نوع مقاله : مقاله پژوهشی
نویسندگان
گروه زمینشناسی، دانشکده علوم، دانشگاه زنجان، زنجان، ایران
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عنوان مقاله [English]
نویسندگان [English]
Khanchay-Aliabad area as a part of Tarom magmatic belt contains some shallow depth intrusions which are intruded the Eocene volcanic- sedimentary rocks and have very close association with Cu mineralization. The Eocene volcanic- sedimentary rocks include alternation of basalt, basaltic andesite and andesite, various kinds of tuff, tuffaceous sandstone, sandstone, siltstone and occasionally shale. Petrographical studies demonstrate that intrusions are pyroxene quartz monzonite and olivine gabbro in composition. The Khanchay pyroxene quartz monzonite have porphyritic to porphyroidic, hetero-granular to sereitic, ophitic and sub- ophitic textures and composed of plagioclase, clinopyroxene, hornblende, quartz, K-feldspar and biotite. The Aliabad pyroxene quartz monzonite shows porphyritic to porphyroidic textures composing of plagioclase, clinopyroxene and hornblende in the quartz- feldspatic matrix. The Khanchay olivine gabbro is characterized by the presence of coarse grained granular, ophitic and sub- ophitic textures as well as the occurrence of plagioclase, clinopyroxene and olivine. Geochemical studies indicate that the Khanchay- Aliabad pyroxene quartz monzonitic intrusions have SiO2 content varying from 59.58 to 61.34 %. These intrusions have high- K calc- alkaline nature and are classified as I-type metaluminous granitoids. Their similar patterns on spider diagrams are indication of genetic relation of these intrusions. On these diagrams LILEs (Ba, K, Th and Pb) enrichment along with negative anomalies of HFSEs (Nb and Ti) are observed. Moreover, the Chondrite normalized REE patterns demonstrate LREE enrichment with high ratio of LREE/HREE and Lan/Ybn ratio ranging from 3.08 to 3.72. The overall field investigation, petrological and geochemical studies as well as tectonic setting discrimination diagrams confirm that the Khanchay- Aliabad high-K intrusions were formed from a subduction related metasomatized lithospheric mantle in a post- collisional setting.
کلیدواژهها [English]
منطقه خانچای- علیآباد در 30 کیلومتری خاور زنجان بوده و بخشی از پهنه البرز- آذربایجان (Nabavi, 1976) در زیرپهنه طارم- هشتجین (Hajalilou, 1999; Aghanabati, 2004; Ghorbani, 2013) است. همانند بسیاری از بخشهای پهنه البرز- آذربایجان، در این منطقه نیز در پی عملکرد فاز کوهزایی آلپی، سنگهای آذرین بیرونی، نیمهنفوذی و نفوذی فراوانی از ائوسن تا الیگوسن پدید آمدهاند که ارتباط فضایی و مکانی نزدیکی با کانهزاییهای فلزی آهن، مس و طلا دارند. تا کنون بررسیهای فراوانی روی کانهزاییهای فلزی در بخشهای گوناگون زیرپهنه طارم- هشتجین و نیز روی سنگهای آتشفشانی این زیرپهنه در برخی بخشها انجام شده است (Rahmani et al., 2004; Mehrabi et al., 2009; Khanmohammadi et al., 2010; Bazargani Guilani and Parchekani, 2010; Ghasemi Syani, 2014; Nabatian et al., 2014a; Hosseinzadeh et al., 2015; Esmaeli et al., 2015; Sadri Esfanjani et al., 2015; Atashnama, 2016; Hosseinzadeh et al., 2016; Mehrabi et al., 2016)؛ اما تودههای نفوذی آن کمتر بررسی شدهاند. بررسیهای اندک انجامشده روی تودههای نفوذی (Moayyed, 2001; Naderi, 2011; Nazari Nia et al., 2014; Nabatian et al., 2014b; Aghazadeh et al., 2015) نیز بیشتر به بررسیهای سنگشناسی و زمینشیمیایی تودههای گرانیتوییدی بزرگ همراه با کانهزاییهای آهن در این زیرپهنه پرداختهاند؛ اما به تودههای نفوذی کوچک که همراهی نزدیکی با کانهزاییهای مس دارند، توجه نکردهاند.
در پیرامون روستاهای خانچای و علیآباد، رخنمونهای کوچکی از تودههای نیمهنفوذی با ترکیب کانیشناسی پیروکسنکوارتزمونزونیت و الیوینگابرو دیده میشوند. با اینکه این تودهها و کانهزایی مس منطقه ارتباط فضایی نزدیکی دارند، اما تا کنون بررسی علمی دقیقی روی ویژگیهای زمینشیمیایی و سنگشناسی آنها انجام نشده است. ازاینرو، در این نوشتار، ویژگیهای سنگشناختی، زمینشیمیایی و پهنه زمینساختیِ پیدایش ماگمای سازندة تودههای نفوذی منطقه خانچای- علیآباد بررسی شدهاند. این بررسیها در شناسایی ارتباط کانهزاییهای مس منطقه با تودههای نفوذی اهمیت دارد. گفتنی است که تهیه نقشههای زمینشناسی مقیاس 1:250000 زنجان (Stöcklin and Eftekharnezhad, 1969) و 1:100000 طارم (Amini, 2000) و همچنین، فعالیتهای اکتشافی و پژوهشی (Kouhestani and Mokhtari, 2013; Saiedi, 2014; Mokhtari et al., 2016) روی کانیسازی مس در این منطقه از بررسیهای پیشین در این منطقه هستند.
روش انجام پژوهش
این پژوهش شامل دو بخش است: بررسیهای صحرایی و بررسیهای آزمایشگاهی. بررسیهای صحرایی دربرگیرندة شناسایی فازهای مختلف تودههای نفوذی منطقه خانچای- علیآباد، وابستگی آنها با یکدیگر و نمونهگیری از آنها برای بررسیهای آزمایشگاهی بوده است. در این راستا، افزونبر انجام بررسیهای صحرایی و تهیه نقشه زمینشناسی با مقیاس 1:10000، بیش از 50 نمونه برداشت شد و از میان آنها شمار 32 مقطع نازک برای بررسیهای سنگشناختی تهیه شد. پس از بررسیهای میکروسکوپی، شمار 12 نمونه از سالمترین نمونههای مربوط به فازهای مختلف تودههای نفوذی برگزیده و برای ارزیابی مقدار عنصرهای اصلی، کمیاب و خاکی کمیاب به روشهای XRF و ICP-MS در شرکت کیمیا پژوه البرز اصفهان، فرستاده شدند (جدول 1).
