Document Type : Original Article
Authors
Department of Geochemistry, Faculty of Earth Sciences, Kharazmi University, Tehran, Iran
Abstract
Keywords
Main Subjects
فعالیتهای ماگمایی پالئوزوییک ایران که به سه فاز کششی اردوویسین- سیلورین، دونین، کربونیفر و پرمین نسبت دادهمیشوند نشاندهندة شکستهشدن سکوی اپیکاتانگایی ایران هستند (Stampfli, 1978). ماگماتیسم پالئوزوییک از مباحث مهم در زمینشناسی ایران است که بررسی آن گویای ارتباط آنها با گسترس پوستة اقیانوسی پالئوتتیس است.
رخنمون سنگهای آتشفشانی که بیشتر سرشت آلکالن و بازة سنی اردویسین تا پرمین دارند عبارتند از: بازالتهای سلطانمیدان (Ghasemi and Kazemi, 2013; Ghasemi et al., 2012; Derakhshi and Ghasemi, 2013; Derakhshi and Ghasemi, 2015; Derakhshi et al., 2017)، رباط قرهبیل، جاجرم و اسفراین (Fathi, 1999)، شیرگشت (Derakhshi and Ghasemi, 2014)، سه کاشان (Ayati et al., 2011)، ترود (Houshmand-Zadeh et al., 1978)، جنوب بجنورد (Fathi, 1999)، جهق (Tabatabaimanesh et al., 2009)، جنوب بهاباد (Balaghi et al., 2010)، شمال شاهرود (Derakhshi and Ghasemi, 2014)، پل خاوند (Torabi and Hashemi, 2010)، سیاهبیشه (Delavari et al., 2016)، منطقة جلفا (Delavari et al., 2019)، جلالآباد کرمان (Vesali et al., 2018)، منطقة ماکو (Valinasab Zarnagh et al., 2020). در شمالخاوری تهران، در نزدیکی دهکدة جیرود، سنگهای پالئوزوییک شامل سازندهای جیرود و مبارک هستند و با افق ضخیم بازالتی تیرهرنگ شناخته میشوند که نشاندهندة مرز ناپیوسته دونین- کربونیفر است (Hashemi and Tabe, 2009). ماگماتیسم اردویسین میانی تا دونین در البرز و بسیاری از بخشهای ایران مرکزی محصول مراحل کافتزایی پوستة اقیانوس پالئوتتیس تفسیر شده است (Ghasemi and Derakhshi, 2008; Bagheri and Stampfli, 2008; Balaghi et al., 2010; Ghasemi et al., 2012; Ghasemi and Kazemi, 2013; Derakhshi and Ghasemi, 2013). ازاینرو، برای شناخت جایگاه تکتونوماگمایی البرز مرکزی در زمان دونین، سنگهای آتشفشانی بخش بالایی سازند جیرود در برش چینهشناسی الگوی آن واقع در منطقة گرمابدر (35 کیلومتری شمالخاوری تهران) از دیدگاه ویژگیهای زمینشیمیایی و خاستگاه بررسی شدند.
زمینشناسی منطقه
منطقة گرمابدر در شمالخاوری استان تهران در مختصات طول جغرافیایی ʹ51°34 تا ʹ51°38 خاوری و عرض جغرافیایی ʹ35°58 تا ʹ35°59 شمالی، در دامنة جنوبی البرز مرکزی و در 35 کیلومتری شمالخاوری تهران جای دارد (شکل 1) و بخشی از نقشههای زمینشناسی 250000/1 تهران (Haghipour et al., 1986) و 100000/1 خاور تهران (Vahdati Daneshmand, 1997) را دربر گرفته است. این منطقه بخشی از برش الگوی سازند جیرود است. نهشتههای سازند جیرود در منطقة گرمابدر تناوبی از ماسهسنگ، کوارتزیت، همراه با میانلایههای نازک شیل خاکستری سیاهرنگ و سپس تناوب آهک براکیوپوددار و شیل سیاهرنگ دارند (شکل 1).
مرز زیرین سازند جیرود در این منطقه بهصورت ناپیوستگی فرسایشی با سازند میلا است. مرز میان این سازند با سازند مبارک نیز در نزدیکی دهکدة جیرود و در بخشهای دربندسر تا گرمابدر، با افق ضخیم بازالتی تیرهرنگی شناخته میشود که نشاندهندة مرز ناپیوسته دونین- کربونیفر در منطقه است (شکل A- 2) (Hashemi and Tabe, 2009). این افق بازالتی بهطور کلی ستبرایی نزدیک به 450 متر در بخشهای دربندسر تا گرمابدر دارد (Vahdati Daneshmand, 1997). بخش بازالتی سازند جیرود که دربردارندة تناوبهایی از گدازههای بازالتی است، روند تقریبی °E120N و شیب 30 درجه رو به شمال دارد. این تناوبها نشاندهندة استمرار و تکرار خروج مواد مذاب در چندین مرحله است و لایههای رسوبی ندارد. مرز زیرین این واحد با بخشهای زیرین کاملاً مشخص است. بخش بزرگی از سازند جیرود را سنگهای رسوبی میسازند. لایة بازالتی و لایههای کربناته سخت تا اندازهای دربرابر فرسایش مقاوم هستند و ازاینرو، ریختشناسی صخرهای را پدید آوردهاند. از دیدگاه ظاهری، این واحد در سطح به رنگ قهوهای و سبز تیره است و گاه حفرهها و شکستگیهایی در آن دیده میشوند. در منطقة بررسیشده، در سازند جیرود، دایکی با ترکیب دیابازی با ستبرای چشمگیر میان دو لایة آهک تزریق شده است که دایک تغذیهکننده دانسته میشود (شکل 2- B).
دسترسی به این منطقه از طریق جادة اصلی تهران به جیرود و جادههای فرعی فشم- روته- زایگون و آبنیک - گرمابدر امکانپذیر است. جادة لشکرک- لواسان و جادههای فرعی لواسان- زردبند- بوجان- راحتآباد- امامه- میگون- روته- گرمابدر از دیگر راههای دسترسی به این منطقه بهشمار میروند. راه فرعی رودک- سوهانک- شمیران- گرمابدر نیز از راههای قدیمی هستند.
