Document Type : Original Article
Authors
1 Department of Geology, Faculty of Sciences, University of Isfahan, Isfahan, Iran
2 اصفهان- سه راه سیمین- کوچه جنب اداره مالیات- مجتمع شهاب- واحد 3- آیتی
Abstract
Keywords
Main Subjects
نخستینبار، واژه اسکارن (Skarn) را معدنچیان سوئدی برای توصیف مجموعه سنگهایِ آرکئنِ سرشار از آهن (مگنتیت و هماتیتدار) بهکار بردند. این سنگ ها درپی جانشینی عنصرهایی مانند Si، Al، Fe و Mg در سنگهای کربناته پدید میآیند. اسکارنها از دیدگاه پیدایش اندوختههای اقتصادی تنگستن، سرب، روی، مولیبدن، مس و آهن کاملاً شناخته شدهاند و دارای پتانسیل اقتصادی از دیدگاه اندوختههایی مانند کبالت، طلا، اورانیم، بریلیم، و عنصرهای خاکی نادر هستند (Meinert, 1992). همچنین، اسکارنها از دیدگاه دارابودن کانیهای غیرفلزی و ارزشمند (مانند: ولاستونیت، گارنت و پیروکسن) اهمیت اقتصادی دارند. ولاستونیت مادهای دیرگداز است و گارنت و پیروکسنها نیز، افزونبر کاربردهای صنعتی، سنگهای قیمتی نیز بهشمار میروند. پیدایش سنگهای گرانیتوییدی به سن الیگومیوسن (Moeinvaziri, 1996)، سنگهای آتشفشانی ائوسن و رخدادهای پراکندۀ اسکارنزایی در این منطقه بر اهمیت آنها بهعنوان منبع اندوختههای اقتصادی (اندوختههای فلزی و کانیهای صنعتی) افزوده است. سنگهای گرانیتوییدی الیگومیوسن، پیدایش اندوختههای اسکارنی گستردهای در این ناحیه را در پی داشتهاند. از میان آنها میتوان اسکارن وژه و اسکارن فشارک را نام برد که در فاصله نزدیک به 5 کیلومتری از یکدیگر هستند. برپایه مجموعه کانیهای غالب دیدهشده در منطقه فشارک، میتوان اسکارنهای گوناگونی مانند اسکارنهای گارنتدار، گارنت- پیروکسندار، ولاستونیتدار، مگنتیت- گارنت اپیدوتدار را شناسایی کرد (Ghanei Ardakanei and Mackizadeh, 2011). مزرعه وژه در 70 کیلومتری شمالخاوری اصفهان و در بخش شمالی نقشه زمینشناسی 1:100000 کوهپایه جای دارد. بهعلت تنوع زمینشناسی و گسترش کانهزایی، شمالخاوری اصفهان یکی از مناطقی است که همیشه بسیاری از زمینشناسان به بررسی آن پرداختهاند. بررسیهای کانیشناسی در شناسایی اسکارنهای گوناگون اهمیت دارند. برپایه این بررسیها میتوان به خاستگاه اسکارن، ترکیب و همچنین، وجود کانیهای اقتصادی ارزشمند پی برد. در اسکارن وژه هیچ تماسی میان سنگهای آهکی میزبان و توده نفوذی دیده نمیشود؛ بهگونهایکه بهنظر میرسد توده در زیر اسکارن جای گرفته است و در سطح زمین رخنمونی ندارد. تنها در فاصله چند صد متری از اسکارن، رخنمونهایی از توده دیده میشود که نشان میدهد اسکارنِ بررسیشده از اسکارنهای واکنشی است. یافتههای صحرایی و بررسیهای آزمایشگاهی نشاندهندة کلسیکبودن این اسکارن است. در این پژوهش، با بررسی مجموعه کانیها و شیمی آنها، شرایط فیزیکی-شیمیایی و چگونگی پیدایش اسکارن وژه بررسی شده است.
زمینشناسی منطقه
اسکارن وژه در شمالباختری روستای فشارک و در 75 کیلومتری شمالخاوری اصفهان جای دارد. از دیدگاه زمینشناسی ایران، این منطقه در پهنه ماگماتیسم سنوزوییک ایرانمرکزی (پهنه ماگمایی ارومیه- دختر) جای دارد. فعالیت آتشفشانی و ماگمایی پهنه ارومیه- دختر از بخش پایانی کرتاسه آغاز شده و در ائوسن به اوج خود رسیده است (Aghanabati, 2006). منطقة بررسیشده در محدوده عرضهای جغرافیایی ¢50 °32 تا ¢55 °32 شمالی و طولهای جغرافیایی ¢17°52 تا ¢23°52 خاوری جای گرفته است. در منطقه عمومی فشارک، تودههای گرانودیوریتی- تونالیتی به سن الیگومیوسن، سنگهای آتشفشانی ائوسن و همچنین، سنگهای کربناته کرتاسه را دچار دگرگونی کرده و در چندین نقطه اسکارنزایی روی داده است (Ahmadi, 1988). ازاینرو، اسکارنهایی که در منطقه فشارک پدید آمدهاند مربوط به پایانیترین فازهای ماگماتیسم در پهنه ارومیه- دختر (پلیوسن- پلیستوسن) هستند (Moinevaziri, 1996). گرانیتوییدهای این منطقه بخشی از تودههای آذرین پهنه ارومیه- دختر بهشمار میروند که همساز با تودههای نفوذی دیگر در این پهنه و هنگام فاز کوهزایی آلپیِ پس از ائوسن (الیگومیوسن) پدید آمدهاند (Moinevaziri, 1996). اسکارن وژه در بخش پایانی جنوبخاوری گسل قم- زفره جای گرفته است. یافتههای صحرایی (مانند: وجود بلوکهای اسکارنی جدا از هم در مرز سنگهای کربناته و اسکارن و همچنین، لایهلایهبودن سنگهای کربناته در نزدیکی گسل) نشاندهندۀ کارکرد گسل در مرز میان اسکارن و سنگهای کربناته است. در نزدیکی مزرعه وژه، افزونبر سنگهای کربناته کرتاسه، اسکارنها و تودههای نفوذی، واحدهای شیل- ماسه سنگ سازند نایبند و سنگهای آتشفشانی و پیروکلاستیک نیز رخنمون دارند (شکل 1).