جدول 1 - دادههای تجزیه شیمیایی عنصرهای اصلی (برپایه درصد وزنی)، کمیاب و خاکی کمیاب (برپایه گرم در تن) در نمونههای منطقه خانچای- علیآباد (خاور زنجان) (نمونههای A.36، A.36a و A.37 از منطقه علیآباد و نمونههای دیگر از منطقه خانچای برداشت شدهاند) (QMz: کوارتز مونزوگابرو؛ Ogb: الیوین گابرو)
Sample No. |
A3 QMz |
A5 QMz |
A-36a QMz |
A13 QMz |
A18 QMz |
A20 QMz |
A22 QMz |
A36 QMz |
A-37 QMz |
A-21 QMz |
A-13a Ogb |
A-13b Ogb |
SiO2 |
59.6 |
61.34 |
59.37 |
61.28 |
61.2 |
61.07 |
59.58 |
61.22 |
60.27 |
59.48 |
48.49 |
48.82 |
TiO2 |
1.01 |
0.84 |
0.79 |
0.92 |
1.02 |
0.91 |
1.08 |
0.86 |
0.92 |
0.74 |
1.05 |
1.02 |
Al2O3 |
15.5 |
15.30 |
16.60 |
15.74 |
15.48 |
14.2 |
16.5 |
16.4 |
15.27 |
16.75 |
16.67 |
16.98 |
Fe2O3t |
6.80 |
6.62 |
7.44 |
7.21 |
6.35 |
7.24 |
7.21 |
6.54 |
6.36 |
6.61 |
11.80 |
11.53 |
MgO |
3.68 |
3.72 |
3.30 |
3.51 |
3.77 |
3.23 |
3.15 |
3.65 |
3.48 |
3.89 |
5.77 |
5.71 |
CaO |
4.79 |
4.43 |
5.19 |
3.87 |
3.43 |
4.30 |
4.01 |
4.32 |
4.83 |
4.13 |
9.74 |
9.11 |
Na2O |
4.56 |
4.29 |
4.27 |
4.36 |
4.74 |
5.45 |
4.96 |
4.95 |
4.17 |
4.39 |
3.27 |
3.33 |
K2O |
2.24 |
1.64 |
2.10 |
2.14 |
2.15 |
2.63 |
1.96 |
1.56 |
2.35 |
2.18 |
1.78 |
1.68 |
MnO |
0.19 |
0.09 |
0.18 |
0.12 |
0.20 |
0.11 |
0.13 |
0.08 |
0.16 |
0.17 |
0.21 |
0.24 |
P2O5 |
0.27 |
0.18 |
0.29 |
0.15 |
0.33 |
0.32 |
0.49 |
0.19 |
0.32 |
0.28 |
0.36 |
0.33 |
LOI |
0.62 |
0.76 |
0.40 |
0.68 |
0.53 |
0.53 |
0.14 |
0.13 |
0.57 |
0.65 |
0.56 |
0.89 |
Total |
99.26 |
99.21 |
99.92 |
99.98 |
99.2 |
99.99 |
99.21 |
99.9 |
98.69 |
99.26 |
99.70 |
99.64 |
Ba |
336.48 |
398.76 |
412 |
438.2 |
456.7 |
435.48 |
398.4 |
532.7 |
496 |
441 |
360 |
339 |
Rb |
146.4 |
165.4 |
156.2 |
136.7 |
112.4 |
106.4 |
118.8 |
171.2 |
120.2 |
117.9 |
76.9 |
68.0 |
Sr |
164.8 |
173.7 |
180.0 |
183.22 |
181.86 |
166.25 |
163.28 |
176.8 |
177.0 |
202.0 |
339.0 |
351.0 |
Y |
33.8 |
34.79 |
34.90 |
33.13 |
34.19 |
31.24 |
32.34 |
34.93 |
33.00 |
33.90 |
20.70 |
19.30 |
Zr |
135 |
132 |
144.0 |
113 |
108 |
121 |
107 |
114 |
123.0 |
100.0 |
67.0 |
66.0 |
Hf |
3.15 |
2.69 |
2.77 |
3.67 |
3.79 |
3.69 |
3.01 |
3.84 |
3.59 |
3.68 |
1.64 |
1.60 |
Nb |
15.23 |
15.9 |
15.40 |
10.18 |
16.23 |
12.37 |
11.47 |
16.3 |
16.30 |
14.90 |
4.20 |
3.90 |
Ta |
0.54 |
0.65 |
0.61 |
0.54 |
0.58 |
0.62 |
0.68 |
0.61 |
0.57 |
0.59 |
0.22 |
0.21 |
Th |
7.64 |
8.67 |
8.12 |
8.86 |
5.97 |
7.47 |
6.12 |
9.48 |
6.41 |
7.61 |
3.73 |
3.65 |
Pb |
6.95 |
7.33 |
6.30 |
7.73 |
7.67 |
7.01 |
6.89 |
9.14 |
10.47 |
8.69 |
4.92 |
4.79 |
Ga |
14.36 |
13.64 |
7.89 |
9.34 |
12.11 |
13.64 |
14.38 |
18.80 |
17.70 |
13.20 |
17.90 |
16.60 |
Zn |
14.35 |
15.12 |
17.0 |
15.95 |
15.84 |
14.48 |
14.22 |
16.23 |
15.2 |
14.6 |
12.2 |
13.1 |
Cu |
65.34 |
68.87 |
69.31 |
72.64 |
72.11 |
65.91 |
64.74 |
56.4 |
103.80 |
61.19 |
90.14 |
115.50 |
Ni |
14.35 |
15.12 |
14.85 |
15.95 |
15.84 |
14.48 |
14.22 |
16.8 |
14.93 |
15.80 |
21.68 |
21.87 |
V |
198.6 |
209.32 |
163.2 |
220.8 |
219.16 |
200.35 |
138.4 |
264 |
226.5 |
235.5 |
288.2 |
250.2 |
Cr |
41.35 |
43.58 |
46.0 |
45.97 |
68.23 |
64.23 |
59.43 |
43.8 |
56.0 |
54.0 |
64.0 |
73.0 |
Co |
18.63 |
19.64 |
18.20 |
20.71 |
26.34 |
29.64 |
27.43 |
36.45 |
25.70 |
22.90 |
25.90 |
28.70 |
Sc |
27.84 |
29.34 |
26.2 |
30.95 |
30.72 |
28.08 |
27.58 |
30.8 |
27.0 |
22.9 |
31.3 |
27.7 |
La |
16.64 |
17.48 |
17.10 |
18.39 |
15.79 |
17.47 |
16.48 |
18.69 |
17.60 |
18.60 |
12.60 |
12.30 |
Ce |
32.84 |
34.56 |
34.20 |
33.48 |
27.18 |
26.64 |
28.64 |
35.64 |
36.70 |
33.80 |
27.90 |
26.70 |
Pr |
4.46 |
4.42 |
4.25 |
4.56 |
3.27 |
3.42 |
3.17 |
4.23 |
4.56 |
5.18 |
3.73 |
3.56 |
Nd |
18.36 |
19.35 |
20.45 |
20.41 |
16.87 |
15.34 |
15.48 |
18.76 |
19.40 |
20.85 |
16.69 |
15.75 |
Sm |
6.24 |
5.98 |
5.71 |
5.98 |
6.47 |
6.56 |
5.57 |
6.48 |
4.45 |
5.40 |
3.96 |
3.74 |
Eu |
1.32 |
1.24 |
1.21 |
1.08 |
1.31 |
1.29 |
1.39 |
1.34 |
1.34 |
1.28 |
1.29 |
1.28 |
Gd |
5.65 |
5.9 |
5.50 |
6.17 |
6.37 |
5.65 |
6.48 |
6.68 |
5.40 |
6.38 |
4.07 |
3.83 |
Tb |
1.07 |
1.11 |
1.20 |
1.2 |
1.1 |
0.98 |
1.1 |
0.89 |
0.98 |
1.10 |
0.62 |
0.58 |
Dy |
6.22 |
6.34 |
6.12 |
6.64 |
6.45 |
6.23 |
6.54 |
6.36 |
6.04 |
6.01 |
3.70 |
3.42 |
Ho |
1.6 |
1.53 |
1.45 |
1.55 |
1.65 |
1.7 |
1.64 |
1.46 |
1.25 |
1.81 |
0.73 |
0.69 |
Er |
3.23 |
3.06 |
3.49 |
3.97 |
3.34 |
