.09 |
10.27 |
6.28 |
8.99 |
9.02 |
11.00 |
8.01 |
8.22 |
7.78 |
Na2O |
3.39 |
3.07 |
3.02 |
3.21 |
3.10 |
2.63 |
1.67 |
0.99 |
3.15 |
2.17 |
3.44 |
K2O |
0.63 |
0.91 |
1.15 |
1.01 |
2.93 |
1.73 |
2.53 |
2.45 |
2.86 |
3.87 |
1.65 |
Cr2O3 |
0.02 |
0.03 |
0.02 |
0.03 |
0.03 |
0.01 |
0.03 |
0.02 |
0.02 |
0.02 |
0.02 |
P2O5 |
0.17 |
0.15 |
0.15 |
0.17 |
0.42 |
0.30 |
0.17 |
0.41 |
0.47 |
0.40 |
0.94 |
L.O.I |
3.50 |
3.71 |
3.11 |
3.28 |
4.16 |
3.43 |
3.95 |
4.03 |
2.19 |
2.41 |
2.29 |
Ba |
130 |
100 |
152 |
139 |
688 |
254 |
187 |
396 |
321 |
388 |
865 |
Co |
59 |
39 |
47 |
50 |
54 |
32 |
54 |
41 |
17 |
26 |
26 |
Cs |
0.39 |
0.30 |
0.29 |
0.60 |
0.89 |
0.49 |
0.79 |
2.17 |
0.49 |
1.00 |
0.19 |
Ga |
15.79 |
8.88 |
11.72 |
13.94 |
12.81 |
16.55 |
16.88 |
16.78 |
13.73 |
20.98 |
13.57 |
Hf |
0.99 |
0.99 |
0.98 |
1.99 |
1.97 |
1.95 |
0.99 |
1.97 |
2.94 |
3.00 |
3.88 |
Nb |
3.95 |
1.97 |
2.93 |
3.98 |
11.82 |
4.87 |
3.97 |
5.92 |
8.82 |
12.99 |
23.26 |
Rb |
7.01 |
11.05 |
17.77 |
23.21 |
42.46 |
39.44 |
23.63 |
58.44 |
40.10 |
66.03 |
6.49 |
Sn |
1.97 |
0.95 |
0.95 |
0.95 |
0.95 |
0.95 |
0.95 |
1.97 |
0.95 |
2.00 |
0.95 |
Sr |
619 |
522 |
597 |
656 |
1024 |
548 |
1211 |
706 |
836 |
835 |
891 |
Ta |
0.45 |
0.45 |
0.45 |
0.45 |
0.59 |
0.45 |
0.45 |
0.45 |
0.69 |
0.60 |
1.26 |
Th |
1.18 |
1.18 |
1.17 |
1.39 |
1.48 |
2.63 |
1.29 |
4.34 |
5.69 |
5.59 |
1.36 |
Tl |
15.79 |
20.71 |
22.46 |
13.94 |
9.36 |
2.63 |
1.99 |
0.99 |
6.18 |
4.20 |
1.16 |
U |
0.37 |
0.46 |
0.63 |
0.50 |
0.64 |
0.86 |
0.51 |
1.04 |
1.63 |
1.40 |
0.57 |
V |
253 |
255 |
256 |
248 |
203 |
246 |
255 |
284 |
134 |
168 |
203 |
Zr |
55.28 |
32.54 |
38.09 |
50.80 |
98.52 |
80.82 |
56.60 |
91.81 |
97.06 |
159.8 |
145.35 |
Y |
23.69 |
12.82 |
15.63 |
18.92 |
21.67 |
22.40 |
22.84 |
26.65 |
17.65 |
28.97 |
25.19 |
Mo |
52.32 |
64.10 |
62.50 |
51.79 |
37.44 |
18.50 |
19.86 |
10.86 |
22.55 |
29.97 |
10.66 |
Cu |
142.1 |
143.98 |
90.82 |
98.61 |
102.46 |
110.0 |
249.26 |
192.5 |
106.8 |
122.8 |
62.98 |
Zn |
59.23 |
20.71 |
29.30 |
64.74 |
43.35 |
46.74 |
148.96 |
100.6 |
32.35 |
98.90 |
46.51 |
Ni |
56.27 |
64.10 |
49.80 |
55.78 |
110.34 |
15.58 |
48.66 |
36.53 |
21.57 |
39.96 |
47.48 |
La |
23.20 |
21.89 |
22.27 |
22.01 |
38.52 |
32.52 |
25.82 |
38.10 |
58.63 |
48.35 |
59.69 |
Ce |
15.79 |
15.78 |
16.60 |
19.92 |
47.29 |
34.08 |
18.87 |
44.42 |
62.75 |
57.94 |
85.27 |
Pr |
2.27 |
2.27 |
2.44 |
2.79 |
6.11 |
4.58 |
2.68 |
5.92 |
6.86 |
7.09 |
10.66 |
Nd |
10.86 |
10.85 |
11.72 |
12.95 |
25.62 |
19.47 |
11.92 |
25.67 |
26.47 |
27.97 |
43.60 |
Sm |
2.67 |
2.96 |
2.83 |
3.19 |
4.63 |
4.19 |
3.18 |
5.63 |
5.00 |
5.39 |
7.95 |
Eu |
0.99 |
0.95 |
0.98 |
1.10 |
1.77 |
1.56 |
0.94 |
1.78 |
1.86 |
1.90 |
2.52 |
Gd |
3.16 |
3.06 |
3.13 |
3.29 |
5.12 |
4.48 |
3.28 |
5.63 |
5.20 |
5.59 |
7.56 |
Tb |
0.49 |
0.48 |
0.53 |
0.55 |
0.71 |
0.69 |
0.54 |
0.84 |
0.72 |
0.70 |
1.07 |
Dy |
2.76 |
2.76 |
2.83 |
2.99 |
3.55 |
3.60 |
2.98 |
4.54 |
3.73 |
4.00 |
5.23 |
Ho |
0.59 |
0.54 |
0.59 |
0.66 |
0.73 |
0.70 |
0.62 |
0.87 |
0.76 |
0.76 |
0.97 |
Er |
1.58 |
1.48 |
1.56 |
1.69 |
1.77 |
2.14 |
1.59 |
2.27 |
2.06 |
2.10 |
2.62 |
Tm |
0.44 |
0.33 |
0.34 |
0.32 |
0.36 |
0.40 |
0.40 |
0.43 |
0.48 |
0.45 |
0.56 |
Yb |
1.48 |
1.48 |
1.46 |
1.59 |
1.67 |
1.95 |
1.49 |
2.17 |
2.06 |
2.00 |
2.33 |
Lu |
0.36 |
0.31 |
0.27 |
0.26 |
0.27 |
0.29 |
0.24 |
0.32 |
0.34 |