شکل 1- نقشة باز رسمشده از منطقة گرمابدر، برگرفته از نقشة 1:100000 خاور تهران، سازمان زمینشناسی کشور (Vahdati Daneshmand, 1997)
شکل 2- A) رخنمون و موقعیت افق بازالتی در میان سازند جیرود و مبارک (دید رو به خاور)؛ B) رخنمون دایک دیابازی در سازند جیرود
روش انجام پژوهش
پس از نمونهبرداری در بررسیهای صحراییِ منطقة گرمابدر، مقطعهای نازک در آزمایشگاه دانشگاه خوارزمی تهیه شدند. پس از بررسی مقطعهای نازک سنگها، شمار 10 نمونه با کمترین دگرسانی برای تجزیة سنگ کل به آزمایشگاه MSALABS کانادا فرستاده شد. برای بررسی عنصرهای اصلی از روش آمادهسازی نمونهها به روش ذوب لیتیمبورات و دستگاه ICP-OES و برای تعیین عنصرهای کمیاب و خاکی کمیاب از دستگاه ICP-MS بهره گرفته شد. دادههای بهدستآمده از تجزیة شیمیایی سنگ کل بهترتیب در جدولهای 1 و 2 آورده شدهاند.
جدول1- دادههای تجزیة شیمیایی اکسیدهای اصلی (برپایة درصدوزنی) نمونههای آتشفشانی منطقة گرمابدر به روش ICP-OES
Sample No. |
J3 |
J15 |
J36 |
J1 |
J6 |
J19 |
J22 |
J24 |
J27 |
J30 |
Rock name |
basalt |
basalt |
basalt |
basalt |
basalt |
basalt |
trachyandesite |
basalt |
basalt |
basalt |
SiO2 |
47.7 |
48.3 |
48.4 |
49.1 |
49.1 |
49.9 |
60.8 |
50.6 |
50.5 |
50.6 |
TiO2 |
2.8 |
2.4 |
2.0 |
3.0 |
2.8 |
2.6 |
0.5 |
2.5 |
2.5 |
2.2 |
Al2O3 |
15.2 |
16.5 |
16.1 |
15.2 |
15.2 |
14.8 |
16.0 |
13.9 |
14.2 |
13.7 |
Fe2O3 |
2.3 |
3.1 |
2.3 |
2.5 |
3.7 |
3.7 |
1.4 |
3.8 |
3.7 |
3.3 |
FeO |
8.1 |
6.5 |
8.4 |
8.9 |
7.8 |
7.8 |
1.9 |
8.0 |
7.7 |
6.9 |
FeO T |
10.16 |
9.25 |
10.31 |
10.72 |
10.91 |
11.12 |
3.22 |
11.70 |
11.10 |
9.94 |
MnO |
0.2 |
0.2 |
0.2 |
0.2 |
0.2 |
0.3 |
0.1 |
0.1 |
0.2 |
0.2 |
MgO |
5.6 |
5.3 |
7.8 |
5.0 |
5.2 |
5.5 |
0.8 |
3.5 |
5.4 |
6.0 |
CaO |
7.8 |
9.2 |
5.7 |
9.4 |
7.5 |
5.0 |
5.6 |
5.1 |
5.8 |
7.5 |
Na2O |
2.7 |
3.7 |
3.4 |
2.9 |
3.2 |
3.0 |
4.1 |
4.5 |
4.5 |
3.5 |
K2O |
1.4 |
1.5 |
1.4 |
1.2 |
2.7 |
4.0 |
3.4 |
2.0 |
0.9 |
1.7 |
P2O5 |
0.5 |
0.4 |
0.2 |
0.4 |
0.4 |
0.4 |
0.3 |
0.4 |
0.4 |
0.3 |
LOI |
3.8 |
4.0 |
4.6 |
2.9 |
2.9 |
3.5 |
6.4 |
5.1 |
4.8 |
3.5 |
Total |
98.1 |
101.1 |
100.5 |
100.5 |
100.7 |
100.5 |
101.3 |
99.5 |
100.6 |
99.4 |
Mg# |
50.91 |
51.23 |
58.26 |
46.08 |
46.24 |
47.62 |
32.34 |
36.35 |
47.56 |
52.88 |
جدول 2- دادههای تجزیة شیمیایی عنصرهای کمیاب و خاکی کمیاب (برپایة ppm) نمونههای آتشفشانی منطقة گرمابدر به روش ICP-MS
Sample No. |
J3 |
J15 |
J36 |
J1 |
J6 |
J19 |
J22 |
J24 |
J27 |
J30 |
Sc |
27.8 |
30.1 |
28.4 |
30.2 |
30.5 |
31.0 |
30.8 |
29.5 |
30.2 |
32.8 |
V |
306 |
279 |
271 |
325 |
305 |
334 |
77 |
301 |
300 |
292 |
Cr |
272 |
131 |
126 |
44 |
62 |
39 |
91 |
43 |
44 |
99 |
Co |
49.5 |
45.5 |
49.8 |
53 |
38.9 |
42 |
45.4 |
34.2 |
37 |
41.3 |
Ni |
60.7 |
29.6 |
59.7 |
63.6 |
19.7 |
12.7 |
13.3 |
12.1 |
13.1 |
27.4 |
Ga |
21.3 |
25.7 |
18.7 |
21.7 |
21.4 |
22.3 |
18.5 |
18.2 |
22.2 |
19.4 |
Rb |
25.6 |
28.1 |
25 |
24.2 |
43.4 |
55.1 |
111 |
27.6 |
12 |
30.7 |
Sr |
371 |
178 |
762 |
325 |
466 |
273 |
1035 |
144 |
183 |
383 |
Y |
37.3 |
24 |
20.3 |
34.2 |
27.3 |
30.8 |
23.3 |
30 |
30.5 |
27.5 |
Zr |
210 |
164 |
132 |
192 |
171 |
204 |
168 |
170 |
189 |
161 |
Nb |
21.7 |
19.9 |
14.5 |
21.6 |
22.6 |
22.1 |
20.2 |
19.9 |
20.5 |
17.3 |
Cs |
1.3 |
0.9 |
1.1 |
0.7 |
0.7 |
0.6 |
7.1 |
0.5 |
0.6 |
0.4 |
Ba |