3.96 |
3.98 |
3.96 |
3.32 |
3.38 |
2.05 |
1.94 |
Tm |
0.49 |
0.52 |
0.39 |
0.56 |
0.54 |
0.52 |
0.51 |
0.53 |
0.35 |
0.56 |
0.30 |
0.28 |
Yb |
3.67 |
3.48 |
3.50 |
3.64 |
3.47 |
3.78 |
3.48 |
3.56 |
3.21 |
3.41 |
1.89 |
1.79 |
Lu |
0.52 |
0.64 |
0.49 |
0.63 |
0.56 |
0.54 |
0.58 |
0.55 |
0.53 |
0.57 |
0.29 |
0.27 |
Zr/Nb |
8.86 |
8.30 |
9.35 |
11.10 |
6.65 |
9.78 |
9.33 |
6.99 |
7.55 |
6.71 |
15.95 |
16.92 |
Th/Nb |
0.50 |
0.55 |
0.53 |
0.87 |
0.37 |
0.60 |
0.53 |
0.58 |
0.39 |
0.51 |
0.89 |
0.94 |
Ba/Nb |
22.09 |
25.08 |
26.75 |
43.05 |
28.14 |
35.20 |
34.73 |
32.68 |
30.43 |
29.60 |
85.71 |
86.92 |
La/Nb |
1.09 |
1.10 |
1.11 |
1.81 |
0.97 |
1.41 |
1.44 |
1.15 |
1.08 |
1.25 |
3.00 |
3.15 |
Th/Ta |
14.15 |
13.34 |
13.27 |
16.41 |
10.29 |
12.05 |
9.00 |
15.54 |
11.25 |
12.99 |
17.07 |
17.38 |
Nb/Y |
0.45 |
0.46 |
0.44 |
0.31 |
0.47 |
0.40 |
0.35 |
0.47 |
0.49 |
0.44 |
0.20 |
0.20 |
Nb/Zr |
0.11 |
0.12 |
0.11 |
0.09 |
0.15 |
0.10 |
0.11 |
0.14 |
0.13 |
0.15 |
0.06 |
0.06 |
Ba/La |
20.22 |
22.81 |
24.09 |
23.83 |
28.92 |
24.93 |
24.17 |
28.50 |
28.18 |
23.71 |
28.57 |
27.56 |
Sr/Y |
4.88 |
4.99 |
5.16 |
5.53 |
5.32 |
5.32 |
5.05 |
5.06 |
5.36 |
5.96 |
16.38 |
18.19 |
Th/La |
0.46 |
0.50 |
0.47 |
0.48 |
0.38 |
0.43 |
0.37 |
0.51 |
0.36 |
0.41 |
0.30 |
0.30 |
Ba/Th |
44.04 |
45.99 |
50.74 |
49.46 |
76.50 |
58.30 |
65.10 |
56.19 |
77.38 |
57.95 |
96.51 |
92.88 |
Lan/Ybn |
3.08 |
3.41 |
3.32 |
3.43 |
3.09 |
3.14 |
3.22 |
3.57 |
3.72 |
3.71 |
4.53 |
4.67 |
Eu/Eu* |
0.66 |
0.63 |
0.65 |
0.54 |
0.61 |
0.63 |
0.70 |
0.61 |
0.83 |
0.66 |
0.97 |
1.02 |
A/NK |
1.61 |
1.53 |
1.78 |
1.68 |
1.52 |
1.39 |
1.68 |
1.64 |
1.57 |
1.78 |
---- |
---- |
A/CNK |
0.936 |
0.90 |
0.90 |
0.927 |
0.945 |
0.863 |
0.954 |
0.871 |
0.832 |
0.882 |
---- |
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زمینشناسی
منطقه خانچای- علیآباد بخش کوچکی از برگة زمینشناسی 1:100000 طارم (Amini, 2000) است. برپایه نقشه یادشده و بررسیهای صحرایی انجامشده، واحدهای سنگی رخنمونیافته در این منطقه شامل مجموعهای از سنگهای آتشفشانی و آتشفشانی- رسوبی ائوسن هستند که با تودههای نفوذی الیگوسن (با ترکیب کلی کوارتزمونزونیتی) قطع شدهاند. بررسیهای Nabatian و همکاران (b2014) نشاندهنده اینست که تودههای نفوذی منطقه سرخهدیزج- مراورید- ذاکر- زنجان در جنوب منطقه بررسیشده، به سن ائوسن بالایی هستند و دامنه سنی آنها 5/42- 4/37 میلیون سال پیش است. سنگهای آتشفشانی- رسوبی ائوسن در منطقه طارم همارز بخشهای جوانتر سازند کرج برشمرده میشوند و به دو عضو کردکند و آمند ردهبندی شدهاند (Hirayama et al., 1966). برپایه این ردهبندی، بیشتر واحدهای سنگی منطقه بررسیشده بخشی از عضو کردکند هستند. برپایه نقشه زمینشناسی 1:10000 منطقه (شکل 1)، این واحدها دربرگیرندة تناوبی از گدازههای بازالتی، آندزیتبازالتی و آندزیت و واحدهای توفی به سن ائوسن، همراه با تودههای نفوذی با ترکیب پیروکسنکوارتزمونزونیتی و الیوینگابرویی هستند.
شکل 1 - نقشه زمینشناسی مقیاس 1:10000تهیهشده از منطقه خانچای- علیآباد (خاور زنجان)
واحد Ekv1: این واحد دربرگیرندة گدازههای آندزیتی خاکستری تا صورتیرنگ است که بهطور همشیب با واحد توفی Ekt1 پوشیده شدهاند (شکل 2-A) و در نزدیکی روستای خانچای، توده نفوذی پیروکسنکوارتزمونزونیتی آنها را مورد هجوم قرار داده است. این گدازهها بافت پورفیری با درشتبلورهای شکلدار پلاژیوکلاز (گاهی تا اندازه 1 سانتیمتر) در زمینهای دانهریز دارند. در برخی بخشها، رگههای کوارتزی باریک این سنگها را قطع کردهاند که گاه با کانیسازی مس همراه هستند.
واحد Ekt1: این واحد گستردهترین واحد سنگیِ منطقه بوده که دربرگیرندة تناوبی از لایههای نازک تا متوسط توف، توف ماسهای، ماسهسنگ توفی، ماسهسنگ و سیلتسنگ به رنگ خاکستری تیره تا مایل به بنفش است. در بخش قاعدهای آن، لایههای شیل و سیلتسنگ خاکستریرنگ رخنمون دارند. واحد Ekt1 بهصورت همشیب روی واحد گدازه آندزیتی Ekv1 جای دارد و خود بهصورت همشیب با واحد توفی روشنرنگ Ekt2 پوشیده میشود (شکلهای 2- A و 2- B). روند عمومی لایههای این واحد شمالباختری- جنوبخاوری (با شیب 15 تا 25 درجه بهسوی جنوبباختری) است. در بخشهای بالایی این واحد، میانلایههایی از گدازههای بازالتی تیرهرنگ (واحد Ekv2) رخنمون دارند. واحد Ekt1 دچار هجوم و نفوذ توده پیروکسنکوارتزمونزونیتی شده است و هاله دگرگونی همبری ضعیفی در پیرامون آن پدید آمده است. ستبرای هاله دگرگونی تا 50 متر میرسد. بررسیهای میکروسکوپی نشان میدهد درجه دگرگونی تا رخساره آلبیت- اپیدوت هورنفلس بوده است. در حاشیه باختری رودخانه دستجردهچای، کانیسازی مس در این واحد بهصورت رگه و رگچهای رخ داده است (Mokhtari et al., 2016).