شکل 1- نقشه زمینشناسی منطقه عمومی فشارک و جایگاه آن در نقشه زمینشناسی ایران (برگرفته از نقشه 1:100000 کوهپایه (Radfar, 2002)، با اندکی تغییر)
روش انجام پژوهش
بررسیهای انجامشده روی اسکارن وژه شامل بررسیهای صحرایی، کانیشناسی و تجزیه ریزکاو الکترونی کانیها هستند. در این راستا، برای بررسیهای سنگنگاری و تجزیه زمینشیمیایی، از 30 نمونه از اسکارن و توده نفوذی مقطعهای نازک تهیه شد. تجزیههای ریزکاو الکترونیِ کانیهای گارنت و پیروکسن با دستگاه الکترونمایکروپروب Cameca SX-100 فرانسه (با ولتاژ شتابدهنده 20 Kv) در مرکز تحقیقات فرآوری مواد معدنی ایران در کرج انجام شده است. دادهها در جدولهای 1 و 2 آورده شدهاند.
جدول 1- دادههای تجزیه ریزکاو الکترونی پیروکسن (اسکارن وژه، شمالخاوری اصفهان)، بههمراه فرمول ساختاری و اعضای نهایی برپایه 6 اتم اکسیژن
Point No. |
1 |
2 |
3 |
4 |
5 |
6 |
Mineral Type |
Cpx |
Cpx |
Cpx |
Cpx |
Cpx |
Cpx |
SiO2 |
54.51 |
53.41 |
54.18 |
53.38 |
53.50 |
54.15 |
TiO2 |
0.00 |
0.03 |
0.02 |
0.02 |
0.17 |
0.07 |
Al2O3 |
0.00 |
0.78 |
0.83 |
1.12 |
1.22 |
0.77 |
Cr2O3 |
0.02 |
0.02 |
0.01 |
0.01 |
0.08 |
0.02 |
FeO* |
5.47 |
4.99 |
5.49 |
7.02 |
6.67 |
5.63 |
MnO |
0.27 |
0.26 |
0.25 |
0.30 |
0.28 |
0.33 |
MgO |
16.88 |
16.36 |
16.47 |
14.32 |
14.49 |
15.20 |
CaO |
22.29 |
23.10 |
22.10 |
22.18 |
23.10 |
23.04 |
Na2O |
0.19 |
0.27 |
0.04 |
1.51 |
0.14 |
0.53 |
K2O |
0.10 |
0.01 |
0.02 |
0.03 |
0.01 |
0.02 |
Total |
99.73 |
99.23 |
99.41 |
99.89 |
99.66 |
99.76 |
Si |
2.00 |
1.97 |
2.00 |
1.96 |
1.98 |
1.99 |
Ti |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
AlIV |
0.00 |
0.03 |
0.00 |
0.04 |
0.01 |
0.00 |
AlVI |
0.00 |
0.00 |
0.03 |
0.00 |
0.04 |
0.03 |
Cr |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
Fe2+ |
0.15 |
0.11 |
0.16 |
0.07 |
0.20 |
0.16 |
Fe3+ |
0.01 |
0.04 |
0.00 |
0.13 |
0.00 |
0.00 |
Mn |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.01 |
Mg |
0.92 |
0.90 |
0.90 |
0.78 |
0.80 |
0.83 |
Ca |
0.87 |
0.91 |
0.87 |
0.87 |
0.92 |
0.91 |
Na |
0.01 |
0.01 |
0.00 |
0.10 |
0.01 |
0.03 |
K |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
Cations |
4.00 |
4.00 |
4.00 |
4.00 |
3.99 |
4.00 |
Wo |
44.35 |
46.23 |
44.64 |
46.38 |
47.44 |
47.17 |
En |
46.73 |
45.5 |
46.29 |
41.66 |
41.40 |
43.29 |
Fs |
8.92 |
8.20 |
9.05 |
11.95 |
11.14 |
9.53 |
WEF |
100.0 |
99.98 |
99.98 |
99.99 |
99.98 |
99.99 |
جدول 2- دادههای تجزیه ریزکاو الکترونی کانی گارنت در اسکارن وژه (شمالخاوری اصفهان)، بههمراه فرمول ساختاری و اعضای نهایی آن آن برپایه 12 اتم اکسیژن
Point No. |
Core1 |
Core2 |
Core3 |
Core4 |
Core5 |
Core6 |
Core7 |
Mineral Type |
Grt |
Grt |