0.33 |
0.39 |
Zr/Y |
2.33 |
2.54 |
2.44 |
2.68 |
4.55 |
3.61 |
2.48 |
3.44 |
5.50 |
5.52 |
5.77 |
Nb/Y |
0.17 |
0.15 |
0.19 |
0.21 |
0.55 |
0.22 |
0.17 |
0.22 |
0.50 |
0.45 |
0.92 |
Th/Yb |
0.80 |
0.80 |
0.80 |
0.88 |
0.88 |
1.35 |
0.87 |
2.00 |
2.76 |
2.80 |
0.58 |
Ta/Yb |
0.30 |
0.30 |
0.31 |
0.28 |
0.35 |
0.23 |
0.30 |
0.21 |
0.33 |
0.30 |
0.54 |
YbN |
7.11 |
7.11 |
7.01 |
7.64 |
8.02 |
9.37 |
7.16 |
10.43 |
9.90 |
9.61 |
11.20 |
La/Yb |
15.67 |
14.80 |
15.20 |
13.81 |
23.00 |
16.70 |
17.33 |
17.55 |
28.48 |
24.20 |
25.67 |
Ce/Yb |
10.67 |
10.67 |
11.33 |
12.50 |
28.24 |
17.50 |
12.67 |
20.45 |
30.48 |
29.00 |
36.67 |
Dy/Yb |
1.87 |
1.87 |
1.93 |
1.88 |
2.12 |
1.85 |
2.00 |
2.09 |
1.81 |
2.00 |
2.25 |
Na2O+K2O |
4.17 |
4.13 |
4.30 |
4.36 |
6.30 |
4.52 |
4.37 |
3.59 |
6.15 |
6.19 |
5.22 |
Ti/1000 |
5.46 |
5.29 |
5.32 |
5.64 |
7.19 |
6.95 |
5.37 |
6.93 |
4.72 |
5.28 |
11.17 |
Ti/V |
21.60 |
20.74 |
20.77 |
22.73 |
35.44 |
28.26 |
21.04 |
24.42 |
35.21 |
31.44 |
55.04 |
FeO/MgO |
0.94 |
0.89 |
0.96 |
1.09 |
1.00 |
1.07 |
0.88 |
0.90 |
1.18 |
0.85 |
1.47 |
جدول 1- ادامه.
2GE1 |
G2B |
2GB3 |
G3A |
2GA8 |
G1D |
2GD3 |
Samples No. |
48.50 |
48.07 |
47.30 |
47.70 |
46.80 |
46.60 |
46.40 |
SiO2 |
1.47 |
1.52 |
1.63 |
1.57 |
1.55 |
0.84 |
0.84 |
TiO2 |
15.65 |
15.75 |
15.60 |
15.80 |
15.75 |
16.60 |
16.30 |
Al2O3 |
8.43 |
8.55 |
10.08 |
8.35 |
8.27 |
8.79 |
8.93 |
FeO |
2.97 |
2.50 |
1.97 |
2.55 |
2.43 |
1.52 |
1.72 |
Fe2O3 |
0.23 |
0.23 |
0.21 |
0.31 |
0.35 |
0.18 |
0.18 |
MnO |
5.41 |
5.69 |
5.44 |
5.65 |
5.71 |
7.37 |
8.36 |
MgO |
5.26 |
6.39 |
7.53 |
5.81 |
6.68 |
10.95 |
8.96 |
CaO |
1.76 |
1.76 |
3.00 |
1.18 |
1.34 |
2.33 |
1.62 |
Na2O |
5.81 |
4.07 |
1.06 |
4.81 |
4.59 |
1.22 |
2.62 |
K2O |
0.01 |
0.01 |
0.02 |
0.01 |
0.01 |
0.02 |
0.02 |
Cr2O3 |
0.92 |
0.89 |
0.95 |
0.86 |
0.90 |
0.18 |
0.18 |
P2O5 |
2.48 |
2.77 |
3.39 |
3.48 |
3.64 |
2.99 |
3.30 |
L.O.I |
98.8 |
99.10 |
98.30 |
98.30 |
98.50 |
100 |
99.40 |
Total |
817 |
887 |
449 |
528 |
723 |
123 |
160 |
Ba |
26 |
25 |
26 |
25 |
22 |
36 |
38 |
Co |
0.35 |
0.28 |
0.28 |
0.17 |
0.12 |
0.44 |
0.49 |
Cs |
17.1 |
15.7 |
16.5 |
16.5 |
16.1 |
14.2 |
14.1 |
Ga |
4.30 |
3.90 |
3.80 |
3.90 |
3.70 |
1.30 |
1.30 |
Hf |
24.00 |
24.50 |
22.80 |
24.30 |
22.60 |
2.50 |
2.70 |
Nb |
51.70 |
9.30 |
9.30 |
33.50 |
37.30 |
23.20 |
39.30 |
Rb |
2100 |
1250 |
701 |
1085 |
974 |
555 |
728 |
Sr |
1.20 |
1.20 |
1.20 |
1.20 |
1.10 |
0.20 |
0.20 |
Ta |
1.77 |
1.74 |
1.60 |
1.78 |
1.60 |
1.50 |
1.46 |
Th |
0.61 |
0.56 |
0.57 |
0.59 |
0.48 |
0.51 |
0.44 |
U |
171 |
166 |
189 |
173 |
182 |
259 |
253 |
V |
1.00 |
0.88 |
0.88 |
0.88 |
0.88 |
0.85 |
0.85 |
W |
193 |
179 |
166 |
176 |
165 |
44 |
44 |
Zr |
28.20 |
26.60 |
25.70 |
26.40 |
24.80 |
14.80 |
14.30 |
Y |
2.00 |
1.90 |
1.90 |
1.90 |
2.00 |
1.90 |
1.90 |
Mo |
134 |
31 |
100 |
71 |
118 |
82 |
86 |
Cu |
99 |
161 |
135 |
233 |
127 |
43 |
40 |
Zn |
28 |
31 |
37 |
31 |
28 |
42 |
42 |
Ni |
0.95 |
0.95 |
0.95 |
0.95 |
0.95 |
0.95 |
0.95 |
Ag |
42.20 |
39.70 |
39.30 |
39.10 |
37.60 |
8.60 |
8.90 |
La |
86.90 |
85.80 |
82.00 |
83.00 |
81.80 |
19.00 |
19.60 |
Ce |
11.05 |
11.20 |
10.45 |
10.8 |
10.55 |
2.83 |
2.74 |
Pr |
42.70 |
42.80 |
41.30 |
42.00 |
40.40 |
12.10 |
12.10 |
Nd |
8.13 |
8.12 |
7.87 |
8.08 |
7.21 |
3.08 |
2.92 |
Sm |
2.29 |
2.33 |
2.20 |
2.35 |
2.40 |
0.98 |
0.97 |
Eu |
7.19 |
7.57 |