شکل 2- A) نمایی از توالی واحدهای Ekv1، Ekt1، Ekt2 و Ekvt3 بهصورت همشیب (دید رو به شمالباختری). در نمای نزدیک، توده پیروکسنکوارتزمونزونیت (QMz) خانچای (خاور زنجان) دیده میشود؛ B) نمایی از واحد Ekt2 با رنگ روشن در میان واحد توفی Ekt1 و واحد گدازهای Ekvt3 (دید رو به جنوبخاوری) (نفوذ توده پیروکسنکوارتزمونزونیتی (QMz) خانچای درون واحد توفی Ekt1 دیده میشود
واحد Ekt2: این واحد دربرگیرندة توف بِرش، توف پامیسی و توف جوشخورده در بخش زیرین و لیتیکتوف، کریستالتوف و خاکستر توف در بخش بالایی است. ازآنجاییکه واحد Ekt2 رنگ روشنتر از واحدهای کناری، ترکیب اسیدی، گسترش بسیار و ستبرای کم (تا 20 متر) دارد، لایهای راهنما در منطقه خانچای- علیآباد و بخشهای نزدیک آن بهشمار میرود. این واحد لایهبندی متوسط تا ستبری دارد. بهصورت همشیب روی واحد Ekt1 جای دارد و با واحد گدازهای- توفی Ekvt3 پوشیده شده است (شکلهای 2- A و 2- B).
واحد Ekvt3: این واحد دربرگیرندة تناوبی از گدازههای آندزیتی و آندزیتبازالتی و توفهای حد واسط، به رنگ سبز تا خاکستری مایل به قهوهای با میانلایههایی از ماسهسنگ، سیلتسنگ و گلسنگ است. واحد Ekvt3 بهصورت همشیب روی واحد Ekt2 جای دارد (شکل 2-A و 2-B) و خود با واحد توفی- ماسهسنگی Ekt3 بهصورت همشیب پوشیده شده است.
واحد Ekt3: این واحد از تناوب لایههای متوسط تا ستبر ماسهسنگ، سیلتسنگ، ماسهسنگ توفی، توف ماسهای، توف و گاه شیل به رنگ خاکستری تیره تا خاکستری مایل به سبز ساخته شده است. دنبالة باختری این واحد در جنوبباختری روستای علیآباد دچار نفوذ توده نفوذی پیروکسنکوارتزمونزونیتی شده است (شکل 3) و در پی آن دگرسانی و پیدایش کانیسازی مس علیآباد در این واحد روی داده است.
واحد Ekvt4: رخنمون این واحد در گوشه جنوبباختری منطقه بررسیشده با ماسهسنگ و توف در بخشهای زیرین آغاز و بهسوی بالا، با انواع گدازهها (مانند: آندزیت، آندزیتبازالتی و بازالت) جایگزین میشود. در گدازههای این واحد، گدازههای الیوینبازالتی نیز دیده میشوند. بهسوی بالا، توف جوشخورده همراه با میانلایه گدازه آندزیتی دیده میشود. ستبرای این واحد با توجه به پیچیدگیهای ساختمانی آن نزدیک به 300-200 متر برآورد شده است (Amini, 2000).
شکل 3- نمایی از نفوذ توده پیروکسنکوارتزمونزونیتی (QMz) علیآباد (خاور زنجان) درون واحدهای Ekvt3 و رویداد دگرسانیهای آرژیلی و سریسیتی (رنگ روشن) در پیرامون آن (دید رو به شمالباختر)
تودههای نفوذی (QMz): این تودهها که در پیرامون روستاهای خانچای و علیآباد رخنمون دارند، در حقیقت، تودههای نیمهعمیق، با ترکیب کانیشناسیِ پیروکسنکوارتزمونزونیتی و الیوینگابرویی هستند. تودههای نفوذی یادشده در دو بخش خانچای و علیآباد دیده میشوند. توده نفوذی خانچای در دو سوی جاده طارم رخنمون دارد و درون واحد توفی Ekt1 نفوذ کرده است (شکل 4). این توده ترکیب پیروکسنکوارتزمونزونیتی دارد. این توده در بخشهای کمارتفاع و دامنههای حاشیه آبراههها، ترکیب مافیکتری در مقایسه با بخشهای مرتفع و قله دارد. همچنین، نمونههای ترازهای ارتفاعی پایین، دانهدرشتتر هستند و بهسوی بالا، با سنگهای دانهریزتر جایگزین میشوند. نفوذ آنها درون واحدهای آذرآواری ائوسن، دگرسانی و حتی دگرگونی همبریِ ضعیف (هورنفلسیشدن) را در پی داشته است. از ویژگیهای آشکار این توده، شکستگیهای موازی هم و پیدایش رخنمونی لایهلایه (شکستگیهای دیاکلازی) در بخشهای دامنهای است که در هنگام سردشدن توده و انقباض آن پدید آمده است. یک سری انکلاوهای میکروگرانولار مافیک در بخشهای گوناگون این توده دیده میشوند.
توده نفوذی علیآباد نیز ترکیب پیروکسنکوارتزمونزونیتی دارد و در جنوبباختری روستای علیآباد موسوی جای دارد. این توده درون واحد Ekt3 نفوذ کرده است. در محل همبری با سنگهای میزبان، آنها را دچار دگرسانی آرژیلی و سریسیتی کرده است (شکل 3). این سنگها بافت پورفیری مشخصی در مقیاس نمونه دستی دارند. برپایه بررسیهای صحرایی، همانند توده نفوذی خانچای، این توده نیز از دیدگاه کانیشناسی، بافتی و رنگی تغییر آشکاری از سوی حاشیه به درون توده نشان میدهد. به این مفهوم که حاشیه توده تمرکز بالاتری از کانیهای مافیک دارد، ابعاد بلورها کوچکتر و رنگ عمومی سنگ خاکستری تیره است؛ اما بهسوی بخشهای مرکزی توده، تمرکز کانیهای مافیک کمتر، ابعاد بلورها درشتتر و سنگ به رنگ خاکستری تا خاکستری روشن دیده میشود.
شکل 4- نمایی از نفوذ توده پیروکسنکوارتزمونزونیتی (QMz) خانچای (خاور زنجان) درون واحد Ekt1 که هاله دگرگونی همبری (هورنفلسی) را در امتداد حاشیه پدید آورده است (دید رو به جنوبخاوری) (بخش هورنفلسی ریختشناسی صخرهساز دارد)
توده الیوینگابروی خانچای بهصورت رخنمونی کوچک با بافت دانهدرشت در نزدیکی روستای خانچای و در بُرش جاده رخنمون دارد. این توده با آپوفیزهای توده پیروکسنکوارتزمونزونیتی خانچای قطع شده است (شکل 5). پس از این فرایند، بخشهایی از توده الیوینگابرویی دچار دگرسانی آرژیلی و کلریتی شدهاند که در رخنمونهای سطحی با رنگ روشنتر شناسایی میشوند. بررسیهای صحرایی نشان میدهند خود این توده درون گدازههای آندزیتی و واحدهای آتشفشانی- رسوبی ائوسن نفوذ کرده است.
شکل 5- نمایی از رخنمون توده الیوینگابرویی (Ol-gb) (خاور زنجان) که با آپوفیزهای توده پیروکسنکوارتزمونزونیتی (QMz) قطع شده است (دید رو به باختر)
افزونبر واحدهای یادشده، درون واحدهای آتشفشانی- رسوبی منطقه، بهویژه درون واحد توفی Ekt1، دایکهایی از آندزیت- تراکیآندزیت و بازالت با بافت پورفیری دیده میشوند. این دایکها بهرنگ عمومی خاکستری روشن تا مایل به سبز، با ستبرای حداکثر 10 متر هستند و در راستای غالب شمال و شمالباختری- جنوب و جنوبخاوری دیده میشوند. بهسوی توده نفوذی، دایکها درون توده نفوذی پیروکسنکوارتزمونزونیتی یافت نمیشوند. این نکته نشاندهنده سن نسبی جوانتر تودههای نفوذی در مقایسه با دایکهاست.