307 |
253 |
330 |
286 |
440 |
824 |
1814 |
305 |
280 |
330 |
La |
25.7 |
23.2 |
13.2 |
23.4 |
26.1 |
26.1 |
77.5 |
24.6 |
31.4 |
18.1 |
Ce |
56.5 |
48.7 |
31.4 |
51 |
54.9 |
55.8 |
125.1 |
55.9 |
65.7 |
42.3 |
جدول 2- ادامه
Sample No. |
J3 |
J15 |
J36 |
J1 |
J6 |
J19 |
J22 |
J24 |
J27 |
J30 |
Ce |
56.5 |
48.7 |
31.4 |
51 |
54.9 |
55.8 |
125.1 |
55.9 |
65.7 |
42.3 |
Nd |
33.3 |
27.0 |
18.7 |
30.9 |
30.8 |
31.5 |
44.7 |
30.0 |
31.7 |
22.7 |
Sm |
7.6 |
5.9 |
4.5 |
7.3 |
6.7 |
7.2 |
7.4 |
6.8 |
7.0 |
5.4 |
Eu |
2.6 |
2.0 |
1.8 |
2.4 |
2.3 |
2.1 |
1.8 |
2.2 |
2.3 |
1.8 |
Gd |
7.6 |
5.7 |
4.7 |
7.4 |
6.4 |
6.8 |
6.5 |
6.8 |
7.1 |
5.6 |
Tb |
1.2 |
0.8 |
0.7 |
1.1 |
0.9 |
1.0 |
0.8 |
1.0 |
1.0 |
0.9 |
Dy |
7.0 |
4.8 |
4.1 |
6.6 |
5.5 |
5.8 |
4.0 |
5.7 |
6.0 |
5.1 |
Ho |
1.4 |
0.9 |
0.8 |
1.3 |
1.1 |
1.1 |
0.8 |
1.1 |
1.1 |
1.0 |
Er |
3.7 |
2.5 |
2.0 |
3.6 |
2.8 |
3.1 |
2.2 |
3.0 |
3.0 |
2.7 |
Tm |
0.5 |
0.3 |
0.2 |
0.5 |
0.4 |
0.4 |
0.3 |
0.4 |
0.4 |
0.4 |
Yb |
3.0 |
2.0 |
1.5 |
2.9 |
2.3 |
2.7 |
2.0 |
2.5 |
2.6 |
2.2 |
Lu |
0.4 |
0.3 |
0.2 |
0.4 |
0.3 |
0.4 |
0.3 |
0.4 |
0.4 |
0.3 |
Hf |
5.6 |
4.5 |
3.5 |
5.4 |
5.1 |
5.5 |
4.6 |
4.9 |
5.3 |
4.2 |
Ta |
1.3 |
1.3 |
1.0 |
1.6 |
1.4 |
1.3 |
1.3 |
1.0 |
1.2 |
1.0 |
Th |
5.4 |
4.4 |
2.0 |
6.7 |
5.7 |
6.6 |
36.2 |
5.5 |
5.6 |
3.3 |
Ti |
16600 |
14300 |
11900 |
18100 |
16650 |
15700 |
3200 |
14700 |
15200 |
12900 |
U |
1.1 |
1.0 |
0.3 |
0.9 |
1.1 |
1.6 |
10.1 |
1.3 |
1.2 |
0.9 |
W |
1.0 |
1.0 |
1.0 |
1.0 |
1.0 |
1.0 |
1.0 |
1.0 |
1.0 |
1.0 |
Eu/Eu* |
1.05 |
1.07 |
1.17 |
0.99 |
1.08 |
0.93 |
0.78 |
1.0 |
0.98 |
0.98 |
Nb/Y |
0.63 |
0.66 |
0.63 |
0.71 |
0.67 |
0.85 |
0.72 |
0.83 |
0.83 |
0.58 |
Ce/Yb |
19.2 |
24.4 |
20.4 |
17.6 |
24.1 |
21.1 |
62.6 |
22.3 |
25.7 |
18.9 |
Zr/Y |
5.63 |
6.83 |
6.50 |
5.61 |
6.26 |
6.62 |
7.06 |
5.67 |
6.20 |
5.85 |
Nb/La |
0.84 |
0.86 |
1.10 |
0.92 |
0.87 |
0.85 |
0.26 |
0.81 |
0.65 |
0.96 |
Ti/Y |
0.04 |
0.06 |
0.06 |
0.05 |
0.06 |
0.05 |
0.01 |
0.05 |
0.05 |
0.05 |
Hf/3 |
1.87 |
1.50 |
1.17 |
1.80 |
1.70 |
1.83 |
1.53 |
1.63 |
1.77 |
1.40 |
Y*3 |
111.9 |
72.0 |
60.9 |
102.6 |
81.9 |
92.4 |
71.4 |
90.0 |
91.5 |
82.5 |
سنگنگاری
نتایج بهدستآمده از بررسیهای میکروسکوپیِ نمونههای برداشتشده از منطقه نشان میدهند این سنگها بازالت، تراکیبازالت و تراکیآندزیت با بافت بیشتر هیالومیکرولیتیک پورفیری (شکل 3- A) و بافتهای فرعی غربالی، اینترسرتال، گلومروپورفیری و بادامکی هستند. در بافت بادامکی که در برخی از نمونهها دیده میشود، حفرههای پدیدآمده در پی خروج گاز، با کانیهای ثانوی کلریت، زئولیت و کلسیت پر شدهاند. همچنین، بافتهای افیتیک و سابافیتیک در دایک دیابازی از دیگر بافتهای دیدهشده هستند.
در نمونههای تراکیبازالت، میکروفنوکریستهای پلاژیوکلاز، الیوین، کلینوپیروکسن و سانیدین از کانیهای اصلی سازندة این سنگها هستند که بههمراه کانیهای کدر وکانیهای ثانویة کلسیت، سریسیت، کلریت و اپیدوت دیده میشوند. همچنین، نمونههای تراکیآندزیت که فراوانی اندکی نسبت به بازالتها دارند، بیشتر از فنوکریستهای پلاژیوکلاز ساخته شدهاند که در زمینهای از میکرولیتهای پلاژیوکلاز، سانیدین و کانیهای فرعی کدر جای دارند. گمان میررد این فاز تفریقیافته بازالتها باشد که کانیهای فرومنیزین آن تفریق یافتهاند و ازاینرو، بیشتر از کانی فلدسپار ساخته شده است.