Grt |
Grt |
Grt |
Grt |
Grt |
SiO2 |
39.06 |
38.69 |
39.56 |
39.31 |
40.07 |
39.55 |
40.04 |
TiO2 |
0.86 |
0.83 |
1.01 |
1.32 |
0.60 |
0.76 |
0.19 |
Al2O3 |
18.27 |
17.91 |
18.50 |
16.64 |
19.25 |
18.64 |
20.18 |
Cr2O3 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
FeO* |
5.51 |
5.77 |
4.86 |
6.33 |
5.07 |
4.29 |
5.27 |
MnO |
0.20 |
0.21 |
0.19 |
0.21 |
0.15 |
0.19 |
0.45 |
MgO |
0.18 |
0.18 |
0.10 |
0.23 |
0.22 |
1.72 |
0.14 |
CaO |
35.79 |
34.87 |
35.48 |
35.60 |
34.28 |
33.99 |
33.53 |
Na2O |
0.05 |
0.19 |
0.10 |
0.13 |
0.02 |
0.03 |
0.07 |
Total |
99.92 |
98.65 |
99.80 |
99.77 |
99.66 |
99.17 |
99.87 |
Si |
2.98 |
2.99 |
3.02 |
3.02 |
3.06 |
3.01 |
3.05 |
AlIV |
0.01 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
AlVI |
1.62 |
1.62 |
1.66 |
1.50 |
1.73 |
1.67 |
1.81 |
Ti |
0.04 |
0.04 |
0.05 |
0.07 |
0.03 |
0.04 |
0.01 |
Cr |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
Fe2+ |
0.06 |
0.11 |
0.15 |
0.12 |
0.25 |
0.07 |
0.26 |
Fe3+ |
0.29 |
0.25 |
0.15 |
0.28 |
0.07 |
0.20 |
0.07 |
Mn |
0.01 |
0.01 |
0.01 |
0.01 |
0.01 |
0.01 |
0.02 |
Mg |
0.02 |
0.02 |
0.01 |
0.02 |
0.02 |
0.19 |
0.01 |
Ca |
2.93 |
2.89 |
2.90 |
2.93 |
2.80 |
2.77 |
2.73 |
Na |
0.00 |
0.02 |
0.01 |
0.01 |
0.00 |
0.00 |
0.01 |
Cations |
7.97 |
7.98 |
7.98 |
7.99 |
7.99 |
7.98 |
7.99 |
Almandine |
2.30 |
3.88 |
4.90 |
4.10 |
8.20 |
2.31 |
3.47 |
Andradite |
14.10 |
12.90 |
8.20 |
14.90 |
3.79 |
10.56 |
5.69 |
Grossular |
82.50 |
82.11 |
86.10 |
79.85 |
86.78 |
80.19 |
89.27 |
Pyrope |
0.71 |
0.73 |
0.40 |
0.95 |
0.80 |
6.39 |
0.55 |
Spessartine |
0.45 |
0.48 |
0.43 |
0.49 |
0.31 |
0.40 |
1.00 |
جدول 2- ادامه.
Point No. |
Rim1 |
Rim2 |
Rim3 |
Rim4 |
Rim5 |
Rim6 |
Rim7 |
Mineral Type |
Grt |
Grt |
Grt |
Grt |
Grt |
Grt |
Grt |
SiO2 |
38.78 |
39.42 |
38.88 |
40.26 |
39.20 |
40.55 |
40.22 |
TiO2 |
0.90 |
0.47 |
1.25 |
1.30 |
1.05 |
0.10 |
0.65 |
Al2O3 |
17.71 |
18.10 |
16.89 |
17.14 |
18.26 |
19.59 |
20.21 |
Cr2O3 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.01 |
0.01 |
FeO* |
4.68 |
5.60 |
4.76 |
5.37 |
6.47 |
5.54 |
4.52 |
MnO |
0.10 |
0.21 |
0.11 |
0.17 |
0.25 |
0.34 |
0.38 |
MgO |
1.55 |
0.14 |
1.28 |
0.23 |
0.13 |
0.13 |
0.14 |
CaO |
35.45 |
35.84 |
35.75 |
35.30 |
34.57 |
33.57 |
33.54 |
Na2O |
0.08 |
0.08 |
0.08 |
0.03 |
0.05 |
0.00 |
0.03 |
Total |
99.25 |
99.86 |
99.00 |
99.80 |
99.98 |
99.82 |
99.69 |
Si |
2.96 |
3.01 |
2.98 |
3.08 |
3.00 |
3.09 |
3.07 |
AlIV |
0.03 |
0.00 |
0.01 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
AlVI |
1.55 |
1.62 |
1.51 |