سنگشناسی تودههای نفوذی
1- توده پیروکسنکوارتزمونزونیت خانچای
توده پیروکسنکوارتزمونزونیت خانچای در نمونه دستی دارای بافت گرانولار تا میکروگرانولار بوده و متشکل از کانیهای فلدسپار و مافیک است. برپایه بررسیهای سنگشناسی، این توده دارای بافتهای پورفیری تا پورفیروییدی، هتروگرانولار تا سریایتی، افیتیک، سابافیتیک و غربالی است (شکلهای 6- A و 6- B). کانیهای اصلی سازنده این توده شامل پلاژیوکلاز، کلینوپیروکسن، آمفیبول (هورنبلند)، کوارتز، آلکالی فلدسپار (ارتوز) و بیوتیت است. کانیهای کدر و آپاتیت از کانیهای فرعی و سریسیت، کلریت، کلسیت و اپیدوت از کانیهای ثانویه در این سنگها حضور دارند. شماری از بلورهای پلاژیوکلاز، درشتتر و در زمینه دانهریزتر سنگ پراکنده هستند و بافت پورفیروییدی را پدید آوردهاند. بیشتر بلورهای درشت پلاژیوکلاز، منطقهبندی نشان میدهند. این نکته چهبسا نشاندهنده شرایط نبود تعادل فیزیکی (فشار و دما) و یا شیمیایی حاکم بر آشیانه ماگمایی باشد (Stormer, 1972; Tsuchiyama, 1985). گاه میانبارهایی از پیروکسن نیز در پلاژیوکلازها دیده میشود. برخی بلورهای پلاژیوکلاز بافت غربالی دارند (شکل 6- A). بلورهای درشت پلاژیوکلاز (تا 6 میلیمتر) معمولاً با شدتهای متفاوت سریسیتی و سوسوریتی (سریسیت، کلسیت، کلریت، اپیدوت و اورالیت) شدهاند؛ هرچند بیشتر بلورهای ریزتر پلاژیوکلاز در زمینه، سالم هستند. کلینوپیروکسنها بهصورت بلورهای شکلدار تا نیمهشکلداری دیده میشوند که درازای آنها گاه به 4 میلیمتر نیز میرسد. بیشتر این کانیها سالم بوده و گاه به درجههای متفاوتی به کلسیت، کلریت، اورالیت و کانیهای کدر دگرسان شدهاند. آمفیبولهای اولیه از نوع هورنبلند هستند و فراوانی کمتری در مقایسه با پیروکسنها دارند. این کانیها بهشدت به کلسیت یا کلریت دگرسان شدهاند. بیوتیتهای ورقهای شکلدار بهصورت اولیه در کنار کانیهای اصلی دیگر دیده میشوند و گاه به کلریت دگرسان شدهاند. کوارتز و آلکالیفلدسپار بهصورت بلورهای کوچک بیشکل در میان کانیهای دیگر دیده میشوند و فراوانی هر یک از آنها حداکثر به 10 درصد میرسد.
2- پیروکسنکوارتزمونزونیت علیآباد
بررسیهای میکروسکوپی نشان میدهند این توده نیز ترکیب پیروکسنکوارتزمونزونیتی دارد. در بررسیهای ماکروسکوپی، درشتبلورهای پلاژیوکلاز در زمینه دانهریز به رنگ خاکستری تیره دیده میشوند. در مقطعهای میکروسکوپی، بافت این توده پورفیری تا پورفیروییدی با درشتبلورهایی از پلاژیوکلاز، کلینوپیروکسن و آمفیبول (هورنبلند) است (شکلهای 6- C و 6- D).
شکل 6 – تصویرهای میکروسکوپی از تودههای نفوذی منطقه خانچای- علیآباد (خاور زنجان) در XPL. A) بافتهای پورفیروییدی و غربالی بههمراه منطقهبندی در پلاژیوکلاز؛ B) بافت پورفیروییدی و افیتیک در پیروکسنکوارتزمونزونیت؛ C) بافت پورفیری و درشتبلور پلاژیوکلاز با منطقهبندی و بافت غربالی؛ D) پیروکسنهای سالم بههمراه پیروکسنهای کلسیتی و کلریتیشده؛ E) زنوکریست کوارتز با حاشیه واکنشی؛ F) الیوینهای دگرسانشده (سرپانتینیشده بههمراه پیدایش اکسیدهای آهن) (Pl: پلاژیوکلاز؛ Px: پیروکسن؛ Bt: بیوتیت؛ Srp: سرپانتین؛ Qtz: کوارتز؛ Cal: کلسیت؛ Ol: الیوین)
آپاتیت، زیرکن، بیوتیت و کانیهای کدر از کانیهای فرعی هستند. سریسیت، کلسیت، کلریت، بیوتیت و کانیهای کدر از کانیهای ثانویه بوده و از دگرسانی کانیهای اولیه سنگ پدید آمدهاند. همه کانیهای یادشده، در زمینهای ریزبلور از کوارتز و فلدسپار (پلاژیوکلاز و آلکالیفلدسپار) هستند. بیشتر پلاژیوکلازها منطقهبندی و بافت غربالی دارند. بیشتر پلاژیوکلازها سالم هستند؛ اما گاه سریسیتی و سوسوریتی شدهاند. بیشتر کلینوپیروکسنها سالم هستند؛ اما گاه به کلسیت، کلریت و اکسیدهای آهن دگرسان شدهاند (شکل 6- D). بیشتر هورنبلندها بهصورت بلورهای نیمهشکلدار و در گاه شکلدار دیده میشوند. فراوانی این کانیها از کلینوپیروکسنها کمتر است و بیشترشان به کلریت و اکسیدهای آهن دگرسان شدهاند. همچنین، در یکی از نمونهها، بیگانهبلور کوارتز بهصورت گردشده و با حاشیه واکنشیِ از جنس کلریت در ابعاد نزدیک به یک میلیمتر دیده شد (شکل 6-E).
3- الیوین گابروی خانچای
در بررسیهای ماکروسکوپی، این توده بافت گرانولار دانهدرشت، بههمراه بافتهای افیتیک و سابافیتیک دارد. همچنین، در بخشهای سالم به رنگ خاکستری تیره و در بخشهای دگرسانشده، به رنگ روشنتر هستند. در بررسیهای میکروسکوپی، این سنگها دربردارندة کانیهای اصلیِ پلاژیوکلاز، کلینوپیروکسن و الیوین، کانیهای فرعیِ آپاتیت و کانیهای کدر و کانیهای ثانویة کلریت، کلسیت، سرپانتین، اپیدوت، اکتینولیت و کانیهای کدر هستند. این سنگها در مقایسه با توده پیروکسنکوارتزمونزونیت خانچایی، دانه درشتتر هستند و بافتهای هتروگرانولار، افیتیک و سابافیتیک دارند. پلاژیوکلازها با درجههای گوناگون به سریسیت و کلسیت دگرسان شدهاند. در برخی از این بلورها، منطقهبندی و بافت غربالی دیده میشوند. در برخی از بلورهای کلینوپیروکسن، ماکلهای نواری و کارلسباد دیده میشوند. در راستای شکستگیها و رخهای کلینوپیروکسنها، دگرسانی ضعیف به اکتینولیت رخ داده است. پلاژیوکلاز که درون برخی بلورهای کلینوپیروکسن دیده میشود، بافت افیتیک و سابافیتیک را در این سنگها پدید آورده است. الیوین دیگر کانی اصلی سازندة این سنگهاست که بیشتر بهصورت بلورهای دگرسانشده و با فراوانی نزدیک به 10 درصد حجمی دیده میشود. بلورهای این کانی بهصورت بلورهای نیمهشکلدار تا بیشکل هستند و با مجموعه سرپانتین، کلریت و اکسیدهای آهن جایگزین شدهاند (شکل 6- F). در برخی نمونهها، میانبارهای الیوین دگرسانشده نیز درون پیروکسنها دیده میشوند.