شکل 3- ویژگیهای سنگنگاری واحد بازالتی منطقة گرمابدر. A) بافت هیالومیکرولیتیک همراه با میکروفنوکریستهای پلاژیوکلاز و سانیدین در نمونة تراکیبازالت (در XPL)؛ B) بلور کلینوپیروکسن نیمهشکلدار با هستة کلریتیشده، بههمراه بلور الیوین کلریتیشده، اپیدوت و کلریت حاصل از دگرسانی زمینة شیشهای (در PPL)؛ C) بافت گلومروپورفیری از تجمع بلورهای کلینوپیروکسن و پلاژیوکلاز (در XPL)؛ D) بافت افیتیک که در آن بلورهای پلاژیوکلاز در بلور پیروکسن جای قرار گرفتهاند. همچنین، کانی الیوین کلریتیشده بهصورت میانبار در فنوکریست پیروکسن پیدایش بافت پوییکیلیتیک میدهد (در XPL)؛ E) فضای میان بلورهای فلدسپار با کانیهای فرومنیزین (مانند مگنتیت و کلینوپیروکسن) پر شده و بافت اینترگرانولار را پدید آورده است (در XPL)؛ F) بافت اینترگرانولار که در آن فضای میان بلورهای پلاژیوکلاز با کلریت، کلینوپیروکسن، کدر و آمفیبول پر شده است (در XPL) (نام اختصاری کانیها از Whitney and Evans (2010))
پلاژیوکلاز فراوانترین کانی سازندة سنگهای بررسیشده دانسته میشود. این کانی هم بهصورت میکروفنوکریست و هم بهصورت میکرولیت در زمینة سنگ دیده میشود. میکروفنوکریستها معمولاً بافت غربالی دارند و در بخشهایی به کلریت و سریسیت دگرسان شدهاند. در برخی نمونهها، فضای میان میکروفنوکریستها و میکرولیتها با کلسیت، اپیدوت و کلریت ثانوی پر شده و بافت اینترسرتال پدید آمده است. کلینوپیروکسن بهصورت میکروفنوکریست و گاه بلورهای ریز در زمینه و فضای میان میکرولیتها بهصورت سالم و نادگرسان دیده میشود (شکل 3- B). بافت گلومروپورفیری متشکل از خوشههای بلورهای کلینوپیروکسن و پلاژیوکلاز در این سنگها بهخوبی دیده میشود (شکل 3- C). الیوین بیشتر بهصورت فنوکریست در این سنگها یافت میشود و معمولاً بهصورت سودومورف با کلریت جایگزین شده است (شکل 3- B). سانیدین نیز که در نمونههای تراکیبازالت و تراکیآندزیت دیده میشود، بهصورت شکلدار و با ماکل کارلسباد دیده میشود (شکل 3- A). خمیرة این سنگها نیز بیشتر از میکرولیتهای پلاژیوکلاز و به مقدار کمتر از پیروکسن و کانیهای کدر ساخته شده است. نمونههای دیاباز در بررسیهای میکروسکوپی دربرداندة کانیهای پلاژیوکلاز، پیروکسن و کانیهای فرعی الیوین و آمفیبول بههمراه کانیهای کدر و کانیهای ثانویة پدیدآمده از دگرسانی (مانند کلریت) هستند. بافت افتیک تا سابافیتیک و گاه بافت پوییکیلیتیک و اینترگرانولار از ویژگیهای بافتی این سنگها بهشمار میروند (شکلهای 3- D، 3- E و 3- F).
زمینشیمی
دادههای بهدستآمده از تجزیة شیمیایی نمونههای برگزیدة سنگهای منطقة گرمابدر در جدولهای 1 و 2 آورده شدهاند. همانگونهکه در جدول 1 دیده میشود، درصدوزنی LOI در نمونههای بررسیشده برابربا 9/2 تا 4/6 درصدوزنی است که نشاندهندة تأثیر دگرسانی کمابیش بالا در برخی نمونههاست، ازاینرو، برای پرهیز از خطای تأثیر هوازدگی و دگرسانی که باعث تغییر مقدار عنصرهای اصلی متحرک میشود، از نمودار پیشنهادیِ Winchester و Floyd (1977) برای ردهبندی نمونههای منطقه بهره گرفته شد. برپایة نمودار Nb/Y دربرابر Zr/TiO2 (شکل 4- A)، بیشتر نمونههای بررسیشده در محدودة آلکالیبازالت جای دارند. یک نمونه نیز در محدودة تراکیآندزیت جای گرفته است که با بررسیهای سنگنگاری همخوانی دارد.
شکل 4- ترکیب نمونههای آتشفشانی منطقة گرمابدر در: A) نمودار تغییرات Nb/Y دربرابر Zr/TiO2 (Winchester and Floyd, 1977)؛ B) نمودار Zr دربرابر P2O5 (Winchester and Floyd, 1977)
برای بررسی سرشت ماگمایی سنگهای منطقه از نمودارهای رسمشده برپایة میزان عنصرهای کمیاب با شدت میدان بالا (HFSE[1]) استفاده شده است. در نمودار Zr دربرابر P2O5 نمونههای منطقة گرمابدر سرشت آلکالن نشان میدهند (شکل 4- B).
در نمودار چندعنصری بهنجارشده به ترکیب گوشتة اولیه (Sun and McDonough, 1989) (شکل 5- A)، نمونهها از عنصرهای لیتوفیل یون بزرگ (مانند: Cs، Rb، Ba، K) و عنصرهای خاکی کمیاب سبک (LREE[2])، نسبت به عنصرهای با قدرت میدان بالا (HFSE) و عنصرهای خاکی کمیاب سنگین (HREE[3]) غنی شدهاند؛ اما دچار تهیشدگی Nb و Ta شدهاند که شاید نشاندهندة آلودگی پوستهای باشد. آنومالی منفی تیتانیم در نمونة تراکیآندزیت (نمونة J22) بهعلت فاز تفریقیافتة تیتانومگنتیت است. نمونة J36 نسبت به دیگر نمونهها دچار تحولیافتگی کمتری شده است و مقدار U و Th کم و مقدار Sr بالایی دارد (پلاژیوکلاز کمتر تفریقیافته است). به باور Rollinson (1993) آنومالی منفی Nb ویژگیِ سنگهای قارهای است و امکان دارد نشاندهندة شرکت پوسته در فرایندهای ماگمایی باشد (شکل 5- A). برپایة نمودار الگوی توزیع عنصرهای خاکی کمیاب بهنجارشده به ترکیب کندریت (Sun and McDonough 1989) (شکل 5- B)، نمونههای منطقه از عنصرهای خاکی کمیاب سبک (LREE) نسبت به عنصرهای خاکی کمیاب سنگین (HREE) غنیشدگی نشان میدهند.