1.54 |
1.64 |
1.76 |
1.81 |
Ti |
0.05 |
0.02 |
0.07 |
0.07 |
0.06 |
0.00 |
0.03 |
Cr |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
Fe2+ |
0.00 |
0.07 |
0.00 |
0.22 |
0.19 |
0.32 |
0.28 |
Fe3+ |
0.29 |
0.28 |
0.30 |
0.12 |
0.22 |
0.03 |
0.00 |
Mn |
0.00 |
0.01 |
0.00 |
0.01 |
0.01 |
0.02 |
0.01 |
Mg |
0.17 |
0.01 |
0.14 |
0.02 |
0.01 |
0.01 |
0.02 |
Ca |
2.90 |
2.93 |
2.94 |
2.90 |
2.83 |
2.74 |
2.74 |
Na |
0.01 |
0.01 |
0.01 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
0.00 |
Cations |
8.00 |
8.00 |
8.00 |
8.00 |
7.99 |
8.00 |
8.00 |
Alm |
0.00 |
2.50 |
0.00 |
6.96 |
6.39 |
10.43 |
9.37 |
And |
15.78 |
14.13 |
16.66 |
7.09 |
10.67 |
1.64 |
0.00 |
Gross |
77.76 |
82.31 |
77.75 |
84.61 |
81.73 |
86.70 |
89.12 |
Pyrope |
6.21 |
0.56 |
5.32 |
0.83 |
0.52 |
0.47 |
0.51 |
Spess |
0.22 |
0.47 |
0.26 |
0.34 |
0.57 |
0.70 |
0.79 |
همچنین، برای بهدستآوردن فرمول ساختاری کانیها، شناسایی آهن 2 و 3 و رسم نمودارهای کانیها، از نرمافزارهای Minpet (نسخه 02/2) و Triplot و صفحههای گسترده (Spreadsheet)، بهره گرفته شد.
کانیشناسی اسکارن
برپایه مجموعههای کانیشناسی و کانیهای همایند (روابط پاراژنتیک)، اسکارن وژه را میتوان به چهار گروه ردهبندی کرد:
(1) مجموعه ولاستونیت- گارنت اسکارن: گارنت، ولاستونیت و کلسیت از کانیهای اصلی در این بخش از اسکارن هستند؛
(2) مجموعه گارنت- کلینوپیروکسن اسکارن: گارنت و کلینوپیروکسن از فراوانترین کانیهای این بخش بوده و کانیهای کلسیت و ولاستونیت به میزان کمتری هستند؛
(3) مجموعه گارنت اسکارن: گارنت و کلسیت از کانیهای این بخش از اسکارن هستند. در این مجموعه، نوارهای سرشاز از گارنت در یک زمینه کلسیتی دیده میشوند؛
(4) گارنت- اپیدوت اسکارن: این اسکارن از اپیدوت، گارنت، کلسیت و کوارتز ساخته شده است. اپیدوت در هنگام دگرگونی پسرونده، از دگرسانی گارنت پدید میآید؛ بهگونهایکه آثاری از اپیدوت را میتوان درون درزهها و شکافهای گارنت و همچنین، در پیرامون گارنت دید. رگههایی از کلسیت و کوارتز نیز بخشهایی از این اسکارن را قطع کردهاند.
واکنشهای پیدایش کانیهای اسکارن وژه
(1) کلینوپیروکسن: پیروکسن در مقاطع میکروسکوپی بهصورت ریز بلور دیده میشود. برخی از این ریز بلورها در زمینه دانههای درشت گارنت جای گرفتهاند. گردشدگی حاشیه بلورهای کلینوپیروکسن و فراگرفتهشدن آنها با بلورهای گارنت میتواند نشاندهندة پیدایش گارنت بهجای کلینوپیروکسن در مرحله دوم دگرگونی پیشرونده باشد. برپایه دادههای تجزیه ریزکاو، کلینوپیروکسنهایِ اسکارن وژه ترکیب دیوپسید دارند.
برپایه بررسیهایی که روی سنگهای کربناته منطقه وژه و فشارک انجام شده است، این سنگها آهک خالص نبوده و در ترکیب آنها مقدار کمی MgO و Al2O3 نیز هست (Ahmadi, 1988). ازاینرو، برای پیدایش دیوپسید واکنش زیر پیشنهاد شده است (Jacobs et al., 1981).