زمینشیمی
برای بررسیهای زمینشیمیایی تودههای الیوینگابرویی و پیروکسنکوارتزمونزونیتی خانچای- علیآباد، شمار 7 نمونه از توده پیروکسنکوارتزمونزونیت خانچای، 3 نمونه از توده علیآباد و 2 نمونه از الیوین گابروی خانچای به روشهای XRF و ICP–MS در آزمایشگاه شرکت کیمیا پژوه البرز اصفهان تجزیه شدند (جدول 1). در نمودار SiO2 در برابر Na2O+K2O، نمونههای پیروکسنکوارتزمونزونیت در محدوده سابآلکالن و نمونههای الیوینگابرو در گسترة آلکالن جای گرفتهاند (شکل 7- A). در نمودار AFM، همه نمونهها در گسترة کالکآلکالن هستند (شکل 7- B). برپایه نمودار SiO2 در برابر K2O، نمونههای تودههای بررسیشده در محدوده کالکآلکالن پتاسیم متوسط تا بالا هستند (شکل 7- C).
شکل 7- جایگاه نمونههای تودههای نفوذی منطقه خانچای- علیآباد (خاور زنجان) روی نمودارهای: A) Na2O+K2O در برابر SiO2 (Irvine and Baragar, 1971)؛ B) AFM (Irvine and Baragar, 1971)؛ C) SiO2 در برابر K2O (Peccerillo and Taylor, 1976)
در نمودار A/CNK در برابر A/NK، همه نمونههای پیروکسنکوارتزمونزونیتی در محدوده متاآلومین جای گرفتهاند (شکل 8- A). در نمودار نسبت کاتیونی A-B، اندیس آلومینیم سنگهای آذرین با دقت بیشتری سنگها را از یکدیگر جدا میکند و همه نمونههای یادشده در این نمودار سرشت متاآلومین را نشان میدهند (شکل 8- B).
2-1-1-1-
شکل 8- جایگاه نمونههای تودههای نفوذی منطقه خانچای- علیآباد (خاور زنجان) روی: A) نمودار A/NK- A/CNK(Maniar and Piccoli, 1989)؛ B) نمودار کاتیونی A-B (Villaseca et al., 1998)
برای شناسایی نوع گرانیتوییدهای A، I و S از نمودارهای Whalen و همکاران (1987) بهره گرفته شد. برپایه این نمودارها، همة نمونههای پیروکسنکوارتزمونزونیتی در محدوده گرانیتوییدهای نوع I و S هستند (شکل 9-A). برای تفکیک گرانیتهای نوع I و A، نمودار SiO2 در برابر Zr بهکار برده شد. در این نمودار، همه نمونهها در محدوده گرانیتهای نوع I هستند (شکل 9- B). افزونبر نمودارهای یادشده، نشانهها و ویژگیهای کانیشناسی و زمینشیمیایی نشاندهنده I-type بودن تودههای نفوذی منطقه خانچای- علیآباد هستند. مانند: دارابودنِ کلینوپیروکسن، هورنبلند و اسفن و نبود مسکوویت، کردیریت، گارنت، آندالوزیت و سیلیمانیت؛ دارابودنِ برخی انکلاوهای میکروگرانولار و نبود انکلاوهای سورمیکاسه؛ نبود کرندوم در نورم این سنگها؛ نیز روند کاهشی P2O5 در برابر SiO2 که با تبلور آپاتیت در گرانیتهای نوع I توجیهشدنی است (Chappell and White, 1992).
شکل 9- شناسایی نوع گرانیتوییدهای منطقه خانچای- علیآباد (خاور زنجان). A) برپایه نمودارهای شناسایی گرانیتهای نوع I و S از A (Whalen et al., 1987)؛ B) نمودار SiO2 در برابر Zr (Collins et al., 1982)؛ C) روند تغییر P2O5 در برابر SiO2
در نمودارهای عنکبوتی که عنصرهای کمیاب و خاکی کمیاب تودههای الیوین گابرویی و پیروکسنکوارتزمونزونیتی منطقه خانچای- علیآباد در برابر ترکیب پیشنهادیِ Thompson (1982) برای کندریت بهنجار شدهاند (شکل 10- A)، این تودهها از عنصرهای لیتوفیل بزرگیون (LILE) در برابر عنصرهای با میدان پایداری بالا (HFSE)، غنیشدگی کمابیش بیشتری نشان میدهند. بیهنجاری مثبت عنصرهای LILE (مانند: K، Ba و Th) بههمراه بیهنجاری منفی عنصرهای HFSE (مانند: Nb و Ti) از ویژگیهای ماگماهای پدیدآمده در پهنههای فرورانشی است (Pearce, 1982; Wilson, 1989; Foley and Wheler, 1990; Pearce and Parkinson, 1993; Wang and Chung, 2004; Vetrin and Rodionov, 2008). از سوی دیگر، به باور برخی پژوهشگران (مانند: Saunders et al., 1992; Rollinson, 1993; Lehmann and Sisson, 1996; Kuster and Harms, 1998; Dostal et al., 2001; Nagudi et al., 2003; Shang et al., 2004)، بیهنجاری منفی Nb و Ti ویژگی آشکار سنگهای پوسته قارهای و شرکت پوسته در فرایندهای ماگمایی است. بیهنجاری مثبت در عنصرهایی مانند K و Th، بازتابی از نقش پوسته قارهای در تحولات ماگمای سازندة تودههای نفوذی بررسیشده است که از آن با نام تسلط پوستهای یاد میشود (Harris et al., 1986). بیهنجاری منفی Sr در نمونههای پیروکسنکوارتزمونزونیتی چهبسا پیامد فرایند جدایش بلوری کانی پلاژیوکلاز است. به باور Barnes و همکاران (2001)، جدایش بلوری پلاژیوکلاز باعث کاهش Sr و افزایش بیهنجاری منفی Eu هنگام تبلور ماگما میشود. در نمونههای الیوین گابرویی، بیهنجاری منفی Sr دیده نمیشود و این پدیده چهبسا پیامد تمرکز بالاتر پلاژیوکلازهای کلسیک در این سنگها باشد.
در الگوی تغییر عنصرهای کمیاب بهنجارشده در برابر ترکیب گوشته اولیه (Taylor and McLennan, 1985) برای نمونههای بررسیشده نیز همانند نمودار بهنجارشده در برابر ترکیب کندریت، غنیشدگی از LILE و عنصرهای خاکی کمیاب سبک (LREE) همراه با تهیشدگی از HFSE در نمونههای الیوینگابرویی و پیروکسنکوارتزمونزونیتی دیده میشود (شکل 10- B). در نمودار بهنجارشده به ترکیب گوشته اولیه، در نمونههای بررسیشده بیهنجاری مثبت Pb دیده میشود که چهبسا به متاسوماتیسم گوة گوشتهای با سیالهای آزادشده از پوسته اقیانوسی فرورونده و یا آلایش ماگما با سنگهای پوسته قارهای ارتباط داشته باشد (Kamber et al., 2002). بیگانهبلور کوارتز در توده پیروکسنکوارتزمونزونیتی علیآباد از نشانههای میکروسکوپی آلایش پوستهای است. همچنین، بیهنجاری منفی Nb و Ta آشکارا در همه نمونههای بررسیشده دیده میشود. این پدیده نشاندهنده ماگماهای مربوط به پهنههای حاشیه فعال قارهای است و چهبسا پیامد آلودگی پوسته و سیالهای آزادشده از سنگکرة فرورونده باشد (Aldanmaz et al., 2000). در کل، برپایه شکلهای 10- A و 10- B و نیز عوامل گوناگونی که بیهنجاریهای مثبت و منفی عنصرها را پدید میآورند، ماگمای نخستین سازندة تودههای نفوذی بررسیشده در پهنهای فرورانشی پدید آمده و در ادامه با مواد پوستهای آلایش یافته است.