میزان کم HREEها نسبت به LREEها چهبسا پیامد ذوببخشی درجه پایین خاستگاه گوشتهای و آلودگی ماگما با پوسته (Srivastava and Singh, 2004)، یا بهجاماندن گارنت در سنگ خاستگاه (Clague and Frey, 1982; Rollinson, 1993; MacDonald et al., 2000)، باشد. تحرک عنصرهای LREE بالاست؛ ازاینرو، غلظت آنها تابعی از نوع رفتار فاز سیال است (Rollinson, 1993)؛ اما ازآنجاییکه این عنصرها در پوستة قارهای متمرکز شدهاند شاید غلظت بالای آنها در ماگما نشاندهندة آلایش با مواد پوستهای باشد (Srivastava and Singh, 2004). غلظت عنصرهای HREE را شیمی سنگ خاستگاه و فرایندهای بلور/ مذاب هنگام پیدایش سنگ کنترل میکند (Rollinson, 1993). در شکل 5- B، روند نمونههای گوناگون کمابیش همانند و موازی یکدیگر هستند. موازیبودن الگوی عنصرها در سنگهای منطقه در این نمودار نشاندهندة خاستگاه یکسان این سنگهاست (Wilson, 1989). گاه عنصر Eu در جایگاهی بیرون از روندی دیده میشود که دیگر عنصرها در نمودار REE برای آن تعیین میکنند و چهبسا یک آنومالی واقعی را نیز نشان دهد. نمونة J22 (تراکیآندزیت) فازی تفریقیافته است و ازاینرو، عنصرهای LREE در آن بیشتر تمرکز یافتهاند؛ اما نمونة J36 در میان دیگر نمونهها کمتر تحولیافته است (شکل 5- B). دادههای جدول 2 نشان میدهند نسبت Eu/Eu* برای همة نمونهها نزدیک به یک و تنها برای نمونة J22 این نسبت 78/0 است که نشانة آنومالی منفی Eu در این نمونه است. نبود آنومالی مثبت یا منفی Eu بدین مفهوم است که ترکیب شیمی نمونهها تحتتأثیر جدایش یا تجمع بلورهای پلاژیوکلاز نبوده است. آنومالی منفی Ti تنها در نمونة تفریقیافتة تراکیآندزیت دیده میشود و پیامد جدایش بلورهای تیتانومگنتیت دانسته میشود.
شکل 5- ترکیب نمونههای آتشفشانی منطقة گرمابدر در: A) الگوی عنکبوتی عنصرها بهنجارشده به ترکیب گوشتة اولیه (Sun and McDonough, 1989)؛ B) الگوی عنصرهای خاکی کمیاب بهنجارشده به ترکیب کندریت (Sun and McDonough, 1989)
بحث
ویژگیهای خاستگاه و محیط پیدایش
برای توصیف خاستگاه گوشتهای بازالتهای گرمابدر، از نسبتهای عنصرهای ناسازگار (مانند: Nb/Th، Zr/Nb، Zr/Y و Nb/Y) بهره گرفته میشود (Condie, 2003, 2005). (شکل 6- A). در نمودار Zr/Y دربرابر Nb/Y (Condie, 2005, 2003; Fitton, 2007)، نمونههای گرمابدر در محدودة بازالتهای OIB[4] جای گرفتهاند که گویای شباهت آنها به بازالتهای جزایر اقیانوسی است. افزونبر این، بالابودن مقدار نسبتهای Nb/Y و Zr/Y، خاستگاهگرفتن نمونههای منطقه از یک پلوم گوشتهای را پیشنهاد میکند (Condie, 2005; Fitton, 2007).
با توجه به بالابودن نسبت Ce/Yb در نمودار Ce دربرابر Ce/Yb (شکل 6- B)، همة نمونههای آتشفشانی گرمابدر ژرفای 90 تا 110 کیلومتری را برای خاستگاه خود نشان میدهند. افزونبر این نسبتهای کم Ce/Yb در بازالتها نشاندهندة درجة ذوببخشی بالا و وجود اسپینل در فاز بجامانده است و نسبتهای بالای Ce/Yb (10<) نشاندهندة درجة ذوببخشی کم و وجود گارنت در فاز بجامانده است (Mattsson and Oskarsson, 2005). این نسبت در سنگهای گرمابدر بالاست (58/17 تا 55/62) و ازاینرو، نشاندهندة درجة ذوببخشی کم و وجود گارنت بهعنوان فاز بجامانده در خاستگاه گوشتهای است (شکل 6- B).
شکل 6- ترکیب نمونههای آتشفشانی منطقة گرمابدر در: A) نمودار نسبت Zr/Y دربرابر Nb/Y (Fitton, 2007) (روند F: درجات ذوببخشی؛ روند SUB: اثرات فرورانش) (OIB: Ocean Island Basalts; N-MORB: Normal Mid-Ocean Ridge Basalt)؛ B) نمودار Ce دربرابر Ce/Yb (Ellam, 1992)
Xia و همکاران (2012) ماگماهای بازالتی را برپایة نسبتهای Ti/Y به دو نوع اصلی دستهبندی کردهاند:
- بازالتهای با نسبت بالای Ti/Y (500Ti/Y>)؛
- بازالتهای با نسبت کم Ti/Y (500Ti/Y<).
به پیشنهاد Peate و همکاران (1992)، از نسبت Ti/Y میتوان برای تمایز ماگماها بهره گرفت؛ زیرا این نسبت در طول فرایند جدایش بلوری چندان تغییر نمیکند. همچنین، برپایة شاخص آلایش پوستهای (نسبت Nb/La)، گدازههای HT به انواع 85/0HT1=Nb/La> و 85/0HT2=Nb/La< با نسبت (500Ti/Y>)، گدازههای LT به انواع 85/0LT1=Nb/La> و 85/0LT2=Nb/La< با نسبت (500Ti/Y<) دستهبندی میشوند. بر این پایه، نمونههای گرمابدر در محدودة HT (در محدودة HT1 و HT2) جای گرفتهاند (شکل 7- A) که خاستگاه گارنتدار مذاب در ژرفای بسیار (Reichow et al., 2005) را نشان میدهد. همچنین، این نمودار خاستگاه پلوم با درجات ذوببخشی کم را نشان میدهد. محدودة LT نشاندهندة ذوب با درجات بیشتر در ژرفای کمتر است.