7.22 |
7.48 |
6.65 |
3.09 |
3.01 |
Gd |
1.14 |
1.08 |
1.08 |
1.10 |
0.99 |
0.52 |
0.51 |
Tb |
5.64 |
5.37 |
5.26 |
5.53 |
4.96 |
2.97 |
2.82 |
Dy |
1.12 |
1.06 |
1.04 |
1.06 |
1.01 |
0.62 |
0.61 |
Ho |
3.26 |
3.14 |
3.03 |
3.08 |
2.85 |
1.75 |
1.75 |
Er |
0.46 |
0.41 |
0.42 |
0.43 |
0.38 |
0.26 |
0.23 |
Tm |
2.9 |
2.57 |
2.51 |
2.63 |
2.39 |
1.52 |
1.49 |
Yb |
0.45 |
0.42 |
0.38 |
0.42 |
0.40 |
0.24 |
0.23 |
Lu |
6.84 |
6.73 |
6.46 |
6.67 |
6.65 |
2.97 |
3.08 |
Zr/Y |
0.85 |
0.92 |
0.89 |
0.92 |
0.91 |
0.17 |
0.19 |
Nb/Y |
0.61 |
0.68 |
0.64 |
0.68 |
0.67 |
0.99 |
0.98 |
Th/Yb |
0.41 |
0.47 |
0.48 |
0.46 |
0.46 |
0.13 |
0.13 |
Ta/Yb |
13.94 |
12.35 |
12.06 |
12.64 |
11.49 |
7.30 |
7.16 |
YbN |
14.55 |
15.45 |
15.66 |
14.87 |
15.73 |
5.66 |
5.97 |
La/Yb |
29.97 |
33.39 |
32.67 |
31.56 |
34.23 |
12.50 |
13.15 |
Ce/Yb |
1.94 |
2.09 |
2.10 |
2.10 |
2.08 |
1.95 |
1.89 |
Dy/Yb |
7.57 |
5.83 |
4.06 |
5.99 |
5.93 |
3.55 |
4.24 |
Na2O+K2O |
9.12 |
9.42 |
10.26 |
9.9 |
9.78 |
5.16 |
5.04 |
Ti/1000 |
53.33 |
56.75 |
54.29 |
57.23 |
53.74 |
19.92 |
19.92 |
Ti/V |
1.50 |
1.49 |
1.85 |
1.48 |
1.44 |
1.20 |
1.10 |
FeO/MgO |
اکسیدهای عناصر اصلی بر پایه درصد وزنی (wt%) و عناصر کمیاب و خاکی نادر بر پایه قسمت در میلیون (ppm) هستند. بر روی دادهها ویرایشهای لازم، مانند حذف مواد فرّار (L.O.I.) به روش استاندارد پیشنهادیِ Rollinson (1993) و نیز نسبت FeO/Fe2O3 بر پایه روش Middlemost (1989) انجام شد.
برای دستیابی به نتیجه بهتر، از دادههای 7 نمونه تجزیهشدة منطقه گرمسار بهدست Barahmand (2010) نیز بهره گرفته شده است (جدول 1). همچنین، نقشه زمینشناسی منطقه شمال گرمسار (شکل 1)، با بهرهگیری از دادههای نقشه زمینشناسی 100000/1 گرمسار (Amini et al., 2004)، بازدیدهای صحرایی دقیق، تصویر ماهوارهای رقومیشده با دقت بالا (با نرمافزار S.A.S. Planet) و رسم در محیط ArcGIS و طراحی پایانی با نرمافزار فتوشاپ، تهیه شده است.
شکل 1- نقشه زمینشناسی منطقه شمال گرمسار (ایران مرکزی) که بر پایه دادههای نقشه زمینشناسی 100000/1 گرمسار (Amini et al., 2004) و برداشتهای صحرایی و تصویر ماهوارهای دقیق دوباره رسم شده است.
بحث و بررسی
زمینشناسی منطقه
محدوده گسترش تودههای آذرین شمال گرمسار (ایران مرکزی)، در طولهای جغرافیایی '52°01 تا '24°52 خاوری و عرضهای جغرافیایی '35°09 تا '21°35 شمالی، در شمالخاوری تا شمالباختری گرمسار است. بر پایه پیشنهاد Amini و همکاران (2004)، در منطقه گرمسار، سازند قرمز زیرین از توالی ضخیمی از شیلهای رنگی، مارنهای ژیپسدار قرمز رنگ، ماسهسنگ بههمراه لایهها و گنبدهای نمکی در زیر (واحد OLS) به سن الیگوسن زیرین و کنگلومرا، ماسهسنگ، تناوبی از مارنهای روشن تا کرمرنگ ژیپسدار بههمراه مارنهای آهکی و سنگهای آتشفشانی (واحد OLmg) در بالا، به سن الیگوسن میانی-پسین ساخته شده است (شکل 1).
بر پایه بازدیدها و بررسیهای میدانی، این سنگهایِ به اصطلاح آتشفشانی، بهعلت رنگ سبز تیرهشان، بهآسانی از سنگهای رسوبی میزبان، شناسایی میشوند (شکل 2- A) و به روشنی لایهبندی سنگهای آواری (ماسهسنگی) و مارنهای گچدار (واحد Olmg)سازند قرمز زیرین را قطع کردهاند (شکل 2- B). ازاینرو، این سنگها آذرین نیمهدرونی هستند.
شکل 2- تصویر صحرایی از تودههای آذرین شمال گرمسار (ایران مرکزی): A) نمایی از یک دایک گابرویی تزریقشده در سازند قرمز زیرین و سپس گسلش آن در پی بالاآمدن گنبد نمکی (دید بهسوی شمال)؛ B) نمایی از نفوذ واحد آذرین Olgb به درون واحد رسوبی Olmg (دید بهسوی باختر)؛ C) نمودار بلوکیِ توالیهای رسوبی سازند قرمز زیرین و تودههای آذرین درون آن در منطقه گرمسار؛ D) نمایی از دسته دایکهای گابرویی تزریقشده در واحد Olmg سازند قرمز زیرین منطقه گرمسار (دید بهسوی شمال).