CaMg (CO3)2 + 2 SiO2 = CaMgSi2O6 + 2CO2
دولومیت = کلینوپیروکسن + سیلیس
همانگونهکه در جدول تجزیه شیمیایی کلینوپیروکسنها دیده میشود، دیوپسید خالص نبوده و در ترکیب شیمیایی خود نزدیکبه 6 تا 7 درصد وزنی FeO دارد (جدول 1). ازاینرو، هرچند به میزان کم، اما هدنبرژیت میتواند در پی واکنش زیر پدید آمده باشد (Deer et al., 1992):
2Fe3O4 + 6CaCO3 + 12SiO2 = 6CaFeSi2O6 + 6CO2 + O2
هدنبرژیت = سیلیس + کلسیت + مگنتیت
(2) گارنت: گارنت فراوانترین کانی اصلی کالکسیلیکاته در اسکارن وژه است و دارای بلورهای کاملاً شکلدار و با اندازههای گوناگون در زمینه کلسیتی سنگهاست. رنگ این کانی در نمونههای صحرایی در داخل سنگ، سبز تا سبز پستهای است (شکل 2- A)؛ اما در سطح هوازده سنگها، به رنگ قهوهای تیره دیده میشوند (شکل 2- B). بیشتر بلورهای گارنت دارای پدیده نوری غیرعادی هستند و ماکل قطاعی نشان میدهند (شکل 2- C). در زیر میکروسکوپ، برخی بلورهای گارنت شکستگیهای فراوان و نامنظم دارند. بیشتر این شکستگیها با کلسیت پر شدهاند (شکل 2- D). برخی بلورهای گارنت، در گرداگرد ولاستونیتهای رشتهای پدید آمدهاند. این پدیده نشان میدهد که ولاستونیت با آلومینیمِ سنگ واکنش داده و در کنارههای آن گارنت ساخته شده است (شکل 2- E).
برپایه پیشنهاد Einaudi و همکاران (1981)، اندازه بلورهای گارنت به احتمال بالا به سرعت جریان سیّال و درجه تعادل میان سیّال و سنگهای دیواره بستگی دارد. سرعت بهنسبت بالای سیّال، فوقاشباعشدن محیط از عنصرهایی مانند Fe؛ Mg، Al و Ca را در پی دارد؛ اما در محیطهای گرمابیِ ماگمایی و در محیطهای که فاصله دورتری از همبری تودههای نفوذی دارند، جابجایی سیّال کمتر است و چهبسا درصد اشباعشدگی کمتری روی میدهد. پس میتوان گفت که هرچه محیط از عنصرهای سازنده گارنت فوقاشباعتر باشد و این بلورها به آهستگی رشد کنند، بلورهای گارنتِ بزرگتری پدید میآیند. در اسکارن وژه، بیشتر بلورهای گارنت در اندازههای 1 تا 5 میلیمتر دیده میشوند. بیشتر بلورهای گارنت که بهصورت ایدیومورف (شکلدار) هستند، دارای منطقهبندی آشکاری هستند (شکل 2- C). یکی از علّتهای منطقهبندی در بلورهای گارنت را میتوان به تغییر ترکیب شیمیایی بلورهای گارنت وابسته دانست (محلول جامد گروسولار- آندرادیت) (Jamtviet, 1991).
شکل 2- تصویرهای ماکروسکوپی و میکروسکوپی از کانیهای سازندة اسکارن وژه (شمالخاوری اصفهان). A) تصویر ماکروسکوپی از حضور ولاستونیت در کنار گارنت؛ B) تصویر ماکروسکوپی از حضور گسترده باندهای سرشار از بلورهای گارنت در اسکارن؛ C) تصویر میکروسکوپی از منطقهبندی و ماکل قطاعی در گارنت؛ D) تصویر میکروسکوپی از پرشدن شکستگی گارنت با رگههای کلسیتی ثانویه؛ E) تصویر میکروسکوپی از حضور ولاستونیت بهصورت رشتهای در اسکارن؛ F) تصویر میکروسکوپی از پیدایش اپیدوت در میان شکستگیهای گارنت؛ G) تصویر میکروسکوپی از حضور بلورهای شکلدار کوارتز بههمراه کلسیت؛ H) تصویر میکروسکوپی از بلورهای کلسیت با بافت گرانوبلاستیک.
برپایه دادههای تجزیه ریزکاو الکترونی (جدول 2)، گارنتهای اسکارن وژه محلول جامد گروسولار- آندرادیت هستند؛ ازاینرو، واکنشهای زیر برای پیدایش آندرادیت و گروسولار پیشنهاد میشوند.
واکنش پیدایش آندرادیت در پی واکنش کلینوپیروکسن با کلسیمِ سنگ میزبان (Letargo and Lamb., 1993):
4Ca)Fe, Mg)Si2O6 + 2CaCO3 + 3O2 = 2Ca3Fe2Si3O12 + 2SiO2 + 4MgO + 2CO2
سیلیس + آندرادیت = کلسیت + کلینوپیروکسن
بیشتر گارنتهای اسکارن وژه ترکیب گروسولار دارند. از واکنشهایی که برای پیدایش گروسولار پیشنهاد شده است، پیدایش این کانی در پی واکنش ولاستونیت با فاز آلومینیمدارِ این سنگهاست (Mathavan and Fernando, 2001).