سنگهای بازالتی پدیدآمده از خاستگاه سستکرهایِ آلودهنشده (یا پلوم) معمولاً الگوهای REE مسطح و غنیشدگی LREEs دارند و آنومالی منفی Nb، Ta و Ti نشان نمیدهند (Campbell, 2001). نسبت Nb/La در بازالتهای قارهای آلودهنشده یا کمتر آلودهشده با پوسته، بیشتر از 9/0 و در بازالتهای قارهای بسیار آلودهشده کمتر از 9/0 است (Xia et al., 2012). این نسبت در بیشتر نمونههای گرمابدر برابربا 81/0 تا 10/1 است (جدول 2). در حقیقت، بیشتر از نیمی از آنها مقداری کمتر از 9/0 دارند که نشانة آلودگی مذاب سازندة آنها با پوسته است. همچنین، در نمونة J22 (تراکیآندزیت) که سنگی بشدت تحول یافته است نسبت Nb/La بسیار کم (26/0) است.
شکل 7- ترکیب نمونههای آتشفشانی منطقة گرمابدر در: A) نمودار Ti/Y دربرابر Nb/La (Xia et al., 2012) (LT1 and LT2: low titanium basalts; HT1 amd HT2: high titanium basalts)؛ (B نسبت Nb دربرابر Nb/La (Xia et al., 2012)
همچنین، برای تعیین آلایش پوستهای از نسبتهای Nb دربرابر Nb/La نیز میتوان بهره گرفت. اگر نسبت 9/0Nb/La> باشد، نشاندهندة آلودگی پوستهای کم یا نبود آلودگی در ماگماست (Xia et al., 2012). آنومالی منفی عنصرهای Nb و Ta در نمودار عنکبوتی میتواند در ارتباط با آلودگی پوستهای باشد. همچنین، نسبت کم 9/0Nb/La< نشاندهندة ویژگیهای زمینشیمیایی پوستهای و یا آلایش مذاب پوستهای است. همانگونهکه در شکل 7- B دیده میشود، نسبت Nb/La در نمونههای آتشفشانی منطقه برابربا 81/0 تا 10/1 متغیر است و بیشتر نمونههای بررسیشده آلایش پوستهای ناچیزی نشان میدهند. بنابراین نمونة J36 که کمتر تحولیافته است نسبت بیشتری نشان میدهد و به گفتة دیگر، آلودهنشده یا کمتر آلودهشده با پوسته است؛ اما دو نمونة J22 و J27 مقدارهای کم و آلودگی بیشتری را نشان میدهند.
نسبت LREE/HREE در سنگهای مافیک منطقه نشان میدهد ماگمای اولیه آنها از ذوببخشی درجات کم گوشته برخاسته است. در کل، غنیشدگی LREE در این سنگها پیامد دو عاملِ درجة ذوببخشی کم (>15%) خاستگاه گوشتهای و خاستگاه گوشتهای غنیشده یا تهینشده دانسته میشود. در اینجا هر دو عامل را میتوان برای سنگهای بررسیشده در نظر گرفت. تهیشدگی سنگها از HREE حضور گارنت در خاستگاه را نشان میدهد. لذا ماگمای مادر سنگهای بررسیشده از ذوببخشی درجات پایین خاستگاهی گارنت- پریدوتیتی در اعماق بسیار (100 کیلومتری) گوشتة زیر قارهای خاستگاه گرفته است. در نمودار عنکبوتی عنصرهای کمیاب بهنجارشده به ترکیب گوشتة اولیه، الگوی نمونههای بررسیشده با الگوی سه نوع بازالت OIB، E-MORB و N-MORB مقایسه شده است. برپایة شکل 8- A، در نمونههای بررسیشده، عنصرهای سمت چپ نمودار غنیشدگی دارند که مذابهای نوع N-MORB و E-MORB این غنیشدگی را نشان نمیدهند؛ اما الگوی عنکبوتی عنصرهای کمیاب نمونههای بررسیشده شباهت بسیاری به مذابهای OIB دارد. تهیشدگی در عنصرهای Nb و Ta در برخی نمونههای بازالتی بررسیشده چهبسا پیامد آلودگی پوستهای باشد.
شکل 8- نمونههای آتشفشانی منطقة گرمابدر (محدوده خاکستری رنگ) در: A) نمودار عنکبوتی عنصرها بهنجارشده به ترکیب گوشتة اولیه؛ B) الگوی عنصرهای خاکی کمیاب سنگهای آتشفشانی منطقة گرمابدر بهنجارشده به ترکیب کندریت (برای مقایسه الگوی ترکیب OIB، N-MORB و E-MORB (Sun and McDonough, 1989) نیز آورده شده است؛ OIB: Ocean Island Basalts; E- MORB: Enriched Mid-Ocean Ridge Basalts; N- MORB: Normal Mid Ocean Ridge Basalts)
در نمودار الگوی عنصرهای خاکی کمیاب بهنجارشده به ترکیب کندریت بهخوبی همخوانی زمینشیمیایی میان بازالتهای نوع OIB و بازالتهای منطقة گرمابدر دیده میشود (شکل 8- B)؛ اما برخلاف آن، بازالتهای نوع N-MORB، هیچ نوع همخوانی با بازالتهای منطقه ندارد؛ بهگونهایکه از دیدگاه شیب الگوی عنصرهای کمیاب، نمونههای بازالتی منطقه با بازالتهای نوع N-MORB کاملا عکس همدیگر هستند. این تفاوتها نیز تا اندازهای در بازالتهای نوع E-MORB نیز دیده میشود؛ بهگونهایکه شیب الگوی بهنجارشده (نسبت HREE/LREE) در مذابهای E-MORB از نمونههای منطقه کمتر است و چهبسا درصد ذوببخشی کمتر و غنیشدگی بیشتر خاستگاه گوشتهای در بازالتهای بررسیشده نسبت به E-MORB را نشان میدهد. پس به طور کلی آنچه از نمودارهای عنکبوتی و الگوی عنصرهای خاکی کمیاب برداشت میشود اینست که بازالتهای بررسیشده از دیدگاه شیمیایی با بازالتهای N-MORB و E-MORB تفاوت دارند و برعکس موربها (که از گوشته ای تهیشده و گوشتة غنی (تهینشده) زیراقیانوسی خاستگاه میگیرند)، بازالتهای منطقة گرمابدر باید از گوشتهای غنی (تهینشده) زیرقارهای و با درصد ذوببخشی کم خاستگاه گرفته باشد.