بر پایه وابستگی چینهشناختی، این سنگهای آذرین از واحد رسوبی OLmg سازند قرمز زیرین اندکی جوانتر هستند؛ اما از آنجاییکه در واحدهای بالاتر توالی سنگچینهای، مانند سازند قم و قرمز بالایی، دیده نمیشوند؛ ازاینرو، سن تزریق آنها را میتوان بازه زمانی الیگوسن میانی-پسین، در مراحل پایانی تهنشست بخشهای بالایی سازند قرمز زیرین، دانست (شکل 2-C). این مسأله، با دیدن رخنمون معادلهای آذرین بیرونی این تودههای نیمهدرونی، بهشکل روانههای گدازه بازالتی در مناطق همجوار مانند جنوب شاهرود تا سبزوار (Ghasemi et al., 2011)، پذیرفتنی است.
حضور سنگهای آذرین در بسیاری از گنبدهای نمکی منطقه گرمسار، نشاندهنده این است که چهبسا در زیر بسیاری از این گنبدهای نمکی برخاسته، تودههای آذرین نیمهدرونی جای داشته و در برخی بخشها بهصورت آپوفیز، استوکهای بسیار کوچک و دایک رخنمون یافتهاند (شکل 2). در پی برخاستگی و فرسایش گنبدهای نمکی، رخنمون تودهها بهصورت پراکنده و معمولاً در قله گنبدها دیده میشود. دایکها عموماً بهموازات یکدیگر، در راستای شمالباختری-جنوبخاوری (Barahmand, 2010) و گاه بهصورت گروهی دیده میشوند (شکل 2- D).
سنگنگاری
بررسیهای میدانی و سنگنگاری نشان میدهند که سنگهای آذرین شمال گرمسار، سرشت گابرویی (بازیک) دارند؛ اما بخشهای روشن تفریقیافتة دیوریتی (لوکوگابرویی) نیز در آنها دیده میشوند. این سنگها، دارای انواع بافتها و درجههای گوناگونی دگرسانیها هستند. تنوع بافتی، نشان میدهد که شرایط سردشدن، سرعت هستهبندی و رشد کانیها و شرایط مهاجرت و انتشار عناصر در ماگما یکسان نبوده است. بیگمان، حجم توده و ژرفای جایگزینی آن، نقش پررنگی در پیدایش این ناهمسانیها داشته است. مناطق کنارهای تودههای کوچک و دایکها، که با شتاب بیشتری سرد شدهاند، دارای کنارههای انجماد تُند هستند؛ اما بهسوی مرکز تودهها، اندازة دانهها بهآرامی افزایش مییابد و بهترتیب، ساختها و بافتهای بازالتی، دیابازی، میکروگابرویی و گابرویی در آنها دیده میشود.
نمونههای گابرویی، دارای بافتهای دانهای ریزبلور، افیتی و سابافیتی هستند (شکل 3- A). بافتهای افیتی و سابافیتی، در سنگهای دارای ترکیب بازالتی یافت میشوند. اگرچه در برخی جریانهای گدازه بازالتی، ناپیدابلور دیده میشود؛ اما بیشتر در سنگهای دانه درشتتر، مانند کناره تودههای مافیک دانهریز تا دانهمتوسط و دایکهای دیابازی، پیدا بلور معمول است (Blatt et al., 2006; Best, 2003). ازاینرو، این بافتها راه شناخت سردشدن سریعتر مذاب در تودههای آذرین نیمهدرونی منطقه هستند. در نمونههای کناره دایکها، در پی انجماد تُند، زمینه سنگ بیشتر از ریزبلورها ساخته شده است و بافتهای پورفیری و گلومروپورفیری دیده میشود (شکل 3- B). برخی نمونههای کناره دایکها در زمینه خود، دارای جهتگیری نسبی میکرولیتهای پلاژیوکلاز هستند و جهتیابی آنها فشار جایگزینی در زمان انجماد را نشان میدهد. در برخی نمونهها، بافت گلومروپورفیری دیده میشود که پیامد انباشتگی خوشهای فنوکریستهای پلاژیوکلاز و کلینوپیروکسن در زمینهای میکرولیتی است. در بافت بادامکیِ (حفرهدار) کناره برخی دایکها، که پیامد خروج گازهاست، بادامکها با کانیهای ثانویه مانند کلسیت، اپیدوت و کلریت پر شدهاند.
پلاژیوکلاز و کلینوپیروکسن، کانیهای اصلی گابروها هستند. بهنظر میرسد نِمودِ ادخالگونة بلورهای پلاژیوکلاز در پیروکسن (شکل 3- C) نشاندهنده آغاز تبلور پلاژیوکلاز پیش از پیروکسن و یا تبلور همزمان آنها باشد؛ اما پیروکسنها تُندتر رشد کرده و پلاژیوکلازها را دربرگرفتهاند. پلاژیوکلازهای درون این سنگها، تا اندازهای به سوسوریت تجزیه شدهاند.
کلینوپیروکسن، بهصورت فنوکریستهای شکلدار و نیمه شکلدار، پس از پلاژیوکلاز، فراوانترین کانی سازنده گابروهاست. با توجه به زاویه خاموشی نزدیک به 40 درجهای، رنگ جذبی شدید و چندرنگی آشکار (Forghani, 1983)، کلینوپیروکسنها بیشتر دیوپسید-اوژیت، بهویژه اوژیت تیتانیمدار، هستند. چندرنگی آشکار بلورهای کلینوپیروکسن، نشاندهنده تیتانیمداربودن ساختار آنها و سرشت آلکالن سنگهای منطقه است. در برخی نمونهها، پیروکسنها دارای لبههای گردشده و خلیج خوردگی هستند (شکل 3- D). شکلهای خلیجی نشان دهنده تبلورِ نخستین این کانی در یک مخزن ماگمایی ژرفتر و سپس بالاآمدن ماگما و کاهش فشار ایزوترمال حاکم بر آن در شرایط نااشباع از آب، در هنگام جایگزینی در آشیانة کم ژرفاتر است (Borming and Fuyuan, 2001).
در بخش مرکزی برخی از کلینوپیروکسنهای درشت، ادخالهای فراوان الیوین، پلاژیوکلاز و کانیهای کدر دیده میشود، اما بخش کنارهای بلور این کلینوپیروکسنها، یکنواختتر و بی ادخال هستند. به باور Shelly (1993)، این امر میتواند نشاندهنده پیدایش بلورهای ریز این ادخالها، در هنگام تبلور بخش مرکزی بلورهای کلینوپیروکسن و جذب آسانتر این ریزبلورها به سطح بلور کلینوپیروکسن در هنگام تبلور باشد.