3CaSiO3 + Al2O3 = Ca3Al2Si3O12
گروسولار ولاستونیت
(3) ولاستونیت: ولاستونیت از کانیهای مهم در مرحلۀ پیشروندۀ اسکارنهای کلسیمدار بهشمار میرود. بر پایه پیشنهاد Winkler (1976)، پیدایش ولاستونیت نشاندهندۀ آغاز رخساره پیروکسن- هورنفلس در سنگهای دگرگونی مجاورتی است. این کانی در اسکارن وژه بهصورت رشتهای و بهرنگ اینترفرانس خاکستری در زمینه کلسیتی سنگهای اسکارنی دیده میشود. همانگونهکه در بخشهای پیشین گفته شد، در پی واکنش ولاستونیت با آلومینیمِ سنگ، کنارههای برخی بلورهای ولاستونیت به گارنت تبدیل شده است. برای پیدایش ولاستونیت در پی واکنش میان سیلیس و کلسیت، واکنش زیر پیشنهاد شده است (Tracy and Frost, 1991):
CaCO3 + SiO2 = CaSiO3 + CO2
ولاستونیت = سیلیس+کلسیت
پیدایش ولاستونیت در اسکارنها، نیازمند آزادشدن گاز CO2 از این محیطهاست؛ بهگونهایکه با آزادشدن CO2، ولاستونیت پدید میآید.
(4) اپیدوت: کانیاپیدوت در پی دگرگونی برگشتی پدید میآید. این کانی در نور پلاریزه متقاطع بهرنگ زرد عسلی دیده میشود. کانی اپیدوت در اسکارن وژه بهصورت بلورهای ریز در گرداگرد کانی گارنت و همراه با کوارتز و کلسیت دیده میشود. بیشتر اپیدوتها از دگرسانی گارنتها پدید میآیند؛ بهگونهایکه نشانههایی از آنها درون کانیهای گارنت نیز بهچشم میخورد (شکل 2- F). Holland و Powell (1990) واکنش پیدایش اپیدوت را بهصورت زیر پیشنهاد کردهاند:
3Ca3(Fe, Al)2Si3O12 + 5CO2 + 2H2O = 2Ca2(Fe, Al)3Si3O12(OH)2 + 5CaCO3 + 3SiO2
سیلیس + کلسیت + اپیدوت = گارنت
کوارتز و کلسیت نیز از آغاز تا پایان فرایند اسکارنزایی در اسکارن وژه دیده میشوند (شکلهای 2- G و 2- H).
روابط پاراژنتیک کانیها در اسکارن وژه
همانگونهکه در جدول 3 دیده میشود، در مرحلۀ نخست دگرگونیِ پیشروندة اسکارن، کانیهایی مانند ولاستونیت و پیروکسن و در مرحله دوم دگرگونی پیشرونده، گارنت پدید آمدهاند. برخی بلورهای کلسیت در این مرحله کمی دچار تبلور دوباره شدهاند. از دیدگاه کانیشناسی، در هنگام رویداد مرحلۀ پسرونده، اپیدوت در پی دگرسانیِ گارنت و پیروکسن ساخته شده است.
جدول 3- روابط پاراژنتیک کانیهای سازندة اسکارن وژه (شمالخاوری اصفهان)
شرایط فیزیکی-شیمیایی پیدایش اسکارن
ولاستونیت نخستین کانی ساختهشده در مرحله پیشروندة پیدایش اسکارن وژه است. بلورهای ولاستونیت در نزدیکترین پهنه اسکارنی نسبتبه تودهنفوذی پدید آمدهاند. بیشتر این بلورها دارای لبههای گردشده هستند و در پیرامون آنها گارنت ساخته شده است. این ویژگیها نشان میدهد که ولاستونیت کانی اولیه است. واکنش پیدایش ولاستونیت از کوارتز و کلسیت یک نوع واکنش کربنزدایی بهشمار میرود که برای پیشرفت آن لازم است CO2 از محیط آزاد شود. همانگونهکه در شکل 3 دیده میشود، در پی فشار بالای گاز CO2 ولاستونیت در دماهای بالا پدید میآید. بدینگونهکه با افزایش مقادیر Xco2 از 5/0 به 1، دمای پیدایش ولاستونیت از نزدیکبه 500 درجه سانتیگراد به نزدیکبه 700 درجه سانتیگراد میرسد (2001 Winter,). پدیدارشدن ولاستونیت میتواند نشاندهندۀ مرحلۀ پایین رخسارۀ پیروکسن- هورنفلس باشد (Greenwood, 1977; Hollandand Powell, 1990).
در سنگهای اسکارنی، کلینوپیروکسن در فشار نزدیکبه 2 کیلوبار و دمای بالای 520 درجه سانتیگراد و Xco2 بالای 7/0 پدید میآید (Bucher and Fery, 1994). در اسکارن وژه نسبت فراوانی گارنت به پیروکسن بسیار بالاست و ترکیب کانیشناسی اسکارن و زون اسکارنی با تغییرات ترکیب سیالهای ماگمایی و ترکیب سنگ میزبان کنترل میشود؛ امّا بالابودن نسبت گارنت به پیروکسن میتواند به فرایند اکسایش توده نفوذی و ترکیب عنصرهای جانشینشونده بستگی داشته یاشد (Meinert et al., 1997). محدوده فوگاسیتۀ اکسیژن برای پیدایش آندرادیت و کلینوپیروکسن بهترتیب23-10 تا 5-10 و 40-10 تا 33-10 است (Gustafson and Hunt., 1975).