برای شناخت جایگاه زمینساختی پیدایش نمونههای گرمابدر نمودارهای گوناگونی بهکار برده شدند. برپایة این نمودارها، همة نمونهها در محدودة بازالتهای درونورقة قارهای جای میگیرند (شکلهای 9- A، 9- B، 9- C و 9- D). نسبت Zr/Sm در بازالتهای درونورقهای معمولاً از ۲۵ بیشتر است (Zhang et el., 2012). میانگین این نسبت در نمونههای بررسیشده برابربا 94/26 است و با مقدار یادشده همخوانی دارد (جدول 1).
شکل 9- جایگاه نمونههای آتشفشانی منطقة گرمابدر در نمودارهای متمایزکنندة محیطهای زمینساختی. A) نمودار سهتایی Ta- Th- Hf/3 برای تمایز بازالتها (Wood, 1980)؛ B) نمودار سهتایی Zr- Y*3- Ti/100 برای شناخت جایگاه زمینساختی پیدایش بازالتها (Pearce and Cann, 1973)؛ C) انواع بازالتها در نمودار Zr دربرابر Zr/Y (Pearce and Norry, 1979)؛ (D نمودار Ti/Y دربرابر Zr/Y (Pearce and Gale, 1977) برای شناخت بازالتهای درونورقهای از بازالتهای حاشیة ورقه (E- MORB: Enriched Mid Ocean Ridge Basalts; N- MORB: Normal Mid Ocean Ridge Basalts; OFB: Ocean Floor Basalts; LKT: Low K Tholeiitic Basalts; CAB:Calc- alkaline Basalts; WPA:Within Plate Alkali Basalts)
همانگونهکه پیشتر گفته شد، مرز میان سازند جیرود با سازند مبارک در اطراف دهکده جیرود در بخشهای دربندسر تا گرمابدر، با یک افق ضخیم بازالت تیره رنگ شناخته میشود که نشاندهندة مرز ناپیوسته دونین- کربونیفر در این منطقه است. این سنگها که بهصورت میانلایه برونزد دارند، از دیدگاه شیمیایی، در گروه بازالتهای آلکالن جای میگیرند. تمرکز عنصرهای کمیاب در این سنگها که در شکلهای 5- B. و 8- B نمایش داده شد، نشاندهندة نسبت بالای LREE/HREE و الگوی همانند بازالتهای OIB است. در شکل 8- A، شیب الگوی عنصرهای خاکی با مذابهای آلکالن خاستگاه گرفته از گوشتة تهینشده و کم و بیش ژرف همخوانی دارد (Zhou et al., 2009). نمودارهای تعیین جایگاه زمینساختی نیز با این نکته همخوانی دارند. شکل 8- B نشاندهندة خاستگاه گوشتهای غنی و نامرتبط با پهنة فرورانش برای نمونههای منطقة گرمابدر است. در شکل 8- A، نیز جایگاه درونورقهای این سنگها دیده میشود. ازاینرو، ماگماتیسم بازالتی دونین البرز مرکزی خاستگاه درونورقهای دارد و به سازوکار زمینساختی کششی وابسته است. چنین مذابهایی از ویژگیهای ماگماتیسم پالئوزوییک ایران هستند و بهصورت متناوب در زمانهای اردویسین- سیلورین، دونین و پرمین فوران کردهاند (Stampfli, 1978; Berberian and King, 1981). جنبشهای زمینساختی در پالئوزوییک موجب بیرونریختن ماگمای بازالتی شده است. بقایای فعالیتهای آتشفشانی اردویسین تا پرمین از بخشهای مختلف ایران، بهویژه شمال ایران، گزارش شدهاند و شامل جریانهای سیل، دایک و گدازه از آذربایجان (Alavi-Naini and Bolourchi, 1973)، البرز مرکزی (Assereto, 1963; Gaetani, 1965)، کوههای بینالود (Lammerer et al., 1984)، آقدربند (Ruttner, et al., 1991) و ایران مرکزی (Ruttner, et al., 1968)، بازالتهای سلطانمیدان (Derakhshi and Ghasemi, 2013)، رباط قرهبیل، جاجرم و اسفراین (Fathi, 1999)، شیرگشت (Derakhshi and Ghasemi, 2014)، سه کاشان (Ayati et al., 2010)، ترود (Houshmand-Zadeh et al., 1978)، جنوب بجنورد (Fathi, 1999)، جهق (Tabatabaimanesh et al., 2009)، جنوب بهاباد (Balaghi et al., 2010)، شمال شاهرود (Derakhshi and Ghasemi, 2014)، پل خاوند (Torabi and Hashemi, 2010)، سیاهبیشه (Delavari et al., 2016)، منطقة جلفا (Delavari et al., 2019)، جلالآباد کرمان (Vesali et al., 2018) میشود. بررسیهای Saccani و همکاران (2013) روی مجموعه میشو در شمالباختری تبریز نیز نشان دادند عملکرد پلوم گوشتهای در دونین پسین - کربونیفر پیشین فرایند کافتزایی قارهای و بازشدگی پالئوتتیس در شمالباختری ایران را در پی داشته است. Ghorbani (1995) ماگماتیسم منطقة خوشییلاق (پالئوزوییک پیشین) را پیامد فعالیتهای زیردریایی و گدازههای درونورقهای میداند که در پی بازشدن پالئوتتیس پدیدار شدهاند. Alavi (1996) برپایة تجزیههای سنگشناختی، ساختاری و چینهشناسی روی سنگهای رخنمونیافته در سیستم کوهزایی البرز در شمال ایران، جایگیری توالیهای ماگمایی دونین- کربونیفر روی توالیهای قدیمیتر را پیامد مراحل بازشدن و شکستهشدن پلتفرم پالئوزوییک آغازین و گسترش فلات قاره در دونین میداند.