شکل 10- نمونههای منطقه خانچای- علیآباد (خاور زنجان) در نمودار: A) الگوی عنصرهای کمیاب بهنجارشده به ترکیب کندریت (Thompson, 1982)؛ B) الگوی عنصرهای کمیاب بهنجارشده به ترکیب گوشته اولیه (Taylor and McLennan, 1985)؛ C) الگوی عنصرهای خاکی کمیاب بهنجارشده به ترکیب کندریت (McDonough and Sun, 1995)؛ D) نمودار الگوی عنصرهای خاکی کمیاب توده پیروکسنکوارتزمونزونیت ذاکر (Nabatian et al., 2014b) در برابر ترکیب کندریت (Nakamura, 1974)
در نمودار عنصرهای خاکی کمیاب بهنجارشده در برابر ترکیب کندریت (McDonough and Sun, 1995) برای نمونههای پیروکسنکوارتزمونزونیتی، الگویی کمابیش پرشیب و غنی از عنصرهای LREE با الگوی مسطح عنصرهای خاکی کمیاب سنگین (HREE)، نسبت بالای LREE/HREE و بیهنجاری منفی مشخص Eu دیده میشود (شکل 10- C). روند نمونههای الیوینگابرو نیز مشابه است؛ اما نسبت LREE/HREE آنها بالاتر است و بیهنجاری منفی Eu ندارند. نسبت Eu/Eu* در پیروکسنکوارتزمونزونیتها برابر 54/0- 83/0 و در الیوینگابروها برابر با 97/0 تا 02/1 است. همچنین، نسبت Lan/Ybn در پیروکسنکوارتزمونزونیتها برابر 72/3- 08/3 و در الیوینگابروها برابر 67/4-53/4 است. غنیشدگی LREE در برابر HREE چهبسا پیامد درجه کم ذوببخشی، بالابودن مقدار LREE در برابر HREE در سنگ خاستگاه (Wilson, 1989; Wright and McCurry, 1997)، گارنت بجامانده در سنگ خاستگاه (Zhou et al., 2007)، آلودگی ماگما با مواد پوستهای (Srivastava and Sigh, 2004) و جدایش بلوری باشد. درجههای کم ذوببخشی بههمراه آلودگی پوستهای از مهمترین عوامل برای غنیشدگی LREE در برابر HREE بهشمار میروند. بالابودن مقدار عنصرهای LREE در برابر HREE از ویژگیهای روشن سنگهای کمان آتشفشانی در پهنههای فرورانشِ مرز فعال قارهای است (Pearce, 1982; Wilson, 1989; Ma et al., 2014). الگوی مسطح عنصرهای HREE همراه با بیهنجاری منفی مشخص Eu نشاندهنده اهمیت جدایش بلوری پلاژیوکلاز و حضور کانیهایی مانند کلینوپیروکسن (برای تمرکز دادن به عنصرهای HREE) در سنگهای بررسیشده است. به باور Wilson (1989)، اگر بیهنجاری منفی Eu با بیهنجاری منفی Sr همراه باشد، جدایش بلوری پلاژیوکلاز عامل پیدایش بیهنجاری منفی Eu است. برپایه بیهنجاری منفی Sr در نمونههای پیروکسنکوارتزمونزونیتی (شکل 10-A و 10-B)، پس بیهنجاری منفی Eu پیامد جدایش بلوری پلاژیوکلاز در این سنگها بوده است. این در حالی است نبود بیهنجاری منفی Eu در الیوینگابروها چهبسا به نبود جدایش و جدایش بلوری پلاژیوکلاز در هنگام بالاآمدن ماگما و تمرکز این کانی در الیوینگابروها وابسته است. همچنین، تمرکز کمتر HREE در این سنگها در ارتباط با محتوای کمتر آمفیبول این سنگها دانسته میشود (Marks et al., 2004).
در کل، برپایه الگوی کمابیش پرشیب غنی از عنصرهای LREE و الگوی مسطح عنصرهای خاکی کمیاب سنگین (HREE) با نسبت بالای LREE/HREE برای تودههای نفوذی بررسیشده، این سنگها از خاستگاه ماگمایی مشترکی پدید آمدهاند و پیامد درجه کمی از ذوببخشی گوشته غنیشده در پهنهای فرورانشی هستند. مقایسه الگوی عنصرهای خاکی کمیاب تودههای پیروکسنکوارتزمونزونیتی خانچای- علیآباد با توده پیروکسنکوارتزمونزونیت ذاکر (Nabatian et al., 2014b) نشاندهندة همانندیِ کامل این تودههاست (شکل 10- D) و وابستگی زایشی تودههای نفوذی بررسیشده با توده نفوذی ذاکر را نشان میدهد.
جایگاه زمینساختیِ ماگما (تکتونوماگمایی)
نمودارهای شناسایی پهنههای زمینساختیِ ماگما، نمودارهای تغییرات زمینشیمیایی هستند که برپایه آنها، ماگماهای پدیدآمده در پهنههای زمینساختی گوناگون برپایه ویژگیهای شیمیایی از یکدیگر شناخته میشوند (Rollinson, 1993). برپایه نمودار کاتیونی R1 و R2 (Batchelor and Bowden, 1985)، بیشتر نمونههای تودههای نفوذی منطقه خانچای- علیآباد در محدوده بالازدگی پس از برخورد هستند (شکل 11- A). در نمودار دو متغیره Nb+Y در برابر Rb، سنگهای بررسیشده در محدوده مشترک گرانیتهای کمان آتشفشانی (VAG) و پسابرخوردی (Post-COLG) هستند (شکل 11- B). Muller و Groves (1997) نمودارهایی را برپایه درصد وزنی اکسیدهای اصلی (Al2O3، TiO2 و P2O5) و عنصرهای کمیاب (Ce، Y و Zr) برای شناسایی پهنههای زمینساختی گوناگون پیدایش سنگهای گرانیتی پتاسیک پیشنهاد کردهاند. همانگونهکه در شکل 11- C دیده میشود، همه نمونههای بررسیشده در نمودار Zr در برابر Y، در محدوده گرانیتوییدهای مرتبط با کمان هستند. در نمودار TiO2/Al2O3 در برابر Zr/Al2O3 (شکل 11- D)، همه نمونهها در محدوده مشترک کمانهای مرز فعال قارهای (CAP) و کمانهای پسابرخوردی (PAP) جای گرفتهاند. در نمودار Zr/TiO2 در برابر Ce/P2O5 (شکل 11- E)، نیز نمونهها در محدوده کمانهای پسابرخوردی (PAP) جای گرفتهاند.
شکل 11- نمونههای تودههای نفوذی منطقه خانچای- علیآباد (خاور زنجان) روی: A) نمودار نمودار R2 - R1 (Batchelor and Bowden, 1985)؛ B) نمودار Y+Nb در برابر Rb (Pearce, 1996)؛ C) نمودار Zr در برابر Y (Muller and Groves, 1997)؛ D) نمودار TiO2/Al2O3 در برابر Zr/Al2O3 (Muller and Groves, 1997)؛ E) نمودار Zr/TiO2 در برابر Co/P2O5 (Muller and Groves, 1997)
برپایه ردهبندی Barbarin (1999)، گرانیتوییدهای منطقه بررسیشده از نوع گرانیتوییدهای کالکآلکالن آمفیبولدار (ACG) دانسته میشوند. به باور Barbarin (1999)، گرانیتوییدهای کالکآلکالن ACG در بالای پهنههای فرورانشی پدید میآیند.