کانیهای کدر (مگنتیت، تیتانومگنتیت و به اندازه بسیار کم پیریت)، آپاتیت، الیوین و فلوگوپیت، از کانیهای فرعی سنگ بهشمار میآیند. آپاتیت به اندازه کم و بهصورت ادخالهای سوزنیشکل و ریز و گاه بهصورت منشوری دیده میشود. کلریت، پرهنیت، کلسیت، اپیدوت و سریسیت از کانیهای ثانویه این سنگها هستند.
واژه دیوریتی (تنها از دید یک نام صحرایی و سنگنگاری)، به گروهی از سنگهای رگهای و بخشهای جدایشیافته روشن در تودههای گابرویی منطقه گفته میشود که در برابر گابروها از فراوانی بسیار کمتری برخوردار هستند. از آنجاییکه این سنگها دارای مرز تدریجی بوده و از دید صحرایی بسیار همانند گابروها هستند، شناسایی و نقشهبرداری آنها بهصورت یک واحد جداگانه، دستیافتنی و شدنی نیست. این سنگها، بیشتر از فلدسپار ساخته شدهاند، الیوین نداشته و در برابر گابروها، پیروکسن بسیار کمتری دارند (شکل 3- E)، هرچند که در نمودارهای ردهبندی شیمیایی، این نمونهها بیشتر در بخش گابروها جای میگیرند. بافتهای گرانولار، اینترگرانولار، افیتی و سابافیتی، از بافتهای فراوان در این سنگها هستند (شکلهای 3- G و 3- H).کانیهای اصلی آنها پلاژیوکلاز و به مقدار بسیار کم، کلینوپیروکسن هستند (شکلهای 3-E تا 3- H).بلورهای شکلدار و نیمهشکلدار پلاژیوکلاز فراوانترین کانی این سنگهاست.
در این سنگها، کلینوپیروکسنها دارای ماکل اوژیتی عادی بوده و عموماً، شکلدار تا نیمهشکلدار هستند. کانیهای کدر، هورنبلند، فلوگوپیت (؟) و آپاتیت از کانیهای فرعی این سنگها بهشمار میآیند. میزان فلوگوپیت (؟) و آپاتیت در این سنگها، فراوانتر از گابروهاست (شکل 3- F). آپاتیت بیشتر بهصورت ادخال در کانیهای دیگر یافت میشود که نشاندهنده تبلور آن در آغاز فرایند تبلور است. اکتینولیت، پرهنیت و کلریت از کانیهای ثانویه این سنگها هستند.
شکل 3- تصویرهای میکروسکوپی تودههای آذرین شمال گرمسار (ایران مرکزی): A) تصویر بافت دانهای بههمراه کانیهای پلاژیوکلاز (Pl)، کلینوپیروکسن (Px) و کانی کدر (Opq) در سنگهای گابرویی در نور پلاریزه یا XPL (Cross Polarized Light)؛ B) درشت بلور فلوگوپیت (Phl) و پیروکسن (Px) در برخی دایکهای گابرویی و پیدایش بافت پورفیری (تصویر XPL)؛ C) جایگیری بخشی از بلور پلاژیوکلاز (Pl) در کانی پیروکسن (Px) و پیدایش بافت سابافیتی (تصویر XPL)؛ D) خلیج خوردگی در کانی اوژیت (تصویر XPL)؛ E) بافت اینترگرانولار در دیوریتها که دربرگیرنده پلاژیوکلاز (Pl) و پیروکسن (Px) است (تصویر XPL)؛ F) تصویر بلور سوزنی و دراز آپاتیت (Apa) بههمراه بلورهای پلاژیوکلاز (Pl) و کلینوپیروکسن (Px) دگرسانشده در دیوریتها در نور عادی یا PPL (Plane Polarized Light)؛ G) پیدایش بافت سابافیتی، در پی جایگیری بلورهای پلاژیوکلاز در زمینهای از بلورهای اوژیت؛ H) پیدایش بافت اینترگرانولار در پی جایگیری بلورهای ریز پیروکسن در میان بلورهای پلاژیوکلاز.
زمینشیمی
در نمودار ردهبندی Cox و همکاران (1979)، نمونههای تودههای آذرین شمال گرمسار در بخش گابرو و سری قلیایی جای گرفتهاند (شکل 4). همچنین، در نمودارهای Irvine و Baragar (1971) (شکل 5-A) و Winchester و Floyd (1976) (شکل 5- B)، این سنگها در بخش سری آلکالن جای گرفتهاند. از دید سنگنگاری، فراوانی کانیهای آپاتیت، کلینوپیروکسنهای غنی از Ti، فلوگوپیت و الیوین، و نبود ارتوپیروکسن (Brown, 2001) در این سنگها نشاندهنده سرشت آلکالن ماگمای سازنده آنهاست. در نمودار Wood و همکاران (1979) (شکل 5- C)، نمونهها در میدان سریهای آلکالن و ساب آلکالن جای گرفتهاند. این پدیده که در پی تهیشدگی نمونهها از Nb روی میدهد، بر محل جایگیری نمونهها در محور افقی تأثیر میگذارد. همچنین، این پدیده پیامد بهارثبردن برخی ویژگیهای ماگماهای مناطق کمانی حاشیه قارهای است که در بخشهای بعدی به آن پرداخته شده است.
شکل 4- جایگاه نمونههای آذرین بازیک شمال گرمسار (ایران مرکزی) در نمودار Na2O+K2O در برابر SiO2 (Cox et al., 1979) (نمونههای Sarizan (2014)، با نماد p و نمونههای Barahmand (2010)، با نماد à نشان داده شدهاند).
شکل 5- جایگاه نمونههای آذرین بازیک شمال گرمسار (ایران مرکزی) در نمودارهای شناسایی سری ماگمایی: A) نمودار Irvine و Baragar (1971)؛ B) نمودار Winchester و Floyd (1976)؛ C) نمودار Wood و همکاران (1979)؛ D) نمودار Zhou و همکاران (2008) (نمادها مانند شکل 4 هستند).