شکل 3- منحنی فشار- دما برای پیدایش ولاستونیت (Winter, 2001)
در مرحله نخستِ دگرگونی پیشرونده، ولاستونیت و کلینوپیروکسن پدید میآیند. در مرحله دوم دگرگونی پیشرونده، گارنت با ترکیب غالب گروسولار و بهجای کلینوپیروکسن و ولاستونیت و یا بهصورت مستقل در زمینه کلسیتی سنگ پدید آمده است. با درنظرگرفتن فوگاسیتۀ اکسیژن در زمان پیدایش کانیهای اسکارن، برای پدیدآمدن گارنت میتوان از نمودار روابط فازیِ سیستم Ca- Fe- Si- C- O- H بهره گرفت که Einaudi (1982) آن را پیشنهاد کرده است (شکل 4). برپایه این نمودار کلینوپیروکسن در دمای بالاتر از 500 درجه سانتیگراد ساخته شده است. چنانچه فشار بخشی اکسیژن بسیار کم باشد، چهبسا کلینوپیروکسن در دمای کمتر از 500 درجه سانتیگراد نیز پدید آید. واکنش پیدایش کلینوپیروکسن، فوگاسیتۀ اکسیژن را افزایش میدهد و در پی افزایش فوگاسیته، کانی کلینوپیروکسن ناپایدار شده و بهجای آن، گارنت پدید میآید. گارنت در دمای بالاتر از 400 درجه سانتیگراد پدید آمده است.
پدیدارشدن اپیدوت در مرحلۀ پسروندۀ پیدایش اسکارن، نشاندهندۀ فوگاسیتۀ بالای اکسیژن در محیط است (Shimazaki, 1982). همچنین، با افزایش فوگاسیتۀ اکسیژن، محدودۀ پایداری اپیدوت بهسوی دماهای کم افزایش پیدا میکند. دمای پیدایش اپیدوت 350 تا 450 درجه سانتیگراد در رخسارۀ آلبیت- اپیدوت هورنفلس است (شکل 5).
شکل 4- نمودار ƒO2 در برابر دما، در فشار سیّال 500 بار و 1/0XCO2= برای سامانه Ca- Fe- Si- C- O- H (Einaudi, 1982)
شکل 5- نمودار ارتباط شماتیک میان T و ƒO2 برای اپیدوت (Shimazaki, 1982)
بررسیهای زمینشیمیایی
شیمی کانی پیروکسن: پیروکسن کانی شناختهشده و بسیار مهمی در اسکارنها بهشمار میرود. در جدول 1، دادههای تجزیه ریزکاو الکترونی و فرمول ساختاری این کانی آورده شدهاند. فرمول ساختاری پیروکسنها بر پایه 6 اتم اکسیژن و 4 کاتیون بهدست میآید (Vieten and Hamm, 1978).
در نمودار شناسایی نوع پیروکسنها، دادههای تجزیهای این نمونهها در محدودۀ Quad بوده و پیروکسنها از گروه پیروکسنهای کلسیم، منیزیم و آهندار هستند (شکل 6). در نمودار سهتایی Wo- En- Fs، که Morimoto و همکاران (1988) پیشنهاد کردهاند، ترکیب شیمیایی پیروکسنها محلول جامد دیوپسید- هدنبرژیت بوده و به قطب دیوپسید بسیار نزدیک است (شکل 7).
شکل 6- قرار گرفتن ترکیب پیروکسنهای اسکارن وژه (شمالخاوری اصفهان) در بخشِ Quad نمودار Q-J (Morimoto et al., 1983)
شکل 7- جایگاه ترکیبی کلینوپیروکسنها در اسکارن وژه (شمالخاوری اصفهان) در نمودار ردهبندی کلینوپیروکسنها (Morimoto et al., 1988)
شیمی کانی گارنت: گارنت فراوانترین و مهمترین کانی کالکسیلیکاته در اسکارن وژه است. برای شناخت ترکیب شیمیایی کانی گارنت از مرکز به حاشیه بلورهای گارنت تجزیه ریزکاو الکترونی انجام شد. دادههای بهدست آمده در جدول 2 آورده شدهاند. در این جدول، فرمول ساختاری کانیها برپایه 12 اتم اکسیژن و 8 کاتیون بهدست آمدهاند.
برپایه پژوهشهای Gilg و همکاران (2010) برای شناسایی سنگهای دگرگونی گوناگون که گارنت در ترکیب آنها بهکار رفته است، گارنتهای اسکارن وژه در بخش گارنتهای پدیدآمده در اسکارنها جای میگیرند (شکل 8). بررسی دادههای تجزیه ریزکاو الکترونی و رسم آنها بر روی نمودار سهتایی گروسولار- آندرادیت- پیروپ+ آلماندین+ اسپسارتین که Meinert (1992) آن را پیشنهاد داده است، نشان میدهد که گارنتهایِ اسکارن وژه از نوع محلول جامد گروسولار- آندرادیت (با ترکیب بیشتر گروسولار) هستند (شکل 9).
شکل 8- جایگرفتن ترکیب گارنتهای اسکارن وژه (شمالخاوری اصفهان) در بخش گارنتهای اسکارنی در نمودار Gilg (2010).