به باور Morata و همکاران (2005)، نسبتهای کم Zr/Nb (6/7-3/6)، Th/Nb (15/0-09/0)، Ba/Nb (4/17-6/7)، La/Nb (03/1-76/0)، Th/La (15/0-11/0) و Ba/La (9/16-10) نشاندهنده فعالیتهای ماگمایی مرتبط با گوشته غنی شده هستند. درحالیکه، این نسبتها در ماگماهای جداشده از پوسته بهصورت Th/Nb (44/0)، Ba/Nb (54)، La/Nb (2/2) و Zr/Nb (2/16) گزارش شدهاند (Weaver and Tarney, 1984). در جدول 1، مقایسه این نسبتها برای تودههای نفوذی بررسیشده، نشاندهندة گرایش آنها به ترکیب حد واسط مذابهای جداشده از گوشته غنیشده و پوسته است. در پهنههای فرورانشی، میزان Th افزایش مییابد؛ اما نسبت Th/Ta در سنگهای پدیدآمده در فرایند فرورانشِ مرز فعال قارهها در بازة 20-6 متغیر است (Gorton and Schandle, 2000). این نسبت برای تودههای نفوذی بررسیشده برابر 38/17-9 است (جدول 1). این نکته نشاندهنده پیدایش سنگهای منطقه بررسیشده در پهنه فرورانشی مرز فعال قارهای است. تودههای نفوذی منطقه بررسیشده از عنصرهای HFSE تهی بوده و نسبت Nb/Y در آنها کم است (میانگین 39/0؛ جدول 1). نسبتهای Nb/Y (32/0 تا 72/1) از ویژگی سنگهایی است که در کمانهای ماگمایی مرتبط با پهنههای فرورانشی پدید آمدهاند (Temel et al., 1998). نسبتهای Ba/Nb بیشتر از 28 شاخص سنگهایی است که در پهنههای مرتبط با فرورانش و در مرز فعال قارهای پدید آمدهاند (Fitton et al., 1988). این نسبت در نمونههای بررسیشده برابر 22 تا 87 بوده و بهمیانگین آن نزدیک به 40 است (جدول 1).
در کل، برپایه همه دادههای زمینشیمیایی و نسبتهای عنصرهای ناسازگار یادشده، تودههای نفوذی منطقه بررسیشده در پهنه پسابرخوردی و از خاستگاه غالب گوشتهای غنیشده بههمراه مقداری مواد پوستهای پدید آمدهاند.
بحث و نتیجهگیری
همانگونهکه پیشتر گفته شد، سنگهای منطقه بررسیشده با ترکیب پیروکسنکوارتزمونزونیتی از ماگمای کالکآلکالن پتاسیم متوسط تا بالا خاستگاه گرفتهاند. بیشتر سنگهای ماگمایی کالکآلکالن پتاسیم بالا در کمانهای ماگمایی و پهنههای زمینساختی پس از برخورد پدید میآیند (Foley and Peccerillo, 1992; Turner et al., 1996) و بهندرت در محیطهای درونصفحهای دیده شدهاند (Muller and Groves, 1997; Bonin, 2004). به باور Turner و همکاران (1996)، ماگماتیسم پتاسیک پسابرخوردی از ویژگیهای متداول بسیاری از کمربندهای کوهزایی برخوردی در جهان است. افزونبر این، برای سنگهای آتشفشانی غنی از پتاسیم الیگوسن- پلییستوسن در باختر مدیترانه نیز خاستگاه گوشته متاسوماتیسمشده در هنگام فرورانش پیشنهاد شده است (Conticelli et al., 2009). از سوی دیگر، غنیشدگی در LILE و LREE، بههمراه بیهنجاری منفی Nb و Ti، نشانة ماگماهای وابسته به پهنه فرورانش است (Wilson, 1989; Foley and Wheler, 1990; Pearce and Parkinson, 1993; Wang and Chung, 2004; Vetrin and Rodionov, 2008). این ماگماها خاستگاه گوشتهای غنیشده از عنصرهای LILE توسط سیالهای متاسوماتیک جداشده از رسوبها یا صفحه فرورونده دارند (Pearce, 1982; Hawkesworth et al., 1997; Cameron et al., 2003). بررسیهای ایزوتوپی Nd-Sr بهدست Nabatian و همکاران (b2014) روی تودههای نفوذی منطقه طارم (محور سرخهدیزج- زنجان) نشاندهنده یک خاستگاه گوشته سنگکرهای غنیشده برای این تودههاست. ازاینرو، پیدایش تودههای نفوذی غنی از پتاسیم منطقه خانچای- علیآباد نیز در ارتباط با گوشته سنگکرهای غنیشده مرتبط با فرورانش و در یک پهنه پساخوردی بوده است.
اگرچه زمان برخورد دو صفحه قارهای عربستان- اوراسیا بسیار بحث برانگیز است، اما بیشتر پژوهشگران این زمان را از کرتاسه پایانی تا اواخر الیگوسن و میوسن میدانند (Berberian and King, 1981; Alavi, 1994; Agard et al., 2011; Verdel et al., 2011). Ghasemi و Talbot (2005) سن ائوسن آغازی تا میانی را برای برخورد زمیندرز زاگرس پیشنهاد کردهاند. برپایه دادههای Nabatian و همکاران (b2014)، سن آغاز برخورد میان صفحه عربستان و اوراسیا در کوههای البرز باختری، ائوسن میانی (نزدیک به 50 میلیون سال پیش) بوده است. این سن با دادههای سنسنجی بهدستآمده از زیرکن در گرانیت خرمدره (خاور طارم) با ویژگی نوع I وابسته به فرورانش نیز همخوانی دارد (Hassanzadeh et al., 2008). سن برخورد هنگامی است که فرورانش پایان یافته است. پس، برای بخشی از کمربند کوهزایی تتیس، زمان میان جوانترین پلوتونیسم فرورانش فعال (53 میلیون سال پیش) و زمان پلوتونیسم پس از برخورد (نزدیک به 40 میلیون سال پیش)، نزدیک به 13 میلیون سال برآورد شده است (Nabatian et al., 2014b). ازاینرو، پهنه کششی پس از برخورد، در پی بیهنجاری گرمایی هنگام بالا آمدن سستکره، سنگکرة گوشتهای غنیشده دچار ذوببخشی شده و مذاب پتاسیم بالا در بخش ماگمایی طارم در طول ائوسن بالایی پدید آمده است. گمان میرود نازکشدن پوسته در کمربند البرز- آذربایجان پیش از 40 میلیون سال پیش و پس از 53 میلیون سال پیش آغاز شده باشد (Nabatian et al., 2014b). در منطقه طارم، نازکشدن پوسته بههمراه بالاآمدن مواد داغ سستکره بهآسانی گوشته ناهمگن متاسوماتیسمشده را دچار ذوببخشی کرده و پیدایش ماگماهای گوناگون از دیدگاه ترکیبی (مانند: پیروکسنکوارتزمونزونیت و الیوینگابرو) را در پی داشته است.
در کل، تودههای نفوذی بررسیشده (که از دیدگاه جایگاه مکانی، نزدیکِ تودههای نفوذی بررسیشدة Nabatian و همکاران (b2014) هستند)، ترکیب پیروکسنکوارتزمونزونیت با خاستگاه کالکآلکالن پتاسیم متوسط تا بالا و متاآلومین دارند و از گرانیتهای نوع I هستند و در پهنه کششی پسابرخوردی پدید آمدهاند. در پهنه کششی یادشده سستکره بالا آمده و در پی ذوببخشی گوشته سنگکرهایِ زیرقارهای متاسوماتیسم شده است.
سپاسگزاری
نگارندگان از پشتیبانیهای مالی دانشگاه زنجان برای انجام این پژوهش سپاسگزاری میکنند. همچنین، نگارندگان از داوران گرامی مقاله برای راهنماییهای علمی ارزندهشان که مقاله را پربارتر کرد، بسیار سپاسگزار هستند.