در نمودار Zhou و همکاران (2008) (شکل 5- D)، نمونهها در میدان ماگماهای با تیتانیمِ کم جای گرفتهاند. به باور این پژوهشگران، ماگماهای بازالتی با تیتانیم کم از ذوببخشی گوشته لیتوسفری زیر پوسته قارهای یا ماگمای پیکریتی پدید میآیند. درباره سنگهای شمال گرمسار، بهنظر میرسد که خاستگاه گوشته لیتوسفری زیر پوسته قارهای درست باشد؛ امّا به باور Shellnutt و Jahn (2011)، چهبسا ماگماهای بازالتی تیتانیم بالا و با تیتانیم کم از یک خاستگاه گارنتدار یکسان، اما در درجههای متفاوت ذوببخشی، همراه با آلایش پوستهای یا بدون همراهی آن پدید میآیند. به باور آنها، بازالتهای کم تیتانیم پیامد ذوببخشی درجه بالاتر یک خاستگاه گارنتپریدوتیتی هستند. برای خاستگاه نمونههای منطقه، درجه ذوببخشی 11 تا 16 درصدی بهدست آمده است (شکل 9- B) و این درجه، از ذوب کمتر از 10 درصدی خاستگاه ماگماهای بازالتی آلکالن بالاتر است. فراوانی عناصر کمیاب و خاکی نادر نمونههای آذرین بازیک منطقه گرمسار در برابر فراوانی این عناصر در دادههای ترکیبی گوشته اولیه (Sun and McDonough, 1989) و کندریت (Nakamura, 1974) بهنجار شدهاند (شکلهای 6-A و 6-B). در این نمودارها، شیب منفی چشمگیری دیده میشود که نشاندهنده غنیشدگی این نمونهها از LREE نسبت به HREE است. در این نمودارها، الگوی روند موازی فراوانی عناصر در نمونهها، نشاندهنده خاستگاه یکسان و تحول آنها از راه جدایش بلورین ماگمای بازیک نخستین است (Nicholson et al., 2004) که در بررسیهای میدانی و سنگنگاری نیز به آن پرداخته شد. از سوی دیگر، تهیشدگی نسبی عناصر خاکی نادر سنگین نسبت به عناصر خاکی نادر سبک، به احتمال بالا نشاندهنده خاستگاه گارنتدار است. در واقع، مقادیر YbN (بهنجارشده به ترکیب کندریت Boynton, 1984) کمتر از 10 میتواند نشاندهنده حضور گارنت در فاز بهجایمانده خاستگاه ماگما باشد (Mertz et al., 2001). میانگین این مقدار در سنگهای آذرین بازیک منطقه گرمسار برابر با 79/9 است. همچنین، به پیشنهاد Mattsson و Oskarsson (2005)، نسبت بالای Ce/Yb در بازالتها نشاندهنده درجه ذوببخشی کم خاستگاه و گارنتداربودن فاز جامد بهجایمانده آن است. این نسبت در سنگهای منطقه گرمسار 67/36 تا 67/10 است و میتواند نقش گارنت در خاستگاه و ذوببخشی درجه پایین آن را نشان بدهد. نبود ناهنجاری Eu (احتمالاً در پی جدایش نیافتن پلاژیوکلاز)، ناهنجاری مثبت در عناصر K، Sr، Ba و تهیشدگی آشکار از Nb و Zr از ویژگیهای روشن نمونههای آذرین بازیک منطقه گرمسار است. از دید پژوهشگران گوناگون (Rollinson, 1993; Pearce and Peate, 1995; Weyer et al., 2003; Wilson, 2007; Temizel et al., 2012)، این ناهنجاریهای مثبت در عناصر لیتوفیل بزرگ یون (LILE) و منفی در عناصر با شدت میدان بالا (HFSE)، وابسته به پهنه فرورانش هستند و میتوانند سه علت شناختهشده داشته باشند:
(1) تهیبودن نسبی پوسته قارهای از Nb و غنیبودن آن از LILE، آلودگی ماگمای گوشتهای با مواد پوسته قارهای در هنگام بالاآمدن و جایگیری، میتواند چنین الگوهایی پدید آورد؛
(2) ضریب توزیع بالای HFSE و HREE در فازهای دیرگداز پسماندی، مانند آمفیبول پارگازیتی، فلوگوپیت، گارنت، زیرکن، تیتانیت، ایلمنیت و روتیل، و فراوانی این فازها در مواد دیرگدازِ خاستگاه ماگماهای پهنه فرورانش (ورقه اقیانوسی فروراندهشدة آمفیبولیتی یا اکلوژیتی)، که در پی آن، ماگماهای این مناطق، در این عناصر ناهنجاری منفی نشان میدهند؛
(3) نامحلولبودن HFSE در سیال آزادشده از دگرگونی صفحه اقیانوسی فرورونده و حلالیت بالای LILE در این سیالها، مذاب برآمده از ذوب گوة گوشتهای متاسوماتیسمشده پهنههای فرورانش، چنین الگوهایی را پدید میآورد.
بهنظر میرسد عوامل 2 و 3 در مورد نمونههای منطقه گرمسار بیشتر کارا بودهاند؛ زیرا هیچ گواهی بر آلایش آشکارای ماگما با پوسته قارهای دیده نمیشود. هرچند تحرک بالای عناصر Cs، Rb و K در جریان دگرسانی را نیز همواره باید در نظر داشت. در شکل 6- C، نمودار عنکبوتی بهنجار شده به ترکیب کندریت (Thompson, 1982) برای نمونههای منطقه گرمسار بههمراه مقادیر میانگین ترکیب بازالتهای جزایر اقیانوسی (OIB) از Sun (1980) و میانگین ترکیب MORB نوع N از Saunders و Tarney (1984) نشان داده شده است. همچنین، شکل 6- D به ترکیب گوشته اولیه (Sun and McDonough, 1989) بهنجار شده است. در هردو نمودار، تفاوت روشن میان روند فراوانی عناصر در نمونهها در برابر ترکیب مورب، و همانندی بسیار آنها به روندها و ویژگیهای مشترک بازالتهای جزایر اقیانوسی و پهنههای فرورانش حاشیه قاره آشکار دیده میشود. این همان مفهوم گوشتههای تعدیل شده است که بهطور جامع در بخش بعدی به آن پرداخته شده است.
شکل 6- نمونههای آذرین بازیک منطقه شمال گرمسار (ایران مرکزی) در: A) نمودار بهنجار شده عناصر خاکی نادر به ترکیب کندریت. ترکیب کندریت از Nakamura (1974) است؛ B) نمودار عنکبوتی بهنجارشده به ترکیب گوشته اولیه. ترکیب گوشته اولیه از Sun و McDonough (1989) است. نماد نمونهها مانند شکل 4- C هستند؛ C) نمونههای آذرین بازیک منطقه در کنار نمونه بازالت جزایر اقیانوسی (OIB) از Sun (1980) با نماد ، و میانگین ترکیب MORB نوع N از Saunders و Tarney (1984) با نماد ¢، در نمودار عنکبوتی بهنجار شده به ترکیب کندریت (Thompson, 1982) نشان داده شدهاند؛ D) همان نمودار شکل 6-C که به ترکیب گوشته اولیه (Sun and Mc Donough, 1989) بهنجار شده است.