Mehdizadeh Shahri (2008) گدازههای بازالتی سلطانمیدان و خوشییلاق به سن اردویسین (شمال و شمالخاوری ایران) را نشانهای از نیروهای کششی در پی کافتزایی پالئوتتیس و همچنین، صعود سستکره دانسته است. Babazadeh و همکاران (2011) زمینشیمی و زمینساخت منطقة خوشییلاق را نشاندهندة فعالیت یک کافت درونقارهای در زمان سیلورین- دونین دانستهاند. برپایة بررسیهای زمینشیمیایی، این مجموعه سرشت تولهایتی درونقارهای دارد و در پی ماگماتیسم کافت درونقارهای در زمان سیلورین- دونین پدید آمده است. Deyhimi (2012) ماگماتیسم بازالتی دونین در شمال شاهرود را بررسی کرده است و غنیشدگی از LREE، تهیشدگی نسبی از HREE و مقدار بالای P و Ti را پیامد سرشت آلکالن ماگمای سازندة این سنگها دانسته است. همچنین، در نمودارهای تمایز زمینساختی، این سنگها در محدودة بازالتهای درونورقهای جای میگیرند که با جایگاه سازند سلطانمیدان سازگار است. Ghasemi و Kazemi (2013) سازند ابرسج (اردوویسین بالایی) را بخشی از پهنة البرز در نظر میگیرند و برپایة بررسیهای زمینساختی و زمینشیمی، ماگمای سازندة آن را به محیط کافت درون قارهای نسبت میدهند. Derakhshi و Ghasemi (2013) کمپلکس سلطانمیدان (اردویسین بالایی- سیلورین) را با شکاف و فروپاشی حاشیه شمالی گندوانا و توسعة پالئوتتیس در شمال ایران مرتبط دانستهاند.
با این وصف دیده میشود برپایة آنچه پیشتر توضیح داده شد ماگماتیسم پالئوزوییک در بخشهای مختلف ایران (مانند البرز، ایران مرکزی و سنندج- سیرجان) در زمانهای مختلفی روی داده است و همة آنها با جایگاه زمینساختی کششی یا درونورقة قارهای تحلیل شدهاند. ماگماتیسم دونین جیرود که موضوع این پژوهش است نیز برپایة دادههای زمینشیمیایی عنصرهای اصلی و کمیاب که به آن پرداخته شد از این داستان مستثنی نیستند و با سناریوی ماگماتیسم آلکالن درونورقهای سازگاری دارد. فاز کششی دونین- کربونیفر نه تنها در البرز مرکزی بلکه در مناطق دیگری مانند شمال قزوین، سازند خوشییلاق در جاجرم، کوههای تالش در البرز باختری و منطقة انارک در ایران مرکزی توأم با رخداد سنگهای آتشفشانی آلکالن بازیک بوده است (Berberian and King, 1981). ازآنجاییکه بخشهای گوناگون ایران (مانند بلوکهای قارهای البرز، ایران مرکزی و سنندج- سیرجان) در زمان پالئوزوییک و پیش از پیدایش اقیانوس نئوتتیس، همگی در حاشیة شمالی گندوانا قرار داشتهاند (Stampfli and Borel, 2002)، پس همسانی ماگماتیسم در آنها که در واقع پیامد شباهت جایگاه زمینساختی و پیدایش مذاب است، پدیدهای مورد انتظار است. ازاینرو، بررسی بازالتهای دونین منطقة جیرود در تأیید یافتههای بررسیهای پیشین دربارة ماگماتیسم پالئوزوییک که شرح آنها در بالا مرور شد نشان میدهد وضعیت جغرافیای دیرینة حاشیة شمالی گندوانا بهصورت یک حاشیة غیرفعال بوده است. در پالئوزوییک پایانی (پرمین)، جداشدن سرزمینهای سیمرین (مانند بلوکهای قارهای البرز، سنندج- سیرجان و ایران مرکزی) از حاشیة شمالی گنداوانا، پیدایش حوضة اقیانوسی جدیدی (نئوتتیس) را در پی داشته است (Berra and Angiolini, 2014). از فرایندهای محتمل پیدایش این حوضة جدید اقیانوسی، کشش سنگکرهای در بالای پهنة فرورانش با فرض سمت و سوی فرورانش پالئوتتیس به زیر حاشیه شمالی گندواناست. با وجود این، دادههای شیمیایی ماگماتیسم پالئوزوییک پسین در بخشهای گوناگون ایران مانند البرز (Delavari et al. 2016) یا سنندج- سیرجان (Alirezaei and Hassanzadeh, 2012) نیز با رویداد فرورانش پالئوتتیس به زیر حاشیة شمالی گندوانا مخالف هستند و نشان میدهند شرایط زمینساخت کششی حاشیة غیرفعال تا پایان پالئوزوییک تداوم داشته است.
برداشت
ماگماتیســم دونین پســین البــرز مرکــزی در محدودة گرمابدر بهصورت یک افق بازالتی از سازند جیرود رخنمون دارد. از دیدگاه سنگنگاری، این واحد از روانههای بازالت، تراکیبازالت و تراکیآندزیت و دیاباز با بافت افیتیک و سابافیتیک بهشکل دایکهای تغذیهکننده ساخته شده است. میکروفنوکریستهای پلاژیوکلاز، الیوین، کلینوپیروکسن و سانیدین کانیهای اصلی سازندة این سنگها هستند. از دیدگاه زمینشـــیمیایی، سرشـــت این سنگها، آلکــالن ســدیک و الگـــوی عنصرهای خاکی کمیاب بهنجارشــدة آنها بــه ترکیــب کنــدریت و نیــز نمودارهــای چندعنصــری بهنجارشــده بـه ترکیـب گوشتة اولیه بـا مـذابهای برخاسته از خاســتگاه OIB بســیار هماننــد است. در نمودارهای تمایز زمینساختی، این سنگها در گسترة ترکیبی بازالتهای درونورقة قارهای جای میگیرند که رژیم زمینساختی کششی درونقارهای یا فعالیت پلوم گوشتهای در زمان دونین- کربونیفر در پهنة البرز مرکزی (که حاشیهای غیرفعال در امتداد مرز جنوبی پالئوتتیس بوده است) را نشان میدهد.