شکل 9- جایگاه ترکیبی گارنتهای اسکارن وژه (شمالخاوری اصفهان) روی نمودار Meinert (1992)
بررسی توان کانهزایی برپایه ترکیب کانیها
Einaudi (1982) ترکیب شیمیایی پیروکسنها در ذخایر اسکارنی را بررسی کرده و به این نتیجه رسیده است که این تغییرات به نوع کانسارسازی اسکارن (فلز غالب) بستگی دارد. آنها ذخایر اسکارنی را به 5 گروه کانسارهای مس، آهن، سرب ـ روی، تنگستن و قلع ردهبندی کردهاند. برپایه جایگرفتن پیروکسنهای اسکارن وژه در محدودۀ دیوپسید (شکل 7) و مقایسۀ آنها با کانسارهای اسکارنی جهان (شکل 10- B) میتوان دریافت که اسکارنهای وژه دارای توان (پتانسیل) کانهزایی مس، طلا، آهن و تنگستن هستند (Meinert, 1987; Newberry et al., 1991).
همچنین، Meinert (1992) وابستگی ترکیب شیمیایی کانیهای اصلی سازنده اسکارن و نوع کانهزایی در آن را را بهصورت نموداری نشان داده است (شکل 10). بر پایه این نمودار میتوان گفت که در اسکارنهای مس، ترکیب گارنت از نوع آندرادیت، در اسکارنهای قلع، از نوع گروسولار- آندرادیت- آلماندن، در اسکارنهای تنگستن، از نوع اسپسارتین، در اسکارنهای سرب - روی و اسکارنهای طلا، از نوع محلول جامد گروسولار- آندرادیت و در اسکارنهای آهن و مولیبدن ترکیب گارنت از نوع آندرادیت است (شکل 10- A). بر این پایه میتوان گفت که اسکارنهای وژه نشاندهندۀ اسکارنهای با کانهزایی مس- طلا و شاید آهن هستند.
شکل10- رابطه ترکیب شیمیایی: (A) گارنتها و (B) پیروکسنهای اسکارن وژه (شمالخاوری اصفهان) با کانهزایی اسکارنهای جهان (شکل برگرفته از Meinert، 1992)
نتیجهگیری
نفوذ تودۀ گرانیتوییدی (تونالیت – گرانودیوریت) به سن الیگومیوسن و هجوم سیالهای ناشی از آن به درون سطوح لایهبندی و درزههایِ سنگهای کربناته کرتاسه، پیدایش اسکارن در پیرامون مزرعه وژه (در شمالخاوری اصفهان) را در پی داشته است. گفتنی است که این سنگهای کربناته دارای ناخالصی فراوانی بوده و بیشتر رسی هستند (Ahmadi, 1988). همچنین، در پی عملکرد گسل قم – زفره که از درون این سنگها میگذرد، بسیار لایهلایه هستند و دچار خمیدگی شدهاند.
بر پایه بررسیهای انجامشده، کانیهای سازندة این اسکارن عبارتند از: ولاستونیت، دیوپسید، هدنبرژیت، گروسولار، آندرادیت، اپیدوت، کلسیت و کوارتز. بافت اصلی سازندة سنگهای اسکارنی وژه گرانوبلاستیک است. روابط پاراژنتیک کانیها نشان میدهد که نخست در پی هجوم سیالهای داغِ سرشار از سیلیس به درون درز و شکافهای سنگهای کربناته و واکنش با کلسیمِ این سنگها و آزادشدن CO2، ولاستونیت در دمای نزدیکبه 550 تا 700 درجه سانتیگراد پدید آمده است. در ادامه با کاهش دمای سیالها، در پی ترکیبشدن سیلیس، آهن و منیزیم با کلسیم و آلومینیمِ سنگ میزبان، بهترتیب پیروکسن در دمای بالاتر از 500 درجه سانتیگراد و گارنت در دمای بالاتر از 400 درجه سانتیگراد پدید آمدهاند. همچنین، در مرحله پسروندة اسکارنزایی، در پی ورود سیالهای سرشار از آب و اکسیژن، فوگاسیته اکسیژن افزایش یافته است و کانیهای کالکسیلیکاتة آبدار (مانند: اپیدوت) در پی دگرسانی گارنت پدید آمدهاند. همچنین، در مرحلههای پایانی دگرگونی پسرونده، رگههای کلسیتی فراوانی در سنگها پدیدار شدهاند.
بررسیهای زمینشیمیایی نشان میدهد که ترکیب گارنتهای اسکارن وژه از نوع محلول جامد گروسولار- آندرادیت است. ترکیب پیروکسنها نیز از نوع محلول جامد دیوپسید- هدنبرژیت بوده و دارای میانگین ولاستونیت نزدیکبه 03/46، فروسیلیت نزدیکبه 80/9 و انستاتیت نزدیکبه 15/46 درصد مولی هستند. بر پایه یافتهها و ویژگیهای کانیشناسی و زمینشیمیایی، مانند فراوانی کانیهای کالکسیلیکاته سرشار از کلسیم (مانند: ولاستونیت و گارنت از نوع گروسولار) و فراوانی کلسیت در این سنگها، اسکارن وژه از نوع اسکارنهای کلسیک است.