شناخت پهنه زمینساختی
نمونههای آذرین بازیک منطقه گرمسار، در نمودار شناسایی پهنه زمینساختی-ماگماییِ Gorton و Schandl (2000)، در گستره سنگهای نواحی آتشفشانی درون صفحهای (یا WPVZ) جای گرفتهاند و در نمودار Shervais (1982)، در محدوده بازالتهای پهنه پشتکمان هستند (شکلهای 7-A و 7-B). میانگین Ti/V برای نمونههای منطقه گرمسار 79/28 است و از این نظر بهخوبی در قلمرو بازالتهای مورب و پهنه پشتکمان جای میگیرند؛ اما از دیگر جنبهها، بهکلی با بازالتهای مورب متفاوت هستند. در نمودار Varekamp و همکاران (2010)، نمونههای آذرین بازیک منطقه گرمسار، در بیرون از محدوده بازالتهای کمانی و در قلمرو بازالتهای پشتکمانی، جای گرفتهاند (شکل 7- C).
شکل 7- جایگاه نمونههای آذرین بازیک منطقه شمال گرمسار (ایران مرکزی) در نمودارهای شناسایی پهنه زمینساختی. A) نمودار Gorton و Schandl (2000)؛ B) نمودار Shervais (1982)؛ C) نمودار Varekamp و همکاران (2010)؛ D) نمودار Shuto و همکاران (2006)، (نماد نمونهها مانند شکل 4 است) (ACM: کمانهای اقیانوسی و حاشیههای فعال قارهای، WPVZ: پهنههای آتشفشانی درونقارهای؛ WPB: بازالتهای درونورقهای؛ MORB: بازالتهای پشتههای میاناقیانوسی؛ IAB: بازالتهای جزایر کمانی؛ BABB: بازالتهای پهنههای پشتکمانی؛ OIB: بازالتهای جزایر اقیانوسی).
یکی از نمودارهای دیگری که با آن میتوان بازالتهای محیط پشتکمانی را از پهنههای زمینساختی دیگر شناسایی کرد، نمودار Shuto و همکاران (2006) است. در این نمودار نیز نمونههای آذرین بازیک منطقه گرمسار در قلمرو بازالتهای پشتکمانی جای گرفتهاند (شکل 7- D). از آنجاییکه گوشتة خاستگاه پهنههای پشتکمان نیز کاملاً متأثر از سازندگان درگیر در ماگماهای پهنههای کمانی است؛ پس برخی ویژگیهای ماگمای پهنههای کمانی در ماگمای پهنههای پشتکمان نیز دیده میشوند. ازاینرو، گوشتة خاستگاه ماگماهای پهنههای پشتکمان را گوشتة تعدیلشده (modified mantle) مینامند (Verdel, 2009). بر پایه Pearce و Stern (2006)، ترکیب شیمیایی سنگهای آذرین پهنههای پشتکمانی بستگی دارد به: (1) ترکیب گوشته لیتوسفری این مناطق؛ (2) نقش فرورانش در تحول ناحیه خاستگاه؛ (3) واکنش میان گوشته لیتوسفری با سازندگان پهنه فرورانش؛ (4) درجههای مختلف ذوببخشی و فرایندهای پساماگمایی. این نکته، بهویژه درباره پهنههای پشت کمانی نابالغی که به مرحله اقیانوسزایی نرسیدهاند (مانند منطقه شمال گرمسار)، درستتر است. جایگاه پشتکمانی شناخته شده برای این سنگها، با جایگاه زمینساختی این بخش از ایران مرکزی در زمان الیگوسن-میوسن که پژوهشگران دیگر، مانند Ghasemi و همکاران (2011) و Ghasemi و Barahmand (2013) شناسایی کردهاند، کاملاً سازگار است. در نمودار Fitton و همکاران (1997)، بازالتهای با خاستگاههای پلوم و غیرپلوم از یکدیگر جدا شدهاند، در این نمودار، همه نمونههای آذرین بازیک منطقه گرمسار، در میدان بازالتهای با خاستگاه پلوم جای گرفتهاند (شکل 8- A). رویهمرفته، ویژگیهای زمینشیمیایی این نمونهها، با پیدایش آنها از یک خاستگاه گوشتهای وابسته به پلوم که از عناصر ناسازگار، بهویژه LREE غنی شدهاند، همخوانی دارد. برای شناسایی غنیشدگی و یا غنینشدگی خاستگاه سنگهای آذرین بازیک منطقه گرمسار، نمودار Y-Zr (Abu-Hamatteh, 2005) بهکار برده شد.
بر پایه Sun و McDonough (1989)، میانگین میزان نسبت Zr/Y برای گوشته اولیه برابر 46/2 است. این نسبت، در نمونههای آذرین بازیک منطقه گرمسار، 77/5 – 33/2 است. ازاینرو، میتوان گفت که ماگمای سازنده سنگهای یادشده، از یک خاستگاه گوشته غنیشده، ریشه گرفته است (شکل 8- B).
شکل 8- جایگاه نمونههای آذرین بازیک منطقه شمال گرمسار (ایران مرکزی) در: A) نمودار Nb/Y در برابر Zr/Y (Fitton et al., 1997)؛ B) نمودار Y در برابر Zr (Abu-Hamatteh, 2005) (نماد نمونهها مانند شکل 4 هستند).
ژرفای بهدستآمده برای جایگاه ذوب سنگ خاستگاهِ سنگهای آذرین منطقه گرمسار، با نمودار نسبتCe/Yb در برابر Ce (Ellam, 1992)، 90 تا 110 کیلومتر بهدستآمده که نشاندهنده ذوببخشی در پهنه گارنتلرزولیت و از یک خاستگاه گوشتهای لیتوسفری ژرف است (شکل 9- A). برای ارزیابی درجه ذوببخشی خاستگاه، نمودار نسبت عناصر خاکی نادر Dy/Yb در برابر La/Yb (Bogard and Warner, 2003) بهکار برده شد. در این نمودار، نمونههای آذرین بازیک منطقه گرمسار بر روی منحنی ذوب گارنتپریدوتیت، با درجه ذوب نزدیک به 11تا 16 درصد جای میگیرند (شکل 9- B).
شکل 9- جایگاه نمونههای آذرین بازیک منطقه شمال گرمسار (ایران مرکزی) در: A) نمودار نسبت Ce/Yb در برابر Ce (Ellam, 1992)؛ B) نمودار Dy/Yb در برابر La/Yb (Bogard and Warner, 2003) (نماد نمونهها مانند شکل 4 هستند).
پهنههای پشتکمانی، شامل پهنههای کششی کوچکی در حاشیههای فعال قارهای و وابسته به فرورانش لیتوسفر اقیانوسی به زیر لیتوسفر قارهای هستند که در پشت نوار ماگمایی اصلیِ پهنه فرورانش پدید میآیند. Taylor و Martinez (2003)، مراحل پیدایش و تکامل این پهنهها را با یک الگوی 6 مرحلهای نمادین نشان دادهاند. برای آگاهی بیشتر درباره این الگو، شکل 16 در پژوهش ایشان بررسی شود. از آنجاییکه در این الگو، بخش شمالی پهنه ایران مرکزی در الیگوسن-میوسن با مرحله C یادشده، در اینجا تنها به بررسی این مرحله پرداخته میشود (شکل10- A): در پهنه فرورانش، حرکت تخته (یا slab) فرورونده جریان همرفتی در گوة گوشتهای پدید میآورد (بردارهای خطچین). آب آزادشده از تخته فرورونده که به سوی جبهه آتشفشانی میزان آن افزایش مییابد بههمراه جریان همرفت عمودی ناشی از جریان کناری، انبساط گوشته در بالای دمای سالیدوس را در پی دارد. در این منطقه، همگام با جریان همرفتی گوشته و در پی آبدارشدن پیشرونده، ذوب رخ میدهد. مذاب حاصل، بهسوی بالا حرکت میکند (نقطهچینهای نازکِ کمرنگ). هنگامیکه کشش پشتکمان آغاز میشود، لیتوسفر نزدیک به جبهه آتشفشانی، که از نظر رئولوژیک نازک شده، دچار کافتزایی میشود. مواد گوشتهای آبدارشدة این منطقه، با جریان همرفتی به بالا و به درون لیتوسفر در حال کشش و نازکشدگی، وارد میشوند. اگر فرورانش کُند باشد، در پی سردشدن گوة گوشتهای، از ذوب گسترده آن و رویداد ماگماتیسم شدید، جلوگیری میشود (همانند منطقه گرمسار). در پی آبدارشدن گوشته با سیالهای آزاد شده از تخته فرورونده، بههمراه عملکرد جریانهای همرفتی گوشتهای، گوشتههای نخستین و غنیشدهای اختلاط مییابند که آنها را گوشتههای تعدیلشده مینامند. هنگامیکه این گوشتهها (که خاستگاه ماگماها در این پهنهها هستند) دچار ذوببخشی و رخداد ماگماتیسم میشوند، سنگهای آذرینی پدید میآیند (مانند سنگهای شمال گرمسار) که ویژگیهای دوگانه پهنههای کششی درون ورقهای و فرورانش حاشیه قاره را نشان میدهند.
امروزه، با بررسیهای سنگشناسی و زمینساختی، پذیرش اینکه پهنه فروافتاده شمال ایران مرکزی یک پهنه پشتکمانی در پشت پهنه ماگمایی ارومیه-دختر است تقویت شده است. Shahabpour (2007)، پهنه فروافتاده رفسنجان را یک پهنه کششی درون قارهای پشتکمانی پس از ائوسن دانسته کرده است. Azizi و Moinevaziri (2009) نیز، بر وجود یک پهنه پشتکمان در راستای گسل تبریز-تاکستان باور دارند. بر پایه Asiabanha و Foden (2012)، از آنجاییکه مجموعه ماگمایی سنوزوئیک البرز در مقایسه با ارومیه-دختر، از گودال فرورانشی کرتاسه – ائوسن دورتر است (نزدیک به 500-200 کیلومتر)، پس بهنظر میرسد که مجموعه ماگمایی سنوزوئیک البرز در یک رژیم کششی پشتکمانی، در ورای کمان ماگمایی ارومیه-دختر پدید آمده است. Ghasemi و Talbot (2006)، Guest و همکاران (2007)، Verdel (2009)، Asiabanha و همکاران (2009)، Barahmand (2010)، Barahmand و Ghasemi (2010)، Ghasemi و همکاران (2011)، Ghasemi و Barahmand (2013) و Sarizan (2014) نیز، بر رخداد این محیط کششی پشتکمانی در الیگوسن-میوسن ایران مرکزی تأکید کردهاند. بر پایه شکل 10 میتوان گفت که از پایان ائوسن تا میوسن، پوستة قارهای پشتکمانی ایران مرکزی دچار کشش، کاهش فشار بر گوشته، ذوببخشی و بالازدگی گوشته و در پایان، بالازدگی پوسته بوده است. در مراحل نخستین، ذوببخشی در ژرفای بیشتر و درجه کمتر رخ داده است و مذابهای تولید شده بهشدت از عناصر ناسازگار غنی بودهاند. با افزایش کشش در پشتکمان آتشفشانی و بالاآمدگی و ذوببخشی بیشتر گوشته بالایی، بر حجم ماگمای تولیدی افزوده شده و زمینه برای بالاآمدن دیاپیری آن به افقهای بالاتر فراهم شده است (Ghasemi et al., 2011).
شکل 10- A) مرحله C الگوی پیشنهادیِ Taylor و Martinez (2003)، برای نمایش چگونگی پیدایش و تکامل پهنههای پشتکمان؛ B) الگوی پیشنهادی برای پیدایش و تحول زمینساختی پهنه پشتکمانی بخش شمالی ایران مرکزی در بازه زمانی الیگوسن-میوسن (Sarizan, 2014).
نتیجهگیری
سنگهای گابرویی شمال گرمسار که بهصورت دایک، سیل و استوکهای کوچک، در سازند قرمز زیرین رخنمون دارند، دارای سرشت قلیایی هستند. بر پایه نمودارهای شناسایی پهنههای زمینساختی، این سنگها در یک پهنه پشتکمان اولیه نابالغ در الیگوسن میانی-پسین پدید آمدهاند. نمودارهای بهنجار شده در برابر ترکیب گوشته اولیه و کندریت برای این سنگها، از عناصر خاکی نادر سبک (LREE) غنیشدگی شدید و از عناصر خاکی نادر سنگین (HREE) تهیشدگی نسبی نشان میدهند.
الگوی جایگیری موازی نمونهها در این نمودارها نشاندهنده خاستگاه مشترک این سنگها و نقش جدایش بلورین در پیدایش آنهاست. بررسیهای زمینشیمیایی نشان میدهند که ماگمای سازنده این سنگها از ذوببخشی نزدیک به 11 تا 16 درصدی یک خاستگاه گوشتهای استنوسفری غنیشده و گارنتلرزولیتی تعدیلیافته، در ژرفای 90 تا 100 کیلومتری پدید آمده و از راه شکستگیها و گسلهای ژرفِ پهنه کششی پشتکمانی الیگوسن ایران مرکزی به درون واحدهای سنگی سازند قرمز زیرین تزریق شده است.
سپاسگزاری
نگارندگان مقاله از دانشگاه صنعتی شاهرود برای پشتیبانی در انجام این پژوهش سپاسگزارند